Karwa Chauth 2018, Moon Rise Time Today Timings: 27 अक्टूबर (शनिवार) को करवा चौथ का त्योहार मनाया जा रहा है। हिन्दू कैलेंडर के मुताबिक यह त्योहार कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को मनाया जाता है। शादीशुदा महिलाएं इस दिन अपने पति की लंबी उम्र की कामना के लिए पूरे दिन भूखी रहकर व्रत रखती हैं। करवा चौथ को करक चतुर्थी के रूप में भी जाना जाता है। करवा या करक का मतलब होता है एक मिट्टी के बर्तन का उपयोग जिसमें महिला चंद्रमा को अर्घ्य देकर व्रत खोलती हैं। इसलिए व्रत रखने वाली महिलाओं की नजरें चांद निकलने के समय पर भी होती है। आइए जानते हैं आपके शहर में चांद निकलने का समय और इस व्रत से जुड़ी जरूरी बातें।
करवा चौथ पूजन का सही समय: करवा चौथ का व्रत रखने वाली महिलाएं पति की लंबी उम्र के लिए पूरा दिन बिना कुछ खाए रहती हैं और रात को चांद के सामने पति को छलनी में देखकर अपना व्रत पूरा करती हैं। इस साल रात 7 बजकर 55 मिनट पर चांद के उगने की उम्मीद है। वहीं करवा चौथ पूजन का सही समय शाम 5 बजकर 40 मिनट से शुरू होकर 6 बजकर 47 मिनट तक माना गया है।
आपके शहर में चांद निकलने का समय:
– कोलकाता में रात 7:20 बजे
– लखनऊ में रात 7:43 बजे
– नई दिल्ली में रात 7:55 बजे
– हरियाणा में रात 8:01 बजे
– चेन्नई में रात 8:07 बजे
– हैदराबाद में रात 8:09 बजे
– मुंबई में रात 8.30 बजे
दिल्ली, यूपी, एमपी, राजस्थान में यह है चांद निकलने का समय
शिमला में ऐसे मनाया गया करवा चौथ
टीवी के मशहूर एक्टर विवेक दहिया ने भी ट्विटर पर लोगों को करवा चौथ की शुभकामनाएं दी है। विवेक ने अपनी पत्नी और टीवी एक्ट्रेस दिव्यंका त्रिपाठी के साथ तस्वीर साझा करते हुए लिखा है कि व्रत से ज्यादा प्यार की वजह से यह त्योहार खास हो जाता है। इसके बाद उन्होंने सभी व्रत रखने वाले कपल्स को करवा चौथ की बधाई दी है।
सेब की खीर बनाने की विधि- सबसे पहले सेब को छील कर और घिस कर एक मीडियम साइज पैन में डाल लें। अब इसमें चीनी डाल कर हल्की आंच पर तब तक पकाएं जब तक कि चीनी अच्छे से घुल न जाए। अब उसमें दूध और क्रीम मिलाएं और उबलने के लिये छोड़ दीजिये। इसे तक तक चलाते रहें जब तक कि यह क्रीमी न हो जाए। आपकी सेब की खीर तैयैर है। इसके बाद इसमें थोड़े ड्राई फ्रूट्स डाल कर सर्व करें।
बॉलीवुड अभिनेता अभिषेक बच्चन ने लोगों को करवा चौथ की शुभकामनाएं दी है। अभिषेक ने बताया कि वह खुद करवा चौथ का व्रत रख रहे हैं। अपने ट्विटर हैंडल पर अभिषेक ने लिखा है - गुडलक महिलाओं! और उनके कर्तव्यपरायण पतियों! जिन्हें भी अपनी पत्नियों के लिए उपवास रखना चाहिए। मैंने रखा है। अभिषेक के ट्वीट पर शिल्पा शेट्टी के पति राज कुंद्रा ने जवाब दिया है कि उन्होंने भी अपनी पत्नी के लिए व्रत रखा है।
