रामायण से जुड़े हुए तमाम प्रसंग बड़े ही प्रसिद्ध हैं। इन प्रसंगों को आए दिन भक्तों के बीच में साझा किया जाता रहता है। आज हम आपके लिए राम-राणव युद्ध से जुड़ा एक बड़ा ही दिलचस्प प्रसंग लेकर आए हैं। इस प्रसंग में उस घटनाक्रम का उल्लेख किया गया है जब युद्ध के समय शिव जी रावण की ओर से रणभूमि में गए थे। ऐसा बताया जाता है कि राणव शिव भक्त था और उसे भोलेनाथ से ढेर सारी शक्तियां प्राप्त हुई थीं। रावण को अपनी इन शक्तियों पर काफी अहंकार हो गया था और वह धर्म का पथ छोड़कर अधर्म के मार्ग पर चलने लगा था। कहते हैं कि रणभूमि में राणव की ओर से जाने के घटनाक्रम का वर्णन शिव ने स्वयं पार्वती जी के साथ किया था।

प्रंसग के मुताबिक शिव जी पार्वती से कहते हैं कि हम भी रावण की ओर से रणभूमि में राम के खिलाफ गए थे। यह सुनकर पार्वती जी को काफी आश्चर्य होता है और वह शिव से पूछती हैं कि आप राम के खिलाफ लड़ने गए थे? इस पर शिव मुस्कुराते हैं और जवाब देते हैं कि मैं राम के खिलाफ लड़ने नहीं बल्कि उन्हें देखने गया था। शिव जी कहते हैं कि राम को युद्ध करते देखना बड़ा रोमांचक था। और युद्ध करते समय राम का क्रोध व उनकी एकाग्रता देखते ही बनती थी।

इस प्रकार से शिव जी पार्वती को यह स्पष्ट तौर पर बता देते हैं कि वह युद्ध के समय केवल प्रभु श्रीराम का दर्शन करने के लिए गए थे। शिव ने पार्वती को वह घटनाक्रम भी सुनाया जब राम ने अपनी धनुष पर 31 बाण चढ़ाए और उन्हें रावण पर छोड़ दिया। बताते हैं कि इन 31 बाणों में एक अग्निबाण भी था जिससे उन्होंने रावण की नाभि पर आक्रमण किया था। इस तरह से राणव का अंत हो पाया और लाखों लोगों को उसके अत्याचार से मुक्ति मिली।