आपने मंगल दोष के बारे में सुना होगा। लेकिन क्या आप जानते हैं कि मंगल दोष क्या होता है? और इसे दूर करने के लिए क्या उपाय किए जाते हैं? यदि नहीं तो हम आपको इस बारे में बताने जा रहे हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कुंडली के मंगल ग्रह की वजह से मंगल दोष होता है। कुंडली के कुछ विशेष भावों में मंगल ग्रह का स्थित होना मंगल दोष को जन्म देता है। कुंडली के लग्न, चतुर्थ, सप्तम, अष्टम या द्वादश में मंगल हो तो यह दोष होता है। मालूम हो कि मंगल दोष में लग्न और अष्टम भाव का दोष ज्यादा गंभीर माना गया है।

कहते हैं कि कुंडली में मंगल दोष होने पर व्यक्ति का स्वभाव हिंसक हो जाता है। माना जाता है कि ऐसे लोगों को बात-बात पर खूब गुस्सा आता है और ये लोग चिढ़ते बहुत ज्यादा हैं। कहते हैं कि मंगल दोष होने पर रक्त संबंधी परेशानियां भी खड़ी हो जाती हैं। कहा जाता है कि इस स्थिति में व्यक्ति संम्पत्ति और जमीन को लेकर काफी परेशान हो जाता है। माना जाता है कि मंगल दोष होने पर कर्ज लेने के हालात पैदा हो जाते हैं। इससे परिवार की सुख-शांति भी खराब हो जाती है।

माना जाता है कि मंगलमूर्ति यानी कि बजरंगबली के आशीर्वाद से कुंडली का मंगल दोष समाप्त हो जाता है। कहते हैं कि जिस व्यक्ति के ऊपर हनुमान जी की कृपा होती है, उसे मंगल दोष का सामना नहीं करना पड़ता। कहा जाता है कि मंगलवार के दिन हनुमान जी की पूजा-अर्चना करने से उनकी खास कृपा बसरती है और कुंडली का मंगल दोष दूर हो जाता है। हनुमान चालीसा के जाप को भी मंगल दोष से मुक्ति पाने के लिए शुभ माना गया है। कहा जाता है कि इससे बजरंगबली की कृपा बरसती है और मंगल दोष समाप्त हो जाता है।