Mahapurush Raj Yoga: वैदिक ज्योतिष में कई ऐसे राजयोगों का वर्णन मिलता है जो अगर व्यक्ति की कुंडली में हो तो व्यक्ति अति धनवान होता है। साथ ही व्यक्ति को सभी भौतिक सुखों की प्राप्ति होती है। वहीं वहीं ऐसा व्यक्ति राजाओं की तरह जीवन जीता है। साथ ही उसके जीवन में कभी धन का अभाव नहीं रहता। साथ ही इनको राजसत्ता की प्राप्ति होती है। यहां हम ऐसे ही योग के बारे में बात करने जा रहे हैं, जिनका नाम है हंस पंचमहापुरुष राजयोग। आइए जानते हैं हंस पंचमहापुरुष योग कैसे बनता है और जीवन में क्या लाभ मिलता है…
ऐसे बनता है हंस योग
वैदिक ज्योतिष अनुसार हंस राजयोग गुरु बृहस्पति बनाते हैं। आपको बता दें जब कुंडली गुरु ग्रह स्वराशि धनु या मीन या फिर अपनी उच्च राशि कर्क में होकर कुंडली के पहले, चौथे, सातवें या दसवें भाव में विराजमान हों तो इस योग का निर्माण होता है। हालांकि यह देखना भी आवश्यक होता है कि कुंडली में गुरु की डिग्री अच्छी हो यानि गुरु मजबूत अवस्था में विराजमान हों।
होते हैं आस्तिक और प्रतिभा के धनी
इस योग के असर से व्यक्ति आध्यात्म के क्षेत्र में उच्च पद मिलता है। साथ ही ये लोग पूजा- पाठ करने वाले होते हैं। भगवान में इनकी अटूट आस्था होती है। ये लोग ज्योतिष, आध्यात्म और गूढ़ विद्या में अच्छा नाम कमाते हैं। ये लोग व्यवहारिक होते हैं। ऐसे लोगों को कम मेहनत करके भी ऊंचे पदों पर आप देख सकते हैं। कई तरह की प्रतिभाएं भी ऐसे लोगों में आपको देखने को मिल सकती हैं। ऐसे लोग अच्छे विद्यार्थी होने के साथ ही अच्छे शिक्षक भी होते हैं।
इन क्षेत्रों में पाते हैं सफलता
हंस योग में पैदा हुए लोग अच्छे बिजनेस पर्सन, अध्यापक, प्रशासनिक अधिकारी हो सकते हैं। साथ ही ऐसे व्यक्ति का शरीर हष्टपुष्ट होता है। साथ ही देखने में ऐसा व्यक्ति ऊर्जावान और शक्तिशाली होता है। सामाजिक स्तर पर भी मान-प्रतिष्ठा प्राप्त होती है। हंस योग का कुंडली में होना ऐसे लोगों को धार्मिक क्षेत्रों में भी आगे ले जाता है। ऐसे लोग अच्छे योग गुरु, ज्योतिष गुरु हो सकते हैं। वहीं ये लोग मनी- माइंडेड होते हैं। साथ ही ये लोग धन की सेविंग करने में माहिर होते हैंं।