Laghu Rudrabhishek vs Maha Rudrabhishek: सावन का पावन महीना भगवान शिव की आराधना के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। पंचांग के अनुसार, इस साल सावन मास की शुरुआत 11 जुलाई से हुई है और इसका समापन 9 अगस्त को होगा। इस दौरान कुल 4 सावन सोमवार पड़ेंगे, जिसमें पहला सावन सोमवार व्रत आज यानी 14 जुलाई को रखा जा रहा है। ऐसी मान्यता है कि श्रावण में विधिपूर्वक पूजा-अर्चना करने और सोमवार व्रत रखने से भोलेनाथ जल्दी प्रसन्न होकर जीवन के समस्त दुखों, कष्टों और दोषों का नाश कर देते हैं। वहीं, इस दौरान रुद्राभिषेक का विशेष महत्व होता है, जिससे शिवजी की विशेष कृपा प्राप्त होती है। भक्त पूरे मन से रुद्राभिषेक करते हैं ताकि उनकी सभी इच्छाएं पूर्ण हों। लेकिन क्या आप जानते हैं कि सावन में लघु रुद्राभिषेक करना अधिक फलदायी होता है या महा रुद्राभिषेक? ऐसे में आइए जानते हैं दोनों अभिषेकों का महत्व और उनके लाभ।

रुद्राभिषेक क्या है?

रुद्राभिषेक भगवान शिव की प्रिय पूजन विधि है, जिसमें भगवान शिव के शिवलिंग का अभिषेक किया जाता है। इसमें जल, दूध, दही, घी, शहद, गन्ने का रस आदि चीजों का इस्तेमाल किया जाता है। इसके साथ ही, मंत्रों का उच्चारण किया जाता है। यह पूजा नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने, मन को शांत करने और सुख-समृद्धि बढ़ाने में अत्यंत प्रभावी मानी जाती है। विशेष रूप से सावन माह में इसका महत्व कई गुना बढ़ जाता है। ऐसा माना जाता है कि सावन माह में रुद्राभिषेक करने से घर में सुख-शांति आती है और शिव जी की कृपा प्राप्त होती है।

लघु रुद्राभिषेक के लाभ

लघु रुद्राभिषेक शिव की कृपा पाने का सरल और प्रभावशाली उपाय है। इसमें भक्त शिवलिंग पर जल, दूध, शहद अर्पित करते हुए ‘ॐ नमः शिवाय’ या महामृत्युंजय मंत्र का जप करते हैं। इसमें आमतौर पर पार्थिव शिवलिंग या किसी शिव मंदिर में स्थित शिवलिंग का अभिषेक किया जाता है। यह पूजा विशेष रूप से मानसिक अशांति, तनाव, नींद की कमी और पारिवारिक कलह को दूर करने में मदद करती है। इसके अलावा मंत्रों के उच्चारण के साथ की गई यह पूजा जीवन की नकारात्मक ऊर्जा को दूर करती है और मन को स्थिरता देती है।

महा रुद्राभिषेक के लाभ

महा रुद्राभिषेक एक अत्यंत विस्तृत और प्रभावशाली वैदिक अनुष्ठान है, जिसमें विशेष पुजारियों द्वारा वेदों में वर्णित मंत्रों के साथ लंबा अभिषेक किया जाता है। इसमें अनेक वेदपाठी पंडित मिलकर विशेष मंत्रों के साथ शिवलिंग पर जल, दूध, घी, शहद और अन्य पवित्र द्रव्यों से अभिषेक करते हैं। यह पूजा विशेष रूप से उन लोगों के लिए की जाती है जिनकी कुंडली में गंभीर दोष जैसे कालसर्प, पितृ दोष या शनि दोष हो। ऐसा माना जाता है कि महा रुद्राभिषेक से जीवन में स्थिरता आती है, आर्थिक संकट दूर होते हैं और परिवार में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। साथ ही, इससे व्यक्ति को गंभीर रोगों से भी छुटकारा मिलता है।

लघु या महा, कौन सा रुद्राभिषेक है ज्यादा शुभ?

अगर आपके पास समय सीमित है और जीवन में कोई बड़ी बाधा या ग्रह दोष नहीं है, तो लघु रुद्राभिषेक भी शिव कृपा पाने के लिए पर्याप्त होता है। लेकिन यदि आप किसी विशेष समस्या जैसे पारिवारिक कलह, आर्थिक तंगी या स्वास्थ्य संबंधी परेशानी से गुजर रहे हैं, तो महा रुद्राभिषेक कराना अधिक शुभ रहेगा। किसी भी अनुष्ठान से पहले योग्य और अनुभवी पंडित से सलाह अवश्य लें ताकि पूजा आपकी स्थिति के अनुसार प्रभावी हो।

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