दिवाली हिंदुओं का एक प्रमुख त्योहार है। इस दिन विशेष रूप से धन की देवी मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है। हर साल कार्तिक मास की अमावस्या को ये त्योहार मनाया जाता है। इस दिन लोग अपने घरों को दीयों की रोशनी से सजाते हैं। लक्ष्मी माता को प्रसन्न करने के लिए घर के मुख्य द्वार पर रंगोली बनाई जाती है तो तरह-तरह की चीजों से घर को सजाया जाता है। इस दिन साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दिया जाता है। क्योंकि ऐसा माना जाता है कि देवी लक्ष्मी साफ-सुथरे घर में प्रवेश करती हैं। माता लक्ष्मी की प्रसन्न करने के लिए इस दिन पूजा के समय उनकी इस आरती को उतारना न भूलें।
Laxmi Ji Ki Aarti: यहां पढ़े लक्ष्मी जी की आरती लिरिक्स इन हिंदी
माता लक्ष्मी की आरती (Lakshmi Mata Ki Aarti):
ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता
तुमको निशदिन सेवत, हरि विष्णु विधाता
ॐ जय लक्ष्मी माता-2
उमा, रमा, ब्रह्माणी, तुम ही जग-माता
सूर्य-चन्द्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता
ॐ जय लक्ष्मी माता-2
दुर्गा रूप निरंजनी, सुख सम्पत्ति दाता
जो कोई तुमको ध्यावत, ऋद्धि-सिद्धि धन पाता
ॐ जय लक्ष्मी माता-2
तुम पाताल-निवासिनि, तुम ही शुभदाता
कर्म-प्रभाव-प्रकाशिनी, भवनिधि की त्राता
ॐ जय लक्ष्मी माता-2
जिस घर में तुम रहतीं, सब सद्गुण आता
सब सम्भव हो जाता, मन नहीं घबराता
ॐ जय लक्ष्मी माता-2
तुम बिन यज्ञ न होते, वस्त्र न कोई पाता
खान-पान का वैभव, सब तुमसे आता
ॐ जय लक्ष्मी माता-2
शुभ-गुण मन्दिर सुन्दर, क्षीरोदधि-जाता
रत्न चतुर्दश तुम बिन, कोई नहीं पाता
ॐ जय लक्ष्मी माता-2
महालक्ष्मीजी की आरती, जो कोई नर गाता
उर आनन्द समाता, पाप उतर जाता
ॐ जय लक्ष्मी माता-2
ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता
तुमको निशदिन सेवत,
मैया जी को निशदिन सेवत हरि विष्णु विधाता
ॐ जय लक्ष्मी माता-2
दिवाली पूजा शुभ मुहूर्त:
लक्ष्मी पूजा मुहूर्त- 06:09 पी एम से 08:04 पी एम
अवधि- 01 घण्टा 56 मिनट्स
प्रदोष काल – 05:34 पी एम से 08:10 पी एम
वृषभ काल – 06:09 पी एम से 08:04 पी एम