दक्षिण भारत में आज(9 जुलाई, सोमवार) मासिक कार्तिगाई मनाया जा रहा है। तमिल पंचांग में मासिक कार्तिगाई का प्रमुखता से उल्लेख किया गया है। मासिक कार्तिगाई दक्षिण भारत में वर्ष के प्रत्येक माह में मनाया जाता है। बता दें कि मासिक कार्तिगाई तमिलानाडु में मुख्य रूप से हिंदुओं द्वारा सेलिब्रेट किया जाता है। ऐसा भी कहा जाता है कि मासिक कार्तिगाई दक्षिण भारत में मनाए जाने वाला यह सबसे पुराना पर्व है। इस प्रकार से तमिल हिंदुओं के लिए इसका महत्व और भी ज्यादा हो जाता है। चूंकि कार्तिगाई दीपम साल के हर एक महीने में सेलिब्रेट किया जाता है, इसलिए इसे मासिक कार्तिगाई दीपम के नाम से भी जाना जाता है।
बता दें कि कार्तिगाई दीपम का नाम कृत्तिका नक्षत्र के नाम पर रखा गया है। इसके पीछे एक बड़ी ही रोचक वजह छिपी हुई है। दरअसल जिस दिन कृत्तिका नक्षत्र अति प्रबल होती है, उसी दिन कार्तिगाई दीपम का त्योहार मनाया जाता है। मासिक कार्तिगाई पर दीपक जलाने का विशेष महत्व है। इस दिन तमिल हिंदू लोग तिल के तेल या घी का दीपक जलाते हैं। इन खूबसूरत दीपकों को पंक्तिबद्ध तरीके से रखा जाता है जिसका नजारा देखते ही बनता है। ये दीपक शाम को घर के अलग-अलग कोनों और गलियों में भी जलाए जाते हैं।
इन सबके बीच तिरुवन्नामलई की पहाड़ी पर आयोजित होने वाले कार्तिगाई दीपम का विशेष महत्व है। इस दिन तिरुवन्नामलई की पहाड़ी पर एक विशाल आकार का दीपक जलाया जाता है। दीपक की विशालता के चलते इसे काफी दूरी से भी देखा जा सकता है। तमिल हिंदुओं के बीच इसे महादीपम् के नाम से जाना जाता है। तिरुवन्नामलई पर आयोजित होने वाले पर्व में भारी संख्या में लोग शिरकत करते हैं। इस अवसर पर भगवान शिव की पूजा-अर्चना की जाती है। कहते हैं कि इस पूजा से जीवन में सुख-शांति आती है।