भारतीय मनोरंजन जगत की मशहूर हस्तियों नें भी लोगों को करवा चौथ की बधाइयां भेजी हैं। सोशल मीडिया के माध्यम से सितारों ने अपने फैन्स को करवा चौथ की मुबारकबाद दी है। अभिषेक बच्चन, आयुष्मान खुराना और शबाना आजमी ने अपने ट्विटर अकाउंट से हैप्पी करवा चौथ विश किया है।
माना जाता है कि पहले करवा चौथ के दौरान जिन नियमों को अपना लिया जाता है आगे सालों में आने वाले सभी व्रतों में उन्हीं नियमों का पालन किया जाता है।
करवाचौथ के इस व्रत में इस साल दो बड़े ही शुभ संयोग बने हैं। इस साल सभी प्रकार की सिद्धियों को देना वाला सर्वार्थ सिद्धि योग बना है। इसके अलावा इस शाम अमृत सिद्धि योग भी बना है।
व्रत के बारे में महाभारत से संबंधित पौराणिक कथा के अनुसार पांडव पुत्र अर्जुन तपस्या करने नीलगिरी पर्वत पर चले गए । दूसरी ओर बाकी पांडवों पर कई प्रकार के संकट आन पड़ते हैं। अर्जुन की पत्नी द्रौपदी भगवान श्रीकृष्ण से उपाय पूछती हैं। तभी उनके सखा श्रीकृष्ण उन्हें कार्तिक कृष्ण चतुर्थी के दिन करवाचौथ का व्रत करने के बारे में बताते हैं, जिससे अर्जुन के सभी कष्ट दूर होगें। श्रीकृष्ण द्वारा बताए गए विधि विधान से द्रौपदी करवाचौथ का व्रत रखती हैं जिससे उनके समस्त कष्ट दूर हो जाते हैं। इस प्रकार की कथाओं से करवा चौथ का महत्त्व हम सबके सामने आ जाता है। यह व्रत यह कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को मनाया जाता है।
सामान्यत: विवाह के बाद 12 या 16 साल तक लगातार इस उपवास को किया जाता है लेकिन इच्छानुसार जीवनभर भी विवाहिताएं इस व्रत को रख सकती हैं। माना जाता है कि अपने पति की लंबी उम्र के लिये इससे श्रेष्ठ कोई उपवास अथवा व्रत आदि नहीं है। इस दिन महिलाएं श्रृंगार करके पूजा करने जाती हैं और फिर आकर घर के बड़ों का आशीर्वाद लेती हैं।
एयर फ्रायर- इसमें कोई दो राय वाली बात नहीं है कि पत्नियों को अपने पति की सेहत का बहुत ख्याल रहता है। कई बार आपने उन्हें खुद के लिए हेल्दी डाइट बनाते हुए देखा होगा। इसीलिए आप इस करवा चौथ उन्हें एयर फ्रायर दे सकते हैं।
आईपॉड या एमपी3 प्लेयर- आईपॉड या एमपी3 प्लेयर देना तो आम बात है लेकिन अगर आप उसमें उनकी पसंद के सभी गाने अपलोड करके इसे गिफ्ट करेंगे तो यह काफी स्पेशल बन जाएगा। इसके जरिए आप उन्हें बता सकते हैं कि आपको उनकी पसंद का पता है।
रामचरित मानस के लंका कांड के अनुसार- जिस समय श्रीराम समुद्र पार कर के लंका के सुबेल पर्वत पर उतरे तो उन्होंने पूर्व दिशा की तरफ चमकते हुए चांद को देखकर अपने साथियों से पूछा कि चांद में जो कालापन है वो क्या है? इसपर सभी ने अपने-अपने अनुसार जवाब दिए किसी ने कहा कि चांद में धरती की छाया दिखती है इसलिए उसमें कालापन है तो किसी ने कहा राहु की मार की वजह से ऐसा है। किसी ने भी सही जवाब नहीं दिया।
