वाल्मीकि रामायण में आदित्य हृदय स्तोत्र का वर्णन मिलता है। यह स्तोत्र अगस्त्य ऋषि ने भगवान राम को युद्ध में रावण पर विजय प्राप्त करने के लिए दिया था। कहते हैं कि इस स्तोत्र का रोज पाठ करने से जीवन में अनेक कष्टों का निवारण होता है। इसके नियमित पाठ से हृदय रोग, शत्रु-भय निवारण और असफलताओं पर विजय प्राप्त किया जा सकता है। साथ ही जिन लोगों की कुंडली में सूर्य कमजोर होता है उनके लिए आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ सबसे उत्तम माना गया है। लेकिन यहां ये विश्वास करना बेहद जरूरी है कि बिना कड़े नियमों का पालन किए इसका असर नहीं पड़ता है। ऐसे में आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करने से पहले कड़े नियम का पालन करने की सलाह दी जाती है। आइए जानते हैं राशि के अनुसार किस राशि के जातकों को कौन सा लाभ मिलता है।
मेष- संतान की समस्याओं से छुटकारा और संतान प्राप्ति का लाभ मिलता है।
वृषभ- स्वास्थ्य और संपत्ति की समस्याओं में सुधार होता है।
मिथुन- दुर्घटनाओं से रक्षा और भाई-बहनों से अच्छे संबंध रहते हैं।
कर्क- धन-लाभ, सिरदर्द और आंखों की समस्या से मुक्ति मिलती है।
सिंह- हर प्रकार के लाभ प्राप्त होते हैं और सभी मनोकामनाएं पूरी होती है।
कन्या- विदेश यात्रा, अच्छा वैवाहिक जीवन और अच्छे स्वभाव की प्राप्ति होती है।
तुला- नियमित धन के आने का मार्ग बनता है और शत्रुओं पर विजय की प्राप्ति होती है।
वृश्चिक- अच्छे करियर और अच्छी शिक्षा प्राप्ति का वरदान प्राप्त होता है।
धनु- विदेश यात्रा, पिता का सहयोग और ईश्वर की कृपा मिलती है।
मकर- लंबी आयु, अच्छा स्वास्थ्य और अचानक लाभ होता है।
कुंभ- वैवाहिक जीवन सुखद, अच्छा व्यवसाय और आर्थिक लाभ होता है।
मीन- नौकरी में सफलता, मुकदमों से छुटकारा और कर्ज से मुक्ति मिलती है।