किसी भी मंत्र को जब कोई आकार दे दिया जाता है। तो वह यंत्र का रूप ले लेता है। हमारे यहां देवताओं को प्रसन्न करने के लिए तीन तरह की विद्या का प्रयोग किया जाता है जो है तंत्र, यंत्र और मंत्र। यहां हम आज बात करेंगे कुबेर यंत्र के बारे में। ऐसा माना जाता है कि इस यंत्र की साधना करने से धन के देवता कुबेर प्रसन्न होते हैं जिससे घर परिवार में सदैव लक्ष्मी की कृपा भी बनी रहती है। धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक भगवान कुबेर का पूजन जब देवी लक्ष्मी के साथ किया जाता है तो वह शीघ्र प्रसन्न हो जाते हैं। जिससे घर परिवार में सुख-समृद्धि आती है।

जानिए कुबेर यंत्र के लाभ:

इस यंत्र की स्थापना से घर में सुख- समृद्धि का वास होता है। साथ ही आर्थिक तंगी से मुक्ति मिलती है। धन आगमन के मार्ग खुलते हैं। साथ ही व्यापारियों के लिए भी यह यंत्र अत्यंत लाभकारी सिद्ध होता है। कुबेर यंत्र को गल्ले की तिजोरी या फिर अलमारी में रखा जाता है। इसकी स्थापना से धन को किसी की बुरी नजर नहीं लगती। इसके प्रभाव से धन सदैव संचित रहता है। ऐसी मान्यता है इस यंत्र को गल्ले पर स्थापित करने से व्यापार में वृद्धि होती है।

इस तरह से करें कुबेर यंत्र स्थापित:

कुबेर यंत्र को सोने, अष्टधातु, भोजपत्र, ताम्रपत्र या कागज आदि कई रूपों में प्रयोग किया जाता है। इस यंत्र को घर के पूजन स्थल पर पूर्व दिशा में बुधवार या शुक्रवार के दिन स्थापित करना चाहिए। इसके अलावा विजयदशमी, धनतेरस, दीपावली और रविपुष्य नक्षत्र के दिन भी इस यंत्र को स्थापित करना शुभ माना जाता है। इस यंत्र की स्थापना शुक्रवार के दिन अमृत सिद्धि और सर्वार्थ सिद्धि योग में कर सकते हैं। इस यंत्र को स्थापित करने से पहले इसका शुद्धिकरण, प्राण प्रतिष्ठा किसी अनुभवी कर्म-कांड करने वाले किसी योग्य ब्राह्राण द्वारा करा लें। साथ ही इस यंत्र को स्थापित करने के बाद रोज इसको धूप- अगरबत्ती जरूर दिखाएं।

इस मंत्र का करें नित्य जाप:

कुबेर यंत्र को स्थापित करके रोग कुरेब जी के बीज मंत्र ॐ श्रीं, ॐ ह्रीं श्रीं, ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं वित्तेश्वराय: नम: का 11 या 21 बार जाप जरूर करें। ऐसा करने से यंत्र का प्रभाव बना रहता है और कुबेर जी का आशीर्वाद आप पर बना रहता है।