Mahashivratri 2025 Date, History: हिंदू धर्म में महाशिवरात्रि का विशेष महत्व है। यह पर्व भोलेनाथ को समर्पित है। शास्त्रों के अनुसार इस दिन शिवजी का प्राकट्य हुआ था। साथ ही शिवजी का विवाह भी इस दिन माना जाता है। वहीं मान्यता है जो व्यक्ति इस दिन व्रत रखकर भगवान शिव की आराधना करता है भोलेनाथ उसके सभी कष्ट हर लेते हैं। आपको बता दें कि इस साल महाशिवरात्रि का त्योहार बुधवार, 26 मार्च को मनाया जाएगा। आपको बता दें वैसे तो हर महीने एक शिवरात्रि आती है, लेकिन महाशिवरात्रि साल में एक बार आती है और इसे बेहद खास माना जाता है। आइए जानते हैं महाशिवरात्रि से जुड़ी पौराणिक कथाएं…
महाशिवरात्रि 2025 तिथि और शुभ मुहूर्त
पंचांग के मुताबिक फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी तिथि 26 फरवरी को सुबह 11 बजकर 8 मिनट से आरंभ होगी और इस तिथि का अंत 27 फरवरी को सुबह 8 बजकर 53 मिनट पर होगा। वहीं शास्त्रों के अनुसार महाशिवरात्रि की पूजा में रात्रि के प्रहर की पूजा विशेष मानी जाती है। ऐसे में महाशिवरात्रि 26 फरवरी को मनाई जाएगी।
जब भोलेनाथ ज्योतिर्लिंग के रूप में प्रकट हुए
शास्त्रों में महाशिवरात्रि मनाने की कई कथाएं मिलती है। वहीं एक पौराणिक कथा के मुताबिक फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि पर पहली बार भोलेनाथ ज्योतिर्लिंग में प्रकट हुए थे। साथ ही वे एक विशाल अग्निस्तंभ (ज्योतिर्लिंग) के रूप में आए, जिसका कोई आदि और अंत नहीं था। और इसे महाशिवरात्रि के रूप में मनाया गया।
महादेव और मां पार्वती का विवाह
वहीं शिवपुराण के मुताबिक महाशिवरात्रि के दिन ही भोलेनाथ और मां पार्वती का विवाह संपन्न हुआ था। आपको बता दें कि माता पार्वती ने भोलेनाथ को पति के रूप में पाने के लिए कठोर तपस्या की थी। वहीं उनकी भक्ति से प्रसन्न होकर भोलेनाथ ने फाल्गुन महीने की कृष्ण चतुर्दशी को उनसे विवाह किया। ऐसे में महाशिवरात्रि का पर्व भगवान शिव और माता पार्वती के विवाह के उपलक्ष्य में मनाया जाता है।
आपको बता दें कि तंत्र शास्त्र अनुसार किसी भी सिद्धि प्राप्त करने के लिए चार रात्रि को प्रमुख माना गया है। जो होली, दिवाली, जन्माष्टमी और महाशिवरात्रि हैं। जिसमें महाशिवरात्रि को प्रमुख माना गया है। इस दिन चार पहर की पूजा का विधान बताया गया है।