kuber yantra: ज्योतिष शास्त्र में यंत्रों का विशेष महत्व बताया गया है। साथ ही वर्षों से ही यंत्रों का प्रयोग किया जाता रहा है। वहीं ज्योतिष में धन संबंधित समस्याओं से निजात पाने के लिए भी कई तरह के यंत्रों का वर्णन मिलता है। जैसे श्री यंत्र, लक्ष्मी यंत्र। वहीं इन यंत्रों को स्थापित करके पूजा- अर्चना करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं। यहां हम बात करने जा रहे हैं कुबेर यंत्र के बारे में, इस यंत्र की साधना करने से कुबेर देवता का आशीर्वाद प्राप्त होता हैं, साथ ही घर परिवार में सदैव लक्ष्मी की कृपा भी बनी रहती है। धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक भगवान कुबेर का पूजन जब देवी लक्ष्मी के साथ किया जाता है तो वह शीघ्र प्रसन्न हो जाते हैं। जिससे घर परिवार में सुख-समृद्धि आती है। आइए जानते हैं इस यंत्र के बारे में….
इस तरह से करें कुबेर यंत्र स्थापित
ज्योतिष शास्त्र अनुसार कुबेर यंत्र को सोने, अष्टधातु, भोजपत्र, ताम्रपत्र या कागज आदि में मढ़ा जाता है। वहीं इस यंत्र को घर के पूजन स्थल पर कर सकते हैं। साथ ही यंत्र को पूर्व दिशा में रख सकते हैं। साथ ही यंत्र को बुधवार या शुक्रवार के दिन स्थापित करना शुभ रहता है। वहीं इसके अलावा विजयदशमी, धनतेरस, दीपावली और रविपुष्य नक्षत्र के दिन भी इस यंत्र को स्थापित करना शुभ माना जाता है। इस यंत्र को स्थापित करने से पहले इसका शुद्धिकरण, प्राण प्रतिष्ठा किसी अनुभवी कर्म-कांड करने वाले किसी योग्य ब्राह्राण द्वारा करा लें। साथ ही इस यंत्र को स्थापित करने के बाद रोज इसको धूप- अगरबत्ती जरूर दिखाएं। ऐसा करने से यंत्र का पूर्ण फल आपको प्राप्त होगा।
कुबेर यंत्र से मिलते हैं ये लाभ
इस यंत्र की स्थापना से घर में धन- संपन्नता बनी रहती है। साथ ही आर्थिक स्थिति मजबूत होती है। वहीं धन आगमन के मार्ग खुलते हैं। साथ ही कारोबारियों के लिए भी यह यंत्र अत्यंत शुभ साबित होता है। वहीं आपको बता दें कि कुबेर यंत्र को गल्ले की तिजोरी या फिर अलमारी में रखा जाना शुभ रहता है। इसकी स्थापना से कारोबार में तरक्की मिलती है। साथ ही धन की सेविंग होती है।
इस मंत्र का करें जाप
कुबेर यंत्र को स्थापित करके रोग कुबेर जी के बीज मंत्र – ॐ श्रीं, ॐ ह्रीं श्रीं, ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं वित्तेश्वराय: नम: का 11 या 21 बार जाप जरूर करें। ऐसा करने से यंत्र का प्रभाव बना रहता है और कुबेर जी का आशीर्वाद आप पर बना रहता है।