Mahapurush Raj Yoga: व्यक्ति की जन्मकुंडली में शुभ और अशुभ दोनों प्रकार के योग स्थित होते हैं। इसमें से कुछ ऐसे शुभ योग होते हैं। जो मनुष्य को नाम और शौहरत दोनों दिलाते हैं। वहीं ऐसा व्यक्ति राजाओं की तरह जीवन जीता है। साथ ही उसके जीवन में कभी धन का अभाव नहीं रहता। साथ ही इनको राजसत्ता की प्राप्ति होती है। यहां हम ऐसे ही योगों के बारे में बात करने जा रहे हैं, जिनका नाम है पंचमहापुरुष राजयोग। ये लोग बहुत कम कुंडली में बनते हैं। ज्योतिष अनुसार कुंडली में मंगल, बुध, बृहस्पति, शुक्र और शनि पंच महापुरुष योग का निर्माण करते हैं। ये पांचों ग्रह अलग-अलग योग का निर्माण करते हैं। आइए जानते हैं पंचमहापुरुष योग कितने प्रकार के होते हैं और इनके बनने से व्यक्ति को जीवन में क्या लाभ मिलता है।
रुचक योग
वैदिक ज्योतिष अनुसार रूचक योग का निर्माण मंगल ग्रह के होता है। आपको बता दें कि जब कुंडली में मंगल स्वराशि यानि मेष या वृश्चिक, उच्च राशि मकर में होकर पहले, चौथे, सातवे या दसवें स्थान में स्थित हों तो यह योग बनता है। इस योग से व्यक्ति निर्भीक, बलशाली, ऊर्जावान और पराक्रमी होता है। साथ ही ऐसे लोग खेल, सेना और पुलिस में अच्छा नाम कमाते हैं।
भद्र योग
भद्र योग का निर्माण कुंडली में बुध ग्रह से होता है। मतलब जब कुंडली में बुध स्वराशि मिथुन या कन्या, उच्च राशि कन्या में विराजमान हों, तब भद्र योग बनता है। जिन लोगों की कुंडली में यह योग होता है वह बुद्धिमान, बोलचाल में चातुर्य भी होते हैं। साथ ही अच्छे वक्ता और लेखक होते हैं। स्वभाव से काफी विनम्र होते हैं। ये लोग शिक्षा, गणित और मार्केटिंग और बैंकिंग सेक्टर में अच्छा नाम कमाते हैं।
हंस योग
हंस योग का निर्माण कुंडली में गुरु बृहस्पति से होता है। आपको बता दें जब कुंडली गुरु ग्रह स्वराशि धनु या मीन या फिर अपनी उच्च राशि कर्क में होकर जन्मकुंडली के पहले, चौथे, सातवें या दसवें स्थान में स्थित हों तो यह योग बनता है। इस योग के प्रभाव से जातक आध्यात्म के क्षेत्र में उच्च पद को प्राप्त करते हैं। साथ ही ये लोग पूजा- पाठ करने वाले होते हैं। भगवान में इनकी अटूट आस्था होती है। ये लोग ज्योतिष, आध्यात्म और गूढ़ विद्या में अच्छा नाम कमाते हैंं।
मालव्य योग
जन्मकुंडली में मालव्य योग का निर्माण शुक्र ग्रह से होता है। आपको बता दें कि जब शुक्र स्वराशि वृषभ और तुला या फिर उच्च राशि मीन में होकर कुंडली के पहले, चौथे, सातवें या दसवें स्थान में स्थित हो तो यह योग बनता है। इस योग के प्रभाव से व्यक्ति को सभी भौतिक सुखों की प्राप्ति होती है। जीवन में सुख-समृद्धि और वैभव मिलता है। ये लोग फिल्म लाइन, मीडिया, फैशन डिजाइनिंग और कला के क्षेत्र में अच्छा नाम कमाते हैं।
शश योग
पंच महापुरुष योग में सबसे प्रबल फलदायी और पॉवरफुल शश योग होता है। यह योग का निर्माण शनि ग्रह करते हैं। आपको बता दें कि जब शनि स्वराशि मकर और कुंभ में स्थित हों या उच्च राशि तुला में हो और कुंडली के पहले, चौथे, सातवें या दसवें स्थित हों, तो यह योग बनता है। इस योग के प्रभाव से जातक उच्च पद को प्राप्त करते हैं। प्रशासनिक सेवा में अच्छा नाम कमाते हैं। साथ ही समाज में अपनी अलग पहचान बनाते हैं।