इसके बाद राम ने बताया कि चांद और विष दोनों समुद्र मंथन से निकले थे और विष चंद्रमा का प्रिय भाई है। इसी वजह से चांद ने विश को अपने हृदय में जगह दी हुई है जिसकी वजह से उसमें कालापन है। अपनी विषयुक्त किरणों से वह मनुष्यों को जलाता है। मनोवैज्ञानिक पक्ष के अनुसार चंद्रमा की विषयुक्त किरणों की वजह से पति पत्नी बिछड़ जाते हैं। इसी वजह से करवा चौथ के दिन पत्नी चांद की पूजा करके उसे और पति को छलनी से देखती है ताकि उसकी विषयुक्त किरणें उसके दाम्पत्य जीवन में ना पड़े और उन्हें अपने पति से अलग होने का दुख ना सहना पड़े।
1. करवा चौथ पर सुहागिन महिला को व्रत करते समय काले या सफेद वस्त्र नहीं पहनने चाहिए।
2. सफेद या काले रंग के वस्त्र सुहागिन महिलाओं के लिए शुभ नहीं माने जाते हैं।
3. सुहाग से जुड़ी वस्तुओं को कचरे में नहीं फेंकना चाहिए।
4. व्रत रखने वाली महिला को सिलाई या कढ़ाई का काम नहीं करना चाहिए। ये सभी काम इस दिन प्रतिबंधित माने जाते हैं।
5. श्रृंगार की चीजें खासतौर पर चूड़ी टूट जाए तो इसे घर में ना रखें बल्कि बहते जल में प्रवाहित कर दें।
6. करवाचौथ के दिन पति के साथ विवाद या झगड़ा करना अशुभ माना जाता है।
7. इस दिन दूध, दही, चावल या कोई सफेद कपड़ा दान ना करें।
ध्यान रखें कि जब आप अपना उपवास खोलें, तो बहुत मसालेदार और तेलयुक्त भोजन नहीं खाएं। पूरे दिन उपवास करने के कारण पेट में अम्लता का स्तर अधिक होता है। अच्छी गुणवत्ता वाले कार्बोहाइड्रेट और प्रोटीन वाले खाने से शरीर को रिचार्ज करने में मदद मिलती है।
करवा चौथ के दिन सभी शादीशुदा महिलाएं इकठ्ठा होकर पूजा करती हैं। पंरपराओं के अनुसार मां गौरी का पूजन होता है। मां गौरी भगवान शिव की पत्नी हैं, इस दिन उनकी कथा सुनना शुभ माना जाता है। महाभारत के वर्ण पर्व के अनुसार करवाचौथ इसलिए मनाया जाता है क्योंकि इस दिन देवी सावित्री ने अपने पति के प्राण वापस लाने के लिए यमदूत से प्रार्थना की थी और उसके लिए व्रत किया था।
पंरपराओं के अनुसार करवा चौथ के दिन शादीशुदा महिलाएं या जिनकी शादी होने वाली हैं वो अपने पति की लंबी आयु के लिए व्रत करती हैं। ये एकदिवसीय त्योहार हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, मध्यप्रदेश, पंजाब, राज्यस्थान और उत्तर प्रदेश में धूमधाम से मनाया जाता है। करवाचौथ की शुरुआत किसी एक कथा के कारण नहीं हुई थी इसलिए इस त्योहार की बहुत अधिक महत्वता है। इस दिन के लिए कई सारी कथाओं का प्रचलन है। पढ़ें व्रत कथा
रंगीन या सबका ध्यान खींचने वाले रंग के आई लाइनर का इस्तेमाल करें। आप डबल आई लाइनर का इस्तेमाल भी कर सकती हैं। पहले साधारण ब्लैक लाइनर का इस्तेमाल करें और फिर उसके ऊपर रंगीन लाइनर का। अगर आप वाकई आई शैडो का इस्तेमाल करना चाहती हैं तो फिर आप कच्चे रंग को चुनें या फिर उसके ऊपर भूरा या काले रंग का इस्तेमाल स्मूक के तौर पर करें। आंख के बीचो-बीच कुछ ऐसे रंग का इस्तेमाल करें जो सबका ध्यान खींचे।
