Ketu Astrology Effects: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ग्रहों का शुभ और अशुभ प्रभाव जातकों पर पड़ता है। वैदिक ज्योतिष में केतु ग्रह को एक क्रूर ग्रह माना गया। जिसका सभी 12 राशियों पर अच्छा और बुरा दोनों प्रभाव पड़ता है।

ज्योतिष में केतु ग्रह का महत्व (Ketu Astrology Importance)

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार केतु ग्रह की कोई राशि नहीं है। यह जिस राशि में जाता है, उसी के अनुसार फल देता है। केतु ग्रह से पीड़ित जातकों को कई समस्याओं का भी सामना करना पड़ता है। यदि केतु ग्रह गुरु से साथ युति बनाता है, तो जातकी की कुंडली में राजयोग बनता है। इससे योग में जातक जो भी काम करता है। वह सभी पूर्ण होते हैं। साथ ही जातक को कई अन्य लाभ भी होते हैं।

केतु ग्रह शांति के उपाय (Ketu Shanit ke Upay)

ज्योतिष शास्त्र में केतु ग्रह शांति के कई उपाय भी बताए गए हैं। मान्यता है कि इन उपायों को करने से जातक को केतु ग्रह दोष से मुक्ति मिलती हैं। आइए जानते हैं कि वह उपाय कौन से हैं।

-कुत्तों की सेवा करें।
-बुधवार शाम के समय केला,तिल आदि का दान करें।
-मां लक्ष्मी और गणेश जी की आराधना करें।
-9 मुखी रूद्राक्ष धारण करें।
-केतु यंत्र को बुधवार के दिन केतु नक्षत्र में धारण करें।

केतु ग्रह दोष से होने वाले रोग (Ketu Dosha ke Upay)

केतु ग्रह दोष से पीड़ित जातकों को सेहत संबंधी परेशानियों का भी सामना करना पड़ता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जातकों को किडनी, जोड़ों के दर्द, पैर और कान की समस्या हो सकती है।

केतु ग्रह दोष से होने वाले रोग के उपाय (Ketu Grah)

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार नियमित रूप से सुबह जल्दी स्नान करें। गरीबों और जरूरतमंदों की मदद करें और खाना खिलाएं। गुप्त दान करें।