Mahabhagya Rajyog: आपने देखा होगा कि कोई व्यक्ति एक साधारण परिवार में जन्मलेता है लेकिन वह एकदम सफलता की ऊंचाईयों को छू लेता है। साथ ही वह ग्रहों की शुभ दशा में धनवान होता है। जबकि उसकी फैमली बैकग्राउंड बहुत कमजोर होती है। ऐसे में अगर हम ज्योतिष के दृष्टिकोण से देखें तो ऐसे व्यक्ति की कुंडली में कई प्रकार के राजयोग पाये जाते हैं और जिन ग्रहोंं की युति से ये राजयोग बन रहे होते हैं, उनकी दशा जब व्यक्ति के ऊपर चलती है तो व्यक्ति को राजयोग का पूर्ण फल प्राप्त होता है।
ज्योतिष में शश, रूचक, मालव्य, भद्र, बुधादित्य, गजकेसरी, गजलक्ष्मी और महाभाग्य राजयोग का विशेष रूप से वर्णन मिलता है। जिसमें यहां हम बात करने जा रहे हैं महाभाग्य राजयोग के बारे में, जिस व्यक्ति की कुंडली में ये राजयोग होता है, वह व्यक्ति साधारण से परिवार में जन्म लेकर भी अमीर बनता है। साथ ही ऐसा व्यक्ति सभी भौतिक सुखों को भोगता है और अति धनवान होता है। आइए जानते हैं कुंडली में कैसे बनता है महाभाग्य राजयोग और इसके लाभ…
कुंडली में ऐसे बनता है महाभाग्य योग
वैदिक ज्योतिष अनुसार महाभाग्य योग के निर्माण के लिए स्त्री जातक के लिए नियम और पुरूष जातक के लिए नियम अलग हैं। मतलब पुरुष और स्त्री कुंडली में यह अलग- अलग ग्रहों की स्थितियों से बनता है। वहीं इस योग को बनने के लिये चार स्थितियां महत्वपूर्ण मानी जाती हैं…
- वैदिक ज्योतिष अनुसार पुरुष का जन्म दिन में हो और स्त्री का जन्म रात्री का हो।
- वहीं पुरुष का जन्म विषम लग्न में हो और स्त्री का जन्म सम राशि में हो।
- ज्योतिष मुताबिक पुरुष की जन्मकुंडली में सूर्य विषम राशि में हो। स्त्री की कुंडली में सम राशि में हो।
- पुरुषों की कुंडली में चंद्र विषम राशि में हो। जबकी स्त्री का जन्म सम राशि में हो।
अकूत होती है धन- संपत्ति
वहीं ज्योतिष के मुताबिक यदि किसी पुरुष का जन्म दिन के समय में हुआ हो और उसकी जन्म कुंडली में लग्न मतलब पहले स्थान में, सूर्य और चन्द्रमा, तीनों ही विषम राशियों जैसे कि मेष, मिथुन, सिंह आदि में स्थित हों तो ऐसी कुंडली में महाभाग्य योग का निर्माण होता है। ऐसा व्यक्ति राजाओं जैसी जिंदगी जीता है। साथ ही ऐसा व्यक्ति किसी बड़े प्रशासनिक पद हो हासिल करता है। साथ ही उसको समाज में मान- सम्मान और प्रतिष्ठा की प्राप्ति होती है। वह अकूत धन- संपत्ति का मालिक होता है। वहीं व्यक्ति लोकप्रिय होता है। वहीं अगर किसी स्त्री की कुंडली में यह योग है, तो वह ससुराल में सारे सुख पाती है। साथ ही वह धनवान होती है। वहीं समाज में वह अपनी अलग पहचान बनाती है।