Kharmas 2025 Date: हिंदू धर्म में खरमास का विशेष महत्व होता है। इस दौरान कोई भी शुभ और मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं, क्योंकि इसमें सभी प्रकार के मांगलिक कार्य पूर्ण रूप से वर्जित माने गए हैं। जैसे शादी-विवाह, सगाई, गृह प्रवेश, नामकरण, मुंडन आदि। ज्योतिष की मानें तो खरमास तब शुरू होता है जब सूर्य देव धनु या मीन राशि में प्रवेश करते हैं और यह पूरा एक महीना चलता है। मान्यता है कि इस समय शुभ कार्य करने से उनका पूरा फल नहीं मिलता है। हालांकि इस अवधि में सूर्य पूजा करने का विशेष महत्व होता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, खरमास माह में सूर्य पूजा करने से सुख-सौभाग्य और समृद्धि की प्राप्ति होती है। ऐसे में आइए जानते हैं साल 2025 में खरमास कब से शुरू होगा और इस दौरान क्या करना चाहिए और क्या नहीं।

खरमास 2025 कब से शुरू होगा?

पंचांग के अनुसार, इस समय सूर्य देव कुंभ राशि में स्थित हैं और 13 मार्च 2025 तक इसी राशि में रहेंगे। इसके बाद 14 मार्च 2025 को सूर्य मीन राशि में प्रवेश करेंगे, जिससे खरमास की शुरुआत होगी। ऐसे में साल का पहला खरमास 14 मार्च 2025 से शुरू होगा और इस दिन से विवाह, गृह प्रवेश, मुंडन, जनेऊ संस्कार जैसे मांगलिक कार्य रोक दिए जाएंगे।

खरमास 2025 कब समाप्त होगा?

खरमास पूरे एक महीने तक रहता है। इस साल खरमास 14 मार्च 2025 से शुरू होगा और 13 अप्रैल 2025 को समाप्त हो जाएगा। इस दिन सूर्य मीन राशि से निकलकर मेष राशि में प्रवेश करेंगे, जिसे हिंदू नववर्ष की भी शुरुआत माना जाता है। इस दिन से पुनः शादी-विवाह, गृह प्रवेश और अन्य शुभ कार्य शुरू हो जाएंगे।

खरमास में शुभ कार्य क्यों नहीं किए जाते?

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, खरमास के दौरान सूर्य देव की ऊर्जा और तेज कमजोर हो जाता है। सूर्य को शुभ कार्यों का कारक माना जाता है, लेकिन जब उनकी शक्ति क्षीण हो जाती है, तो इस समय किए गए मांगलिक कार्यों का पूरा फल नहीं मिलता। इसी कारण से इस दौरान विवाह, गृह प्रवेश और अन्य शुभ कार्य करने की मनाही होती है।

खरमास में क्या नहीं करना चाहिए?

खरमास के दौरान विवाह, गृह प्रवेश, मुंडन, नामकरण, जनेऊ जैसे शुभ कार्यों को करने से बचना चाहिए। इसके अलावा, इस समय कोई नया व्यापार, नौकरी या बड़े निवेश की शुरुआत करना भी शुभ नहीं माना जाता है। वहीं, मानसिक और आध्यात्मिक शांति के लिए नकारात्मक विचारों और गलत संगत से भी बचना चाहिए।

खरमास में क्या करना चाहिए?

खरमास में भगवान सूर्य की उपासना करना बहुत शुभ माना जाता है। प्रतिदिन तांबे के लोटे में जल भरकर सूर्य देव को अर्घ्य देना चाहिए। इस दौरान दान-पुण्य करने से अच्छे फल मिलते हैं, इसलिए जरूरतमंदों को भोजन, वस्त्र और अन्य जरूरी चीजें दान करनी चाहिए। ध्यान, मंत्र जाप और पूजा-पाठ पर विशेष ध्यान दें। इस दौरान गायत्री मंत्र, आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करें। साथ ही, इस माह में भगवान विष्णु और श्रीराम की पूजा करना भी लाभकारी माना जाता है।

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