Saraswati Yantra: किसी भी काम में सफलता पाने के लिए कड़ी मेहनत की जरूरत होती है। चाहे वो नौकरी का काम हो या फिर पढ़ाई का काम हो। लेकिन जब कई बार कठिन परिश्रम के बाद भी सफलता हासिल नहीं हो पाती तो कई लोग तमाम तरह के उपाय भी करते हैं। कोई ग्रह शांति पूजा करता है तो कोई रत्न धारण करता है। लेकिन वैदिक ज्योतिष में शिक्षा में सफलता प्राप्त करने के लिए सरस्वती यंत्र के बारे में भी बताया गया है। कहते हैं कि इसकी साधना से मां सरस्वती की विशेष कृपा प्राप्त होती है।

क्या है सरस्वती यंत्र? इस यंत्र का प्रयोग बौद्धिक शक्ति, एकाग्र शाक्ति और ज्ञान को प्राप्त करने के लिए होता आ रहा है। कहते हैं कि देवी सरस्वती को प्रसन्न करने के लिए इस यंत्र की उपासना करनी चाहिए। अगर पढ़ाई में मन नहीं लग रहा है, याददाश्त कमजोर है, एकाग्रता की कमी है या परीक्षा में भय बना रहता है तो ऐसे में इस यंत्र को धारण करने की सलाह दी जाती है। मान्यता है कि इस यंत्र के प्रभाव से परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त होने के आसार बढ़ जाते हैं।

सरस्वती यंत्र के लाभ: इस यंत्र की पूजा करने से बौद्धिक शक्ति और एकाग्र शक्ति बढ़ती है। यदि आप परीक्षा में सफलता पाना चाहते हैं तो इस यंत्र के सामने ”ऊॅं ऐं महासरस्वत्यै नम:” मंत्र का एक माला जाप करना चाहिए। मान्यता है कि इस यंत्र को स्थापित करने से बुद्धि प्रखर होती है। जीवन में आ रही बाधाएं दूर हो जाती हैं। कुंडली में कई प्रकार के दोषों से मुक्ति के लिए ये यंत्र लाभकारी साबित हो सकता है। यह भी पढ़ें- हस्तरेखा: हथेली में ये निशान भाग्यशाली होने का है सूचक, ऐसे लोगों के पास धन की नहीं रहती कमी

ध्यान रखने वाली बातें: किसी भी यंत्र का लाभ तभी प्राप्त होता है जब उस यंत्र को शुद्धिकरण, प्राण प्रतिष्ठा और ऊर्जा संग्रही की प्रक्रियाओं द्वारा विधिवत बनाया गया हो। इसलिए इस यंत्र को खरीदने के बाद किसी अनुभवी ज्योतिषी से इसे अभिमंत्रित जरूर करा लें और घर की सही दिशा में ही इसे स्थापित करें। इस यंत्र की स्थापना के लिए बुधवार दिन अच्छा माना जाता है।