Kumbh Rashi Lucky Gemstone: वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, कुंभ राशि को ग्यारहवीं राशि माना जाता है। इस राशि के स्वामी शनि है। ऐसे में इस राशि के जातक लोग प्रगतिशील और रचनात्मक दृष्टिकोण वाले होते हैं। यह लोग अपनी एक अलग पहचान बनाने में विश्वास रखते हैं। यह लोग मुखर, स्वतंभ, सहज होते हैं और हर मुश्किलों को पार करने की पूरी कोशिश करते हैं और एक समय पर सफल भी हो जाते हैं। ऐसे में कई बार ग्रहों की अनुकूलता के कारण इस राशि के जातकों के जीवन में कई तरह की कठिनाइयां उत्पन्न होती रहती है। इसलिए सुख-समृद्धि, सफलता के लिए जरूरी है कि कुंभ राशि के जातकों को इन रत्नों को धारण करना शुभ साबित हो सकता है। जानिए रत्न शास्त्र के अनुसार कुंभ राशि के जातक कौन से रत्न धारण कर सकते हैं।

जमुनिया रत्न

अगर कुंडली में लग्न या फिर उसके स्वामी की स्थिति को मजबूत करना है, तो जमुनिया रत्न धारण करना शुभ साबित हो सकता है। लग्न की स्थिति मजबूत होने से इस राशि के जातकों को मान-सम्मान, धन-समृद्धि के साथ अच्छा स्वास्थ्य मिलता है। अगर इस राशि के जातकों को लग्न भाव मजबूत नहीं है, तो जमुनिया रत्न धारण करना शुभ साबित हो सकता है। इसके साथ ही इस रत्न को धारण करने से शारीरिक और मानसिक तनाव से भी मुक्ति मिल सकती है। इसके साथ ही शनि दोष के दुष्प्रभावों में कमी आती है।

कुंभ राशि के पुरुष धारण करें जमुनिया रत्न

रत्न शास्त्र के अनुसार, कुंभ राशि के जातकों को जमुनिया रत्न धारण करना शुभ साबित हो सकता है। इस रत्न को धारण करने से व्यक्ति की किस्मत जाग सकती हैं। इसके साथ ही एकाग्रता, साहस में बढ़ोतरी होने के साथ तर्क-वितर्क की क्षमता भी बढ़ सकती है। इसके साथ ही शनि दोष के कारण होने वाले स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से भी मुक्ति मिलने के साथ आर्थिक स्थिति मजबूत हो सकती है। जमुनिया रत्न को शनिवार के दिन धारण करना शुभ माना जाता है। इस दिन जमुनिया रत्न की अंगूठी को गंगाजल में डालकर थोड़ी देर के लिए रख दें। इसके बाद शनि देव के मंत्र ‘ऊँ शं शनैश्चराय नम:’ का जाप 108 बार करें। जाप करने के बाद दाएं हाथ की मध्यमा अंगुली में इस रत्न को पहन लें।

कुंभ राशि की महिलाएं पहनें ये रत्न

कुंभ राशि की महिलाएं पन्ना रत्न धारण कर सकती है। इस रत्न को धारण करने से क्रिएटिविटी बढ़ती है। इसके साथ ही संचार शक्ति, धन वृद्धि होती है। यह बौद्धिक क्षमताओं में सुधार करने के साथ शारीरिक स्वास्थ्य में मदद करता है। इसके साथ ही ये रत्न मान-सम्मान के साथ प्रसिद्धि दिलाता है। महिलाएं इस रत्न को बाएं हाथ की सबसे छोटी उंगुली यानी कनिष्ठिका में पहन सकती हैं।