Kumbh Kitne Prakar Ke Hote Hain in Hindi: कुंभ मेला दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक और सांस्कृतिक मेला है। इस मेले में देश-दुनिया से करोड़ों लोग आस्था की डुबकी लगाने आते हैं। आपको बता दें कि महाकुंभ का आयोजन हर 12 साल में देश के चार पवित्र जगहों—प्रयागराज, हरिद्वार, उज्जैन और नासिक में से किसी एक स्थान पर आयोजित होता है। इस बार महाकुंभ मेला प्रयागराज में लगा है, जो 13 जनवरी से शुरू हुआ है और 26 फरवरी तक चलेगा। लेकिन क्या आप जानते हैं कि कुंभ मेला कितने तरह का होता है और इनमें क्या अंतर है? आपको बता दें कि कुंभ चार प्रकार के होते हैं, जिनमें कुंभ, महाकुंभ, अर्धकुंभ और पूर्णकुंभ शामिल हैं। आइए इसके बारे में जानते हैं विस्तार से।

कुंभ मेले के प्रकार

कुंभ मेला (Kumbh Kya Hai)

कुंभ का आयोजन हर तीन वर्षों में होता है। यह मेला हरिद्वार, प्रयागराज, उज्जैन और नासिक में लगता है। यानि की कुंभ मेला हर 12 साल में 4 बार लगता है। इसमें संत-महात्मा, श्रद्धालु और लाखों भक्त गंगा, यमुना या क्षिप्रा नदी में स्नान करते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दौरान पवित्र नदियों में डुबकी लगाने से सारे पाप धुल जाते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है।

अर्ध कुंभ मेला (Ardh Kumbh Kya Hai)

अर्ध कुंभ मेला हर 6 साल में प्रयागराज और हरिद्वार में आयोजित होता है। यह भी कुंभ मेले की तरह ही होता है, बस इसका आयोजन जल्दी हो जाता है। इसमें भी लोग पुण्य कमाने के लिए पवित्र नदियों में डुबकी लगाते हैं।

पूर्ण कुंभ मेला (Purn Kumbh Kya Hai)

अब नाम से ही समझ आ रहा होगा कि ये भी हर 12 साल में होता है। यह मेला प्रयागराज, नासिक, हरिद्वार और उज्जैन में आयोजित किया जाता है।

महाकुंभ मेला (Maha Kumbh Kya Hai)

महाकुंभ सबसे खास और दुर्लभ मेला है। महाकुंभ मेला 12 पूर्ण कुंभ मेलों के बाद यानी पूरे 144 साल में एक बार आता है। ये सिर्फ प्रयागराज में होता है और इसे सबसे ज्यादा पवित्र माना जाता है। ऐसा मौका कई पीढ़ियों में एक बार ही आता है, इसलिए इसे लेकर लोगों में जबरदस्त उत्साह देखने को मिलता है।

कुंभ की तिथि कैसे तय होती है?

दरअसल, कुंभ मेला किस स्थान पर आयोजित किया जाएगा यह तय करने के लिए ज्योतिषी और अखाड़ों के प्रमुख मिलकर ग्रह-नक्षत्रों की स्थिति को देखते हैं, खासतौर पर सूर्य और बृहस्पति की स्थिति। इन ग्रहों की गणना के आधार पर तय किया जाता है कि कुंभ मेला किस स्थान पर और कब लगेगा।

इस बार महाकुंभ का आयोजन 13 जनवरी से हुआ और इसका समापन 26 फरवरी 2025 को होगा। हालांकि नागा साधु महाकुंभ समापन से पहले ही वापस लौट जाएंगे। ऐसे में आइए जानते हैं महाकुंभ में नागा साधु कब तक रहेंगे, साथ ही जानिए ये फिर कब दिखाई देंगे।

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