व्यक्ति की कुंडली में शुभ और अशुभ दोनों प्रकार के योग स्थित होते हैं। साथ ही इन योगों का असर मानव जीवन पर पड़ता है। वहीं यह योग व्यक्ति को तब पूर्ण फल तब देते हैं जब उन ग्रह से संबंधित दशा व्यक्ति के ऊपर चलती है। 

यहां हम बात करने जा रहे हैं। ऐसे शुभ राजयोग के बारे में जिसका नाम है गजलक्ष्मी राजयोग। यह राजयोग जिस व्यक्ति की कुंडली में बनता है। वह राज सत्ता प्राप्त करता है। साथ ही समाज में उसको पूर्ण मान- सम्मान मिलता है है। वहीं उसे यश और वैभव की प्राप्ति होती है। आइए जानते हैं कैसे बनता है ये योग और इसके बनने के लाभ…

जानिए कैसे बनता है ये राजयोग

वैदिक ज्योतिष अनुसार जब देवगुरु बृहस्पति और ऐश्वर्य के कारक शुक्र ग्रह जब एक दूसरे के केंद्र भाव में हो, आमने सामने या पहले हों, या पहले, चौथे और सातवें भाव में हो तो गजलक्ष्मी राजयोग का निर्माण होता है। इस राजयोग का पूर्ण लाभ व्यक्ति को जब मिलता है, जब ग्रह उच्च राशि या अपने मित्र की राशि में विराजमान हो। साथ ही उसकी डिग्री अच्छी हो और उस पर शुभ ग्रहों की दृष्टि हो। आपतो बता दे कि किसी राजयोग या शुभ योग का फल व्यक्ति को जब प्राप्त होता है, तब उस ग्रह की महादशा या अंतर्दशा चलती है।

गजलक्ष्मी राजयोग बनने से मिलते हैं ये लाभ

इस राजयोग के बनने से व्यक्ति अकूत धन- संपत्ति का मालिक बनता है। साथ ही व्यक्ति के पास काफी जमीन- जायदाद होता। वहीं शुक्र ग्रह के प्रभाव से व्यक्ति का आकर्षक व्यक्तित्व होता है। साथ ही व्यक्ति सामाजिक जीवन में बड़ा प्रतिष्ठित पद हासिल करता है। इस योग के प्रभाव से व्यक्ति की तार्किक क्षमता अच्छी होती है। वहीं सेविंग करने में माहिर होता है।

लग्जरी होती है लाइफ

साथ ही ऐसे व्यक्ति लैविश लाइफ जीने के शौकीन होते हैं। साथ ही गुरु ग्रह के प्रभाव से ऐसा व्यक्ति अत्यधिक आस्थावान और ईश्वर के प्रति समर्पित होता है। इन्हें जीवन में यश और सम्मान हासिल होता है। ये लोग गई गूढ़ विषयों के ज्ञाता होते हैं। वहीं ये लोग जीवन में खूब धन कमाते हैं।

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