वास्तु शास्त्र के अनुसार घर का मुख्य द्वार घर की खुशहाली के लिए बेहद मायने रखता है। वास्तु के जानकार मानते हैं कि खुशहली के लिए मुख्य द्वार की दिशा और दशा ठीक होना चाहिए। वास्तु के जानकारों का मानना है कि कि घर का मुख्य द्वार व्यक्ति के भाग्य से जुड़ा होता है। अगर घर का नक्शा वास्तु के अनुसार न बना हो तो घर में रहने वाले लोगों को कई प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। ज्योतिष के जानकारों की मानें तो घर का भाग्य प्रवेश द्वार पर लिखा होता है। साथ ही इसका असर घर में रहने वाले लोगों पर पड़ता है। इसलिए घर बनवाते या खरीदते वक्त मुख्य द्वार से जुड़ी कुछ बातों को ध्यान रखने की सलाह दी जाती है। चलिए जानते हैं कि घर का मुख्य द्वार से किस्मत का क्या कनेक्शन है?
स्वस्तिक: यह चार भुजाओं से बनी एक प्रकार की आकृति होती है। माना जाता है कि यह यदि घर के मुख्य द्वार पर हो तो घर में रहने वाले लोगों के भाग्य में वृद्धि होती है। इसके आलवा स्वस्तिक का चिह्न घर में आने वाली नकारात्मक ऊर्जा को रोकता है। कहते हैं कि घर के मुख्य द्वार पर लाल या नीले रंग का स्वस्तिक विशेष प्रभावशाली होता है। मुख्य द्वार के दोनों तरफ लाल रंग का स्वस्तिक लगाने से वास्तु और दिशा दोष दूर होते हैं। साथ ही घर के मुख्य द्वार के ऊपर नीला स्वस्तिक लगाने से घर के लोगों की सेहत ठीक रहती है।
घोड़े की नाल: इसका संबंध शनि से माना गया है। इसका प्रयोग आमतौर पर शनि की समस्या से निजात पाने के लिए किया जाता है। उसी नाल का प्रयोग करना चाहिए जो घोड़े के पैर में पहले से लगी है। घर के मुख्य द्वार पर घोड़े की नाल लगाने से घर का क्लेश दूर होता है। साथ ही घर के मुखिया के भाग्य में वृद्धि होती है।
गणेश का चित्र: कुछ लोग घर के मुख्य द्वार पर गणेश जी का चित्र लगाते हैं। वास्तु शास्त्र के जानकार यह मानते हैं कि घर के मुख्य द्वार पर गणपती का चित्र लगाने से घर में ऋद्धि-सिद्धि का वास होता है। इसके अलावा घर में खुशियों का संचार होता है। वास्तु शास्त्री यह मानते हैं कि मुख्य द्वार पर लगा गणेश जी का चित्र घर में रहने वाले सभी लोगों का भाग्य संवारता है।
