Kharmas December 2019: हर ग्रह की 12 राशियों में भ्रमण करने की अवधि अलग अलग होती है। सूर्य हर 30 दिन में अपनी राशि बदलता है। जब सूर्य देव गुरु बृहस्पति की राशि में गोचर करने लगता है तो उस दौरान खरमास लग जाता है। खरमास लगते ही सभी तरह के मांगलिक कार्यों पर रोक लग जाती है। कहा जाता है कि इस समय सूर्य कमजोर स्थिति में होने के कारण शुभ कार्यों का पूरा फल प्राप्त नहीं हो पाता है। जिस कारण 16 दिसंबर से लेकर 14 जनवरी 2020 तक कोई भी मांगलिक कार्य नहीं किये जा सकेंगे।
खरमास की पौराणिक कथा (Kharmas Katha In Hindi): खरमास को लेकर एक पौराणिक कथा काफी प्रचलित है। जिसके अनुसार भगवान सूर्यदेव सात घोड़ों के रथ पर सवार होकर लगातार ब्रह्मांड की परिक्रमा करते रहते हैं। उन्हें कहीं पर भी रूकने की इज़ाजत नहीं है क्योंकि उनके रूकते ही जन-जीवन भी ठहर जाएगा। लेकिन जो घोड़े उनके रथ में जुड़े होते हैं वे लगातार चलने व विश्राम न मिलने के कारण भूख-प्यास से बहुत थक जाते हैं। उनकी इस दयनीय दशा को देखकर सूर्यदेव का मन भी द्रवित हो गया।
भगवान सूर्यदेव उन्हें एक तालाब के किनारे ले गये लेकिन उन्हें तभी यह भी आभास हुआ कि अगर रथ रूका अनर्थ हो जाएगा। लेकिन घोड़ों का सौभाग्य कहिए कि तालाब के किनारे दो खर मौजूद थे। भगवान सूर्यदेव घोड़ों को पानी पीने व विश्राम देने के लिए छोड़ देते हैं और खर यानि गधों को अपने रथ में जोड़ लेते हैं। अब घोड़ा घोड़ा होता है और गधा गधा, रथ की गति धीमी हो जाती है फिर भी जैसे तैसे एक मास का चक्र पूरा होता है तब तक घोड़ों को भी विश्राम मिल चुका होता है इस तरह यह क्रम चलता रहता है और हर सौर वर्ष में एक सौर मास खर मास कहलाता है।
खरमास शुरू और समाप्त होने की तिथि और समय (Kharmas In 2019):
खरमास प्रारंभ – 16 दिसंबर दोपहर 3 बजकर 43 मिनट से
खरमास का अंत- 15 जनवरी को 02:22 ए एम पर
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