पुराणों में पूजा के वक्त घी और तेल का दीपक जलाने के बारे में कहा गया है। घर में जब भी पूजा होती है तो दीप जलाए जाए जाते हैं। यहां तक कि दिवाली दीप जलाने का अपना महत्व है, इस त्योहार को दीपोत्सव भी कहा जाता है। दीपक जलाने का मतलब होता है कि अपने जीवन से अंधकार हटाकर प्रकाश फैलाना। प्रकाश प्रतीक होता है ज्ञान का। इसलिए कहा जाता है कि पूजा में दीपक जलाकर हम अंधकार को अपने जीवन से बाहर करते हैं। ऐसा करने से व्यक्ति पर अग्निदेव प्रसन्न होते हैं और उसे जीवन में कई तरह की परेशानियों से बचाते हैं। इसके अलावा पूजा में दीपक जलाने के कई फायदे और मान्यताएं बताई जाती हैं। आइए जानते हैं पूजा में दीपक जलाने के फायदे।
– दीपक जलाने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का वास होने के साथ ही घर का वातावरण संतुलित रहता है।
– शाम को दीपक जलाने से लक्ष्मी माता प्रसन्न होती है, इसीलिए हर शाम को दीपक जलाना चाहिए।
– दीपक अंधकार को मिटाकर घर में रोशनी देता है, जिससे घर परिवार का माहौल खुशनुमा बना रहता है।
– माना जाता है कि अग्नि देव को साक्षी मानकर और दीपक जलाकार नए कार्य की शुरुआत करने पर उसमें सफलता मिलती है।
– पूजा में दीपक जलाने से सूर्य और चंद्रमा की कमजोरी दूर होती है।
– इससे आत्मबल और आत्मविश्वास बढ़ता है।- नकारात्म शक्तियां खत्म होती है और इंसान रोगों से दूर रहता है।
– दीपक जलाने से घर के हानिकारक बैक्टीरिया खत्म होते हैं।
– दीप ज्योति आरोग्य बनाने में मदद करती है
ऐसा कहा जाता है कि दीपक जलाने से वातावरण में सकारात्मकता आती है। दीपक का प्रकाश जितनी जगह पर जाता है, वहां से नकारात्मकता दूर हो जाती है। इसके अलावा दीपक की जलती लौ व्यक्ति को जीवन में आगे बढ़ने का संदेश देती है। इससे हमें अपने जीवन का अंधकार मिटाने की भी सीख मिलती है।
दीपक जलाते समय इस मंत्र का उच्चारण करना चाहिए-
शुभम् करोति कल्याणं, आरोग्यं धन संपदाम्।
शत्रुबुद्धि विनाशाय, दीपं ज्योति नमोस्तुते।।
दीपक को प्रणाम करते हुए इस मंत्र का जाप करने से घर में शुभ ही शुभ होता है, सभी का कल्याण होता है, अच्छा स्वास्थ्य मिलता है, धन-संपत्ति बढ़ती है, शत्रुओं की बुद्धि का विनाश होता है।
