मनुष्य की कुंडली में कुछ ऐसे ग्रह स्थित होते हैं, जिनकी दशा, महादशा बेहद अशुभ मानी जाती है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब इन ग्रहों की दशा आती हैं, तो जीवन में मुश्किलें बढ़ जाती हैं। साथ ही कभी- कभी इन दशाओं में व्यक्ति को मृत्यु तुल्य कष्ट का भी सामना करना पड़ता है। ज्योतिष में इन ग्रहों को मारक ग्रह या मारकेश कहा जाता है। आइये जानते हैं कुंडली में कैसे बनता मारकेश, उसका प्रभाव और उपाय…
कुंडली में कैसे बनता है मारकेश:
कुंडली में मारकेश का विचार करने के लिए कुंडली का दूसरा भाव, सातवां भाव, छठा भाव, अष्टम भाव और बारहवें भाव का विश्लेषण करना आवश्यक होता है। जन्म कुंडली के आठवें भाव से जातक की आयु का विचार किया जाता है। इसके साथ ही कुंडली क छठे भाव से जातक को कौन सा रोग हो सकता है, इसका अनुमान लगाया जाता है। वहीं सप्तम और कुंडली के दूसरे भाव को मृत्यु या मारक स्थान माना गया है। इसमें से दूसरा स्थान प्रबल मारक माना गया है। साथ ही यह धन और वाणी का भाव भी होता है। साथ ही अगर बारहवें भाव की बात करें तो इसे व्यय (खर्चे) का स्थान माना गया है। क्योंकि मनुष्य के शरीर में कोई रोग होता है तो उसके शरीर की ऊर्जा खर्च होती है। साथ ही रोग के ऊपर धन भी खर्च होता है। इसलिए बारहवें भाव विचार करना भी जरूरी होता है।
सूर्य और चंद्रमा को नहीं लगता मारकेश दोष:
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार अलग- अलग लग्नों में भिन्न- भिन्न ग्रह मारकेश बताए गए हैं। सूर्य और चंद्रमा ग्रहों को मारकेश दोष नहीं लगता है। मेष लग्न के लिए शुक्र मारकेश होकर भी मारकेश का कार्य नहीं करता है। साथ ही यदि मनुष्य की कुंडली में राहु- केतु छठे, आठवें और बारहवें भाव में स्थित हो तो वह मारक ग्रह का फल देते हैं।
मनुष्य के जीवन पर मारकेश दशा का प्रभाव:
मारकेश की दशा में जातक को सावधान रहना चाहिए। क्योंकि इस समय जातक को अनेक प्रकार की मानसिक, शारीरिक परेशानियां हो सकती हैं। रोगों पर धन अधिक खर्च हो सकता है। मारक ग्रह जातक के जीवन में समस्या और संघर्ष तो पैदा करते ही हैं। साथ ही मारकेश की दशा में जातक को कोई गंभीर बीमारी, वाहन दुर्घटना, व्यापार में हानि, मित्रों और संबंधियों से धोखा मिल सकता है। देखा गया है कई लोग मारकेश की दशा का नाम सुनकर भयभीत हो जाते हैं। जबकि इससे डरने की आवश्यकता नहीं है बल्कि स्वयं पर नियंत्रण, सहनशक्ति और मारकेश ग्रह के उपाय करने की जरूरत है। जिससे इसके नकारात्मक प्रभाव से बचा जा सके। (इसे भी पढ़ें)- 2022 में शनि की इस राशि में बनने जा रहा है त्रिग्रही योग, इन 4 राशि वालों के जीवन में होंगे कई बड़े बदलाव
ये करें उपाय:
1- मारकेश की दशा में जातक को भगवान शिव की आराधना करनी चाहिए। सोमवार को भगवान शंकर का रुद्राभिषेक करना चाहिए।
2- जातक को महामृत्युंजय मंत्र का लगभग सवा लाख बार जाप करना चाहिए।
3- जातक को मारक ग्रह से संबंधित वस्तुओं का दान करना चाहिए।
4- प्रत्येक मंगलवार को हनुमान चालीसा और सुंदरकांड का पाठ करना चाहिए।
5- रोज एक माला रोग नाशक मंत्र का जप करना चाहिए।