देवी भागवत महापुराण देवी दुर्गा पर आधारित महत्वपूर्ण ग्रंथों में से एक माना जाता है। इसी पुराण में देवी के सभी अवतारों और चमत्कारों के बारे में विस्तार से बताया गया है। महापुराण में देवी भगवती ने खुद ऐसे 6 लोगों के बारे में बताया है जो स्वच्छ आत्मा वाले मनुष्यों के लिए दुख का कारण बन सकते हैं। ऐसे लोगों से बचने के लिए उनकी पहचान करना आवश्यक माना जाता है, ये मनुष्य पापी माने जाते हैं। मनुष्य का सबसे बड़ा दुश्मन लालच को माना गया है। किसी भी वस्तु का लोभ मनुष्य को बड़ी से बड़ी मुसीबत में डाल सकता है। लालच करने वाले लोगों के साथ रहने वाले लोगों के लिए भी ये नुकसानदायक हो सकता है।
द्वेष की भावना वाले- जिन लोगों के मन में दूसरों के प्रति जलन या द्वेष की भावना होती है वो व्यक्ति निश्चय ही छल करने वाला और पापी व्यक्ति होता है। ये अपनी द्वेष की भावना को शांत करने के लिए सही-गलत की सीमा तक को भूल जाता है। ऐसे व्यक्ति पर विश्वास करना हानिकारक माना जाता है।
पराई स्त्री- जो व्यक्ति दूसरों की पत्नी पर मन रखता है या किसी महिला पर बुरी नजर रखता है, ऐसे व्यक्ति के मन में सिर्फ बुरी भावनाएं घर करके रहती हैं। वह अपनी काम इच्छाओं की पूर्ति के लिए बुरे से बुरा कृत्य भी कर सकता है। ऐसे चरित्रहीन लोगों पर कभी भी भरोसा नहीं करना चाहिए, क्योंकि ये आपको या आपके घर के सदस्य तक को भी हानि पहुंचा सकता है।
झूठ बोलने वाला- जिन लोगों के मन में छल और कपट होता है। वही लोग दूसरों से झूठ बोलते हैं। अपने मतलब को सिद्ध करने के लिए ये किसी भी हद तक जा सकते हैं। सच्चाई को छुपाना भी एक तरह का झूठ ही माना जाता है।
अहंकारी- सामाजिक जीवन को जीने के कुछ नियम होते हैं। उनके पालन में व्यक्ति का अहंकार भी एक नियम होता है। माना जाता है कि अहंकार में व्यक्ति को अच्छे और बुरे का होश नहीं रहता है। अहंकार के कारण वो कभी भी किसी का अपमान कर सकता है। ऐसे लोगों से दूरी बनाकर रखना ही लाभदायक होता है।
नास्तिक- दुनिया में हर तरह का व्यक्ति होता है। कुछ ऐसे लोग होते हैं जो आस्था और धर्म में विश्वास नहीं करते हैं। धर्म में विश्वास नहीं होने के कारण ऐसा व्यक्ति कई ऐसे पाप कर देता है जिसका प्रायश्चित भी नहीं किया जा सकता है। ऐसे लोगों से संबंध रखने से हम खुद भी पाप करने वालों की श्रेणी में आ जाते हैं। ऐसे लोगों से दूर रहना ही लाभदायक होता है।
