Skin Disease Astrological Factor: वैदिक ज्योतिष अनुसार जन्मकुंडली में कुछ ग्रह शुभ को कुछ ग्रह अशुभ स्थिति में विराजमान होते हैं। इन ग्रहों का प्रभाव मनुष्य के जीनव पर पड़ता है। साथ ही आपको बता दें कि अगर व्यक्ति की कुंडली में कोई ग्रह अशुभ या नीच स्थित है तो व्यक्ति को वो रोग हो सकता है जिसका वह कारक है। यहां हम बात करने जा रहे हैं त्वचा संबंधी रोग (Skin in Disease OF Horoscope) के बारे में, जिसके कारण बुध और राहु ग्रह हैं। मतलब अगर राहु और बुध ग्रह शत्रु राशि या अशुभ भाव में स्थित हैं तो व्यक्ति को त्वचा संबंधी रोग हो सकते हैं। आइए ज्योतिष के अनुसार जानते हैं कि किन कारणों से हृदय रोग की समस्या होती है और इनके क्या ज्योतिषीय उपाय हैं…
बुध और राहु ग्रह हैं त्वचा रोग के प्रमुख कारक
वैदिक ज्योतिष में बुध ग्रह को ही मुख्य रूप से त्वचा का कारक माना गया है। जन्मकुंडली में अशुभ और नीच होने पर बुध त्वचा को खराब कर देता है। साथ ही व्यक्ति के चेहरे पर दाने निकलने लगते हैं। वहीं बुध ग्रह अगर छठे भाव में शत्रु राशि में विराजमान हो तो व्यक्ति को त्वचा संबंधी रोग हो सकते हैं। साथ ही अगर व्यक्ति की जन्मकुंडली में राहु ग्रह अगर नीच या नकारात्मक विराजमान हो और उनका संबंंध कुंडली के छठे या लग्न भाव से हो रहा हो तो व्यक्ति को त्वचा संबंधी बीमारी हो सकती हैं। साथ ही बीमारी लाइलाज भी हो सकती है।
ये स्थितियां भी देती हैं त्वचा रोग (Skin Disease)
वैदिक ज्योतिष में मंगल ग्रह को रक्त का कारक माना जाता है। इसलिए अगर कुंडली में मंगल अशुभ या नकारात्मक स्थित हों तो रक्त में विकार हो जाते हैं और त्वचा संबंधी रोग हो सकते हैं। शरीर पर लाल दाने पड़ जाते हैं। वहीं अगर कुंडली में राहु ग्रह अशुभ स्थित है तो किसी दवाई से रिएक्शन या एलर्जी राहू से ही मिलती है।
करें ये ज्योतिषीय उपाय (Astrological Remedy)
अगर बुध ग्रह की वजह से स्किन रोग हो तो हल्के हरे रंग के वस्त्रों का प्रयोग करें और बुधवार के दिन बुध मन्त्र का जाप करें। साथ ही ज्योतिषीय की सलाह से पन्ना रत्न धारण करें। हरी वस्तुओं का दान करें। अगर राहु ग्रह से स्किन रोग है, तो कुत्ते को रात को घी चुपड़ी रोटी खिलाएं। साथ ही राहु ग्रह के बीज मंत्र का जाप करें।