मेहंदी मोहब्बत की पहचान है, क्योंकि इसके रंग की गहराई ये बताती है कि पति अपनी पत्नी को कितना प्यार करता है। अपने हाथों और पैरों को और अधिक सुंदर बनाने के लिए आप वैक्सिंग, मैनिक्योर, पेडिक्योर आदि भी करा सकती हैं। नाखूनों के लिए बहुप्रचलित नेल आर्ट की ओर भी आप रुख कर सकती हैं।
कार्तिक कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को प्रातः स्नान करके अपने पति की लंबी आयु, आरोग्य और सौभाग्य का संकल्प लें। दिनभर निराहार और निर्जल व्रत रखें। बालू या सफेद मिट्टी की वेदी पर शिव-पार्वती, कार्तिकेय, गणेश और चंद्रमा की मूर्तियों की स्थापना करें। मूर्ति ना हो तो सुपारी पर धागा बांधकर पूजा की जा सकती है। इसके पश्चात सुख सौभाग्य की कामना करते हुए इन देवों का स्मरण करें और करवे सहित बायने पर जल, चावल और गुड़ चढ़ाएं। अब करवे पर तेरह बार रोली से टीका करें और रोली चावल छिडकें। इसके बाद इसके बाद हाथ में तेरह दाने गेहूं लेकर करवा चौथ की व्रत कथा का श्रवण करें।
करवा चौथ को लेकर बहुत सी कथाएं प्रचलित हैं। इन्हीं में से एक कथा रानी वीरवती की है। बताते हैं कि 7 भाइयों की बहन वीरवती का विवाह एक राजा के साथ हुआ था। बहुत ही नाजुक वीरवती करवा चौथ का व्रत रखने अपने मायके आयी हुई थी। सुबह व्रत शुरू करने के बाद जैसे-जैसे दिन बीतता गया वीरवती को कमजोरी महसूस होने लगी। शाम तक वीरवती व्रत की तकलीफें सहन नहीं कर पाई और बेहोश हो गई। बहन के प्राणों की रक्षा के लिए उसके भाइयों ने पहाड़ी पर आग जलाकर उसे चांद बताकर बहन का व्रत तुड़वा दिया। यहां पढ़ें पूरी कथा
ऐसी मान्यता है कि देवासुर संग्राम में देवताओं की पराजय दिखने लगी और राक्षस जीतने लगे तब ब्रह्माजी ने देवताओं की पत्नियों को व्रत रखने के लिए कहा। ब्रह्माजी की बात मानते हुए देवराज इंद्र की पत्नी इंद्राणी ने व्रत रखा। उनके अलावा समस्त देवताओं की पत्नियों ने भी व्रत रखा। फलस्वरूप देवताओं की विजय हुई। बताया जाता है कि वह दिन कार्तिक मास की चतुर्थी का दिन था। उसी दिन से कार्तिक माह की चतुर्थी को करवा चौथ का पर्व मनाया जाता है।
करवा चौथ उत्तर भारत खासकर उत्तर प्रदेश पंजाब, मध्य प्रदेश हरियाणा, राजस्थान में बड़े स्तर पर मनाया जाता है। करवा चौथ को करक चतुर्थी के रूप में भी जाना जाता है। हिंदू पौराणिक कथा के अनुसार करवा चौथ की शुरुआत देवपत्नियों ने की थी। करवा या करक का मतलब होता है एक मिट्टी के बर्तन का उपयोग जिसमें एक महिला चंद्रमा को अर्घ्य (भेंट) देती है।
करवा चौथ पूजन के लिए महिलाएं नए कपड़े और गहने पहनकर तैयार होती हैं। हाथों पर मेहंदी लगाती हैं। ऐसा विवाहित महिलाओं के लिए शुभ माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि महिलाएं जितनी गहरी मेहंदी लगती है उतना ही गहरा प्यार पति-पत्नी के बीच होता है। महिलाएं दिन में भगवान शिव, गणेश, कार्तिकेय और देवी पार्वती की पूजा करती है। करवा चौथ को करक चतुर्थी के रूप में भी जाना जाता है।