Krishna Ji Ki Aarti Lyrics: इस साल श्री कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व 19 अगस्त 2025 को मनाया जा रहा है। इस दिन मुरली मनोहर श्री कृष्ण की विधिवत पूजा करने के साथ व्रत रखने का विधान है। इसके बाद रात 12 बजे कान्हा का धूमधाम से मनाया जाता है। हर साल भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी मनाई जाती है। इस साल जन्माष्टमी पर काफी शुभ योगों का निर्माण हो रहा है। इस दिन लड्डू गोपाल की विधिवत पूजा करने के साथ-साथ कृष्ण मंत्र, श्री कृष्ण चालीसा का पाठ करने के बाद  अंत में इस आरती को अवश्य पढ़ें। आइए जानते हैं श्रीकृष्ण की संपूर्ण आरती…

Nand Ke Anand Bhayo Jai Kanhaiya Lal Ki Lyrics: जन्माष्टमी पर गाएं ये कृष्ण भजन, नंद के आनंद भयो, जय कन्हिया लाल की…

श्री कृष्ण की आरती (Shri Krishna Aarti)

आरती कुंजबिहारी की,
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥
आरती कुंजबिहारी की,
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥

गले में बैजंती माला,
बजावै मुरली मधुर बाला ।
श्रवण में कुण्डल झलकाला,
नंद के आनंद नंदलाला ।
गगन सम अंग कांति काली,
राधिका चमक रही आली ।
लतन में ठाढ़े बनमाली
भ्रमर सी अलक,
कस्तूरी तिलक,
चंद्र सी झलक,
ललित छवि श्यामा प्यारी की,
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥

लड्डू गोपाल का कुछ ऐसा है मनमोहक स्वरूप, चरण के दर्शन मात्र से होगी मोक्ष की प्राप्ति, स्कंद पुराण में है वर्णन

आरती कुंजबिहारी की,

कनकमय मोर मुकुट बिलसै,
देवता दरसन को तरसैं ।
गगन सों सुमन रासि बरसै ।
बजे मुरचंग,
मधुर मिरदंग,
ग्वालिन संग,
अतुल रति गोप कुमारी की,
श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की ॥

आरती कुंजबिहारी की,
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥

जहां ते प्रकट भई गंगा,
सकल मन हारिणि श्री गंगा ।
स्मरन ते होत मोह भंगा
बसी शिव सीस,
जटा के बीच,
हरै अघ कीच,
चरन छवि श्रीबनवारी की,
श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की ॥

आरती कुंजबिहारी की,
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥

चमकती उज्ज्वल तट रेनू,
बज रही वृंदावन बेनू ।
चहुं दिसि गोपि ग्वाल धेनू
हंसत मृदु मंद,
चांदनी चंद,
कटत भव फंद,
टेर सुन दीन दुखारी की,
श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की ॥

आरती कुंजबिहारी की,
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥

आरती कुंजबिहारी की,
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥
आरती कुंजबिहारी की,
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