Kharmas December 2020: साल के अंतिम महीने को अगहन महीना कहा जाता है। इस महीने में सूर्य धनु राशि में प्रवेश कर जाता है, जिसे धनु संक्रांति कहते हैं। इसके साथ ही खरमास की शुरुआत हो जाती है। हिंदू धर्म की धार्मिक मान्यताओं के अनुसार लगभग एक महीने तक रहने वाले इस खरमास के दौरान कोई शुभ कार्य नहीं करने चाहिए। बता दें कि विद्वान इस महीने के अलावा, श्राद्ध और चातु्र्मास में भी शुभ कार्यों को न करने की सलाह देते हैं। आइए जानते हैं कि खरमास के दौरान अच्छे परिणाम पाने के लिए क्या सलाह दी गई है –
कब लगता है खरमास: सूर्य हर 30 दिनों पर अपनी राशि बदलकर दूसरी राशि में गोचर करते हैं। माना जाता है कि जब सूर्य देव बृहस्पति की राशि में प्रवेश करते हैं तो उस एक महीने की अवधि को खरमास कहते हैं। 30 दिनों के बाद जब सूर्य मकर राशि की ओर बढ़ते हैं तो इसके साथ ही खरमास भी समाप्त होता है। माना जाता है कि इस समयावधि के दौरान सूर्य कमजोर हो जाता है, इसलिए मांगलिक कार्यों को करने से पाबंदी होती है।
क्या करें उपाय: सूर्य कमजोर स्थिति में होने के कारण खरमास में किये गए शुभ कार्यों का पूरा फल प्राप्त नहीं हो पाता है, ऐसे में किसी नए काम की शुरुआत अथवा घर में मुंडन-विवाह जैसे मांगलिक कार्य नहीं करवाए जाने चाहिए। साथ ही, कुछ दूसरी बातों का ख्याल रखना जरूरी है।
करें भगवान विष्णु की उपासना: माना जाता है कि खरमास के दौरान भगवान विष्णु की अराधना करने से खरमास का नकारात्मक प्रभाव कम पड़ता है। ऐसे में लोगों को नियमित रूप से श्रीहरि नारायण की पूजा करनी चाहिए। साथ ही, शालिग्राम का पंचामृत से अभिषेक करने से भी शुभ फलों की प्राप्ति की मान्यता है। भक्त ‘ओम नमो भगवते वासुदेवाय’ मंत्र का जाप कर सकते हैं।
लक्ष्मी नारायण की पूजा: भगवान विष्णु के साथ ही मां लक्ष्मी की पूजा भी करें। साथ में लक्ष्मी नारायण की पूजा से घर में बरकत आने की मान्यता है। माना जाता है कि नियमित रूप से इनकी अराधना करने से आर्थिक संकट दूर होता है और धन लाभ के योग बनते हैं।
तुलसी पूजा का है महत्व: इस एक महीने की अवधि में विद्वान तुलसी पूजा को भी शुभ फलदायी मानते हैं। सलाह दी जाती है कि रोजाना तुलसी पूजा करें और शाम के समय घी का दीपक जलाना चाहिए। इसके अलावा, पीपल के पेड़ में जल अर्पित करने के साथ ही संध्या काल में दीपदान को भी अहम बताया गया है।