हिंदू शास्त्रों के अनुसार भगवान विष्णु अब तक कुल नौ अवतार ले चुके हैं। विष्णु जी के ये नौ अवतार त्रेता, सतयुग और द्वापर युग में हुए हैं। और कलयुग में उनके दसवें अवतार का इंतजार किया जा रहा है। पुराणों में ऐसा कहा गया है कि जब कलयुग अपने चरम पर होगा, उस वक्त विष्णु जी अपना दसवां अवतार लेंगे। ऐसा माना जाता है कि विष्णु जी का यह दसवां अवतार कल्कि देव के रूप में होगा। पुराणों में ऐसा उल्लेख मिलता है कि कल्कि देव सावन मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को जन्म लेंगे और कलयुग का अंत करके एक नई रचना गढ़ेंगे। इसी आधार पर हर साल सावन माह में शुक्ल पक्ष को कल्कि जयंती के रूप में मनाया जाता है।

श्रीमद्भागवत महापुराण का 12वां स्कंद –
सम्भलग्राममुख्यस्य ब्राह्मणस्य महात्मनः।
भवने विष्णुयशसः कल्किः प्रादुर्भविष्यति।।

श्लोक का अर्थ- सम्भल गांव में विष्णुयश नाम के एक ब्राह्मण होंगे। जो अपने कर्मों से बहुत महान होंगे। उनका ह्रदय बड़ा उदार होगा। उन्हीं के घर कल्कि भगवान अवतार ग्रहण करेंगे।

इस श्लोक के मुताबिक भारत में यह जगह उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले में संभल नाम से मौजूद है। और यहीं पर भगवान विष्णु अपना कल्कि अवतार लेंगे। कहा जाता है कल्कि देवदत्त नामक घोड़े पर सवार होकर संसार के पाप को खत्म करेंगे और फिर से धर्म की स्थापना करेंगे। शास्त्रों के मुताबिक भगवान विष्णु का कल्कि अवतार श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को होगा।

कल्कि अवतार कलयुग व सतयुग के संधिकाल में होगा। माना जाता है कि विष्णु जी के अवतार लेते ही सतयुग का आरम्भ होगा और इस धरती के सारे पाप कर्म समाप्त हो जाएंगे। इसे देखते हुए कई सालों से श्रद्धालुओं को विष्णु जी के कल्कि अवतार का इंतजार है। बता कि शास्त्रों में कलयुग की अवधि 4,32,000 साल बताई गई है। फिलहाल कलयुग के 5,119 साल पूरे हो चुके हैं।