पौराणिक काल से ही यंत्रों का प्रयोग किया जाता रहा है। धन संबंधित समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए भी कई तरह के यंत्र उपलब्ध हैं। जैसे श्री यंत्र, लक्ष्मी यंत्र। इन यंत्रों की साधना करने से धन की देवी मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं। वैसे ही एक यंत्र होता है कुबेर यंत्र। ऐसा माना जाता है कि इस यंत्र की साधना करने से धन के देवता कुबेर प्रसन्न होते हैं जिससे घर परिवार में सदैव लक्ष्मी की कृपा भी बनी रहती है। धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक भगवान कुबेर का पूजन जब देवी लक्ष्मी के साथ किया जाता है तो वह शीघ्र प्रसन्न हो जाते हैं। जिससे घर परिवार में सुख-समृद्धि आती है।
कुबेर यंत्र के लाभ: इस यंत्र की स्थापना से दरिद्रता का नाश होता है। धन में वृद्धि होने के साथ-साथ मान-सम्मान की प्राप्ति होती है। वहीं जो लोग नया बिजनेस शुरू करना चाहते हैं उनके लिए भी ये यंत्र कल्याणकारी माना गया है। व्यापारियों के लिए भी यह यंत्र अत्यंत लाभकारी सिद्ध होता है। कुबेर यंत्र को गल्ले की तिजोरी या फिर अलमारी में रखा जाता है। इसकी स्थापना से धन को किसी की बुरी नजर नहीं लगती। इसके प्रभाव से धन सदैव संचित रहता है। ऐसी मान्यता है इस यंत्र को गल्ले पर स्थापित करने से व्यापार में वृद्धि होती है। भाग्योदय के लिए कुबेर यंत्र को घर या कार्यालय में स्थापित किया जा सकता है।
ध्यान रखने योग्य बातें: कुबेर यंत्र को सोने, अष्टधातु, भोजपत्र, ताम्रपत्र या कागज आदि कई रूपों में प्रयोग किया जाता है। इस यंत्र को घर के पूजन स्थल पर पूर्व दिशा में मंगलवार या शुक्रवार के दिन स्थापित करना चाहिए। इसके अलावा विजयदशमी, धनतेरस, दीपावली और रविपुष्य नक्षत्र के दिन भी इस यंत्र को स्थापित करना शुभ माना जाता है। इस यंत्र को स्थापित करने से पहले इसका शुद्धिकरण, प्राण प्रतिष्ठा किसी अनुभवी ज्योतिषी द्वारा करा लें।
कुबेर यंत्र का बीज मंत्र – ॐ श्रीं, ॐ ह्रीं श्रीं, ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं वित्तेश्वराय: नम: