Chaitra Navratri Maa Durga Aarti Lyrics in Hindi Ambe Tu Hai Jagdambe Kali Jai Durge Khappar Wali Aarti Lyrics(अंबे तू है जगदम्‍बे आरती):
चैत्र नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की विधिवत पूजा करने के साथ-साथ व्रत रखने का विधान है। मान्यता है कि मैं दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा करने के साथ व्रत रखने से जातकों के हर एक दुख-दर्द दूर हो जाता है और सुख-समृद्धि, धन-वैभव की प्राप्ति होती है। इस साल चैत्र नवरात्रि 30 मार्च से आरंभ होकर 6 अप्रैल को रामनवमी के साथ समाप्त होगी।  इस दौरान मां दुर्गा के 9 स्वरूप यानी शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, मां कुष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और सिद्धिदात्री की पूजा की जाएगी। नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा की पूजा करने के साथ मंत्र, चालीसा, दुर्गा सप्तशती का पाठ करने के साथ-साथ अंत में इस आरती को अवश्य पढ़ना चाहिए। इससे आपकी पूजा पूर्ण हो जाती है। आइए जानते हैं मां दुर्गा की जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी संपूर्ण आरती…

मां दुर्गा आरती (Maa Durga Aarti)

जय अम्बे गौरी,
मैया जय श्यामा गौरी ।
तुमको निशदिन ध्यावत,
हरि ब्रह्मा शिवरी ॥
ॐ जय अम्बे गौरी..॥

मांग सिंदूर विराजत,
टीको मृगमद को ।
उज्ज्वल से दोउ नैना,
चंद्रवदन नीको ॥
ॐ जय अम्बे गौरी..॥

कनक समान कलेवर,
रक्ताम्बर राजै ।
रक्तपुष्प गल माला,
कंठन पर साजै ॥
ॐ जय अम्बे गौरी..॥

केहरि वाहन राजत,
खड्ग खप्पर धारी ।
सुर-नर-मुनिजन सेवत,
तिनके दुखहारी ॥
ॐ जय अम्बे गौरी..॥

कानन कुण्डल शोभित,
नासाग्रे मोती ।
कोटिक चंद्र दिवाकर,
सम राजत ज्योती ॥
ॐ जय अम्बे गौरी..॥

शुंभ-निशुंभ बिदारे,
महिषासुर घाती ।
धूम्र विलोचन नैना,
निशदिन मदमाती ॥
ॐ जय अम्बे गौरी..॥

चण्ड-मुण्ड संहारे,
शोणित बीज हरे ।
मधु-कैटभ दोउ मारे,
सुर भयहीन करे ॥
ॐ जय अम्बे गौरी..॥

ब्रह्माणी, रूद्राणी,
तुम कमला रानी ।
आगम निगम बखानी,
तुम शिव पटरानी ॥
ॐ जय अम्बे गौरी..॥

चौंसठ योगिनी मंगल गावत,
नृत्य करत भैरों ।
बाजत ताल मृदंगा,
अरू बाजत डमरू ॥
ॐ जय अम्बे गौरी..॥

तुम ही जग की माता,
तुम ही हो भरता,
भक्तन की दुख हरता ।
सुख संपति करता ॥
ॐ जय अम्बे गौरी..॥

भुजा चार अति शोभित,
वर मुद्रा धारी । [खड्ग खप्पर धारी]
मनवांछित फल पावत,
सेवत नर नारी ॥
ॐ जय अम्बे गौरी..॥

कंचन थाल विराजत,
अगर कपूर बाती ।
श्रीमालकेतु में राजत,
कोटि रतन ज्योती ॥
ॐ जय अम्बे गौरी..॥

श्री अंबेजी की आरती,
जो कोइ नर गावे ।
कहत शिवानंद स्वामी,
सुख-संपति पावे ॥
ॐ जय अम्बे गौरी..॥

जय अम्बे गौरी,
मैया जय श्यामा गौरी ।

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