Laddu Gopal Ki Seva Bina Nahaye Kr Skte Hai Ki Nahi: भगवान श्री कृष्ण का बाल स्वरूप कान्हा हर एक घर में होते हैं जिनकी पूजा विधि-विधान से करने के साथ-साथ उनके खाने-पीने से लेकर सोने तक का ध्यान रखा जाता है। भगवान कृष्ण के बाल स्वरूप लड्डू गोपाल की पूजा-अर्चना करने से साधक की हर एक मनोकामना पूर्ण हो जाती है और जीवन में खुशिय़ां बनी रहती है। आज के समय में अधिकतर घरों में बाल गोपाल विराजित होती है। जिनकी सेवा अपने बच्चे की भांति करते हैं। इतना ही नहीं घर से बाहर निकलते ही उन्हें लेकर निकलते हैं। यात्रा से लेकर बाजार तक में उन्हें साथ लेकर चलते हैं, जिससे वह घर में अकेले न रहें। ऐसे ही वृंदावन के केलिकुंज स्थान पर स्वामी प्रेमानंद महाराज के सत्संग में एक छोटी बच्ची से सवाल किया कि लोग अपने साथ लड्डू गोपाल को लेकर यात्रा करते हैं। फिर वह बिना स्नान किए ऐसे ही साथ रखते हैं। ऐसे में आप बताएं कि क्या बिना स्नान किए ठाकुर जी की सेवा करना सही है?
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इस सवाल का जवाब देते हुए प्रेमानंद महाराज जी ने कहा कि नहीं, ऐसा बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए। ठाकुर जी को ठाकुर जी रहने दीजिए। भले ठाकुर जी के प्रति बाल भाव हो। लेकिन वो भगवान है। इसलिए कभी भी अपवित्र होकर उन्हें नहीं छुना चाहिए। उन्हें भगवान की तरह रखना चाहिए। पवित्र होकर भगवान का स्पर्श करना चाहिए, पवित्र होकर उनकी सेवा करना चाहिए। ऐसा नहीं है कि बेकार में उन्हें साथ होकर घूमते रहें। उनको एक स्थान में, सम्मान पूर्ण के साथ स्थापित करना चाहिए। अगर आप उन्हें कहीं घुमाने ले जा रहे हैं, तो पवित्र होकर शुद्ध वस्त्र धारण करने के बाद ही उन्हें छुएं। कभी भी अपवित्र होकर उन्हें न छुएं।
बता दें कि एक अन्य वीडियो में प्रेमानंद महाराज ने कहा था कि आजकल सोशल मीडिया और अन्य माध्यमों पर लोग गोपाल जी को दूध पिलाते, स्नान कराते, श्रृंगार करते हुए वीडियो बनाते हैं, पोस्टर बनाते हैं, लेकिन यह सच्ची भक्ति नहीं है। भक्ति एक आंतरिक अनुभव है, उसे प्रदर्शन से दूर रखना चाहिए। महाराज जी ने कहा कि ठाकुर जी की सेवा में कुछ बातें तो दिखाई जा सकती हैं जैसे झूला झुलाना, आरती, लेकिन कुछ चीजें इतनी निजी होती हैं कि उन्हें केवल अपने तक ही सीमित रखना चाहिए — जैसे ठाकुर जी का भोग, उनका स्नान, उनका दुलार आदि।
महाराज जी ने जोर देकर कहा कि जब भगवान स्वयं आपके जीवन में प्रेम की लीला करने लगें, तो सच्चा भक्त उसे छुपाता है, न कि प्रचार करता है। उसने सच्चे संतों को देखा है जिन्होंने भगवान से गहरे संबंध स्थापित किए, लेकिन कभी उसका प्रदर्शन नहीं किया। उन्होंने भक्ति के अनुभवों को गुप्त रखा क्योंकि ऐसा करने से ही भक्ति और गहरी होती है। अगर हम दिखावा करने लगें, तो भक्ति क्षीण हो जाती है और अहंकार पुष्ट हो जाता है।
आप भगवान को चाहे पुत्र मानिए, सखा, पिता, पति या स्वामी — वह करुणामय हैं, सब कुछ बनने को तैयार हैं, बस हमें उन्हें अपना मानना है। और जब कोई अपना होता है, तो उसके साथ के संबंधों को दुनिया के सामने नहीं रखा जाता। जैसे कोई मां अपने बच्चे को एकांत में भोजन कराती है और कोई वीडियो बनाने लगे तो वह विरोध करती है, वैसे ही हमें भी अपने ठाकुर जी के साथ के प्रेम को पर्दे में रखना चाहिए। यही सच्ची भक्ति है। छिपी हुई, आंतरिक और निष्कपट। यदि ऐसा भाव बन जाए, तो इसी जन्म में गोपाल जी की कृपा से भगवत प्राप्ति संभव है।
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टैरो राशिफल के अनुसार, जुलाई माह में कई राशि के जातकों के लिए लकी हो सकता है, क्योंकि इस माह गुरु आदित्य, धन शक्ति, गजकेसरी , महालक्ष्मी सहित कई राजयोगों का निर्माण करने वाले हैं। ऐसे में कुछ राशियों को किस्मत का पूरा साथ मिल सकता है। अटके हुए काम एक बार फिर से आरंभ हो सकते हैं। टैरो गुरु मधु कोटिया के अनुसार, टैरो के मुताबिक ये माह कुछ राशियों का खास हो सकता है। जानें मासिक टैरो राशिफल
