Karwa Chauth 2018 Vrat Katha, Story, Kahani, Puja Vidhi: कार्तिक महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को करवा चौथ मनाया जाता है। पति-पत्नी के पावन रिश्ते का यह पर्व हिंदू धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक है। देश की तमाम मशहूर हस्तियों ने इस अवसर पर लोगों को करवा चौथ की शुभकामनाएं दी हैं। इसमें महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए पूरे दिन व्रत रखती हैं और रात में चांद को अर्घ्य देकर व्रत खोलती हैं। उत्तर भारत खासकर पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में यह त्योहार बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है। हिंदू पौराणिक कथा के अनुसार करवा चौथ की शुरुआत देवपत्नियों ने की थी। ऐसी मान्यता है कि देवासुर संग्राम में देवताओं की पराजय दिखने लगी और राक्षस जीतने लगे तब ब्रह्माजी ने देवताओं की पत्नियों को व्रत रखने के लिए कहा। ब्रह्माजी की बात मानते हुए देवराज इंद्र की पत्नी इंद्राणी ने व्रत रखा। उनके अलावा समस्त देवताओं की पत्नियों ने भी व्रत रखा। फलस्वरूप देवताओं की विजय हुई। बताया जाता है कि वह दिन कार्तिक मास की चतुर्थी का दिन था। उसी दिन से कार्तिक माह की चतुर्थी को करवा चौथ का पर्व मनाया जाता है। कहा जाता है कि भगवान शिव से विवाह के लिए माता पार्वती ने भी करवा चौथ का व्रत किया था। जिसके बाद शिव से पार्वती का विवाह हुआ। इसके अलावा कथा है कि भगवान श्रीकृष्ण के लिए गोकुल की गोपियों ने भी करवा चौथ का व्रत रखा था। करवा चौथ शरद पूर्णिमा के पावन पर्व के तकरीबन चार दिन बाद आता है।
व्रत विधि – कार्तिक कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को प्रातः स्नान करके अपने पति की लंबी आयु, आरोग्य और सौभाग्य का संकल्प लें। दिनभर निराहार और निर्जल व्रत रखें। बालू या सफेद मिट्टी की वेदी पर शिव-पार्वती, कार्तिकेय, गणेश और चंद्रमा की मूर्तियों की स्थापना करें। मूर्ति ना हो तो सुपारी पर धागा बांधकर पूजा की जा सकती है। इसके पश्चात सुख सौभाग्य की कामना करते हुए इन देवों का स्मरण करें और करवे सहित बायने पर जल, चावल और गुड़ चढ़ाएं। अब करवे पर तेरह बार रोली से टीका करें और रोली चावल छिडकें। इसके बाद इसके बाद हाथ में तेरह दाने गेहूं लेकर करवा चौथ की व्रत कथा का श्रवण करें।
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व्रत कथा – करवा चौथ को लेकर बहुत सी कथाएं प्रचलित हैं। इन्हीं में से एक कथा रानी वीरवती की है। बताते हैं कि 7 भाइयों की बहन वीरवती का विवाह एक राजा के साथ हुआ था। बहुत ही नाजुक वीरवती करवा चौथ का व्रत रखने अपने मायके आयी हुई थी। सुबह व्रत शुरू करने के बाद जैसे-जैसे दिन बीतता गया वीरवती को कमजोरी महसूस होने लगी। शाम तक वीरवती व्रत की तकलीफें सहन नहीं कर पाई और बेहोश हो गई। बहन के प्राणों की रक्षा के लिए उसके भाइयों ने पहाड़ी पर आग जलाकर उसे चांद बताकर बहन का व्रत तुड़वा दिया।
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जैसे ही वीरवती ने भोजन किया उसके पति की मृत्यु की खबर आ गई। दुखी मन से वीरवती जब अपने घर लौट रही थी तभी रास्ते में उसे शिव-पार्वती मिले। उन्होंने उसे गलत तरीके से व्रत तोड़ने तो उसके पति की मृत्यु की वजह बताया। इसके बाद वीरवती रोने लगी और अपनी गलती की माफी मांगने लगी। इस पर माता पार्वती ने दया करके कहा – ठीक है, तुम्हारा पति जीवित तो हो जाएगा लेकिन पूरी तरह स्वस्थ नहीं होगा।
वीरवती जब घर पहुंची तो देखा उसके पति बेहोश अवस्था में हैं और उनके शरीर पर कई सारी सुईयां चुभी हुई हैं। वीरवती ने एक-एक सुई पूरे एक साल तक निकालती रही। अगले साल जब करवा चौथ का पर्व आया तब उसने विधि विधान से व्रत रखा। अब तक राजा के शरीर पर केवल 1 सुई बची थी। वह अपनी पसंद का करवा लेने के लिए बाजार गई हुई थी तभी एक दासी ने राजा के शरीर पर बची सुई को निकाल दिया। राजा जब होश में आया तो उसने दासी को रानी समझ लिया। वीरवती जब बाजार से वापस आई तब उसे दासी बना दिया गया। इसके बाद भी रानी वीरवती ने करवा चौथ का व्रत जारी रखा और पूरे विधि विधान से व्रत का पालन किया।
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एक दिन राजा ने किसी दूसरे राज्य जाते समय वीरवती से पूछा कि उसे कुछ मंगवाना है क्या? तब वीरवती ने उनसे एक ही तरह की दो गुड़ियाएं लाने को कहा। राजा गुड़िया ले आया तो उसे लेकर वीरवती ने गीत गाना शुरू कर दिया – रोली की गोली हो गई, गोली की रोली हो गई। मतलब कि रानी दासी बन गई और दासी रानी बन गई। राजा ने जब इस गीत का मतलब पूछा तो उसने अपनी सारी कहानी बता दी। सही बात जानकर राजा को बड़ा पश्चाताप हुआ। उसने वीरवती को वापस रानी बना दिया और वही शाही सम्मान देते हुए फिर से उसे पत्नी के रूप में स्वीकार कर लिया। इस तरह माता पार्वती के आशीर्वाद से और रानी के विश्वास, भक्ति और पूर्ण निष्ठा की मदद से रानी वीरवती को अपना पति वापस मिल गया।
Highlights
पूरे दिन व्रती रहने के साथ शाम के समय महिलाएं 16 शृंगार कर एक जगह इकट्ठी होती हैं और साथ बैठकर सूर्य को जल चढ़ाती हैं और इस व्रत की कथा को पढ़ती और सुनाती हैं। अगर आप इस बार पहली बार व्रत रख रही हैं और साथ में कोई कथा सुनाने के लिए नहीं है तो परेशान ना हो क्योंकि हम आपको इस व्रत की पूरी कथा बताने वाले बताने वाले हैं। पढ़ें पूरी कहानी
किंडल- अगर आपकी पत्नी को पढ़ने का शौक है तो आप उन्हें किंडल दे सकते हैं। जिसकी मदद से वो बिना किसी रुकावट के किताबें पढ़ सकती हैं। साथ ही इसमें इन-बिल्ट डिक्शनरी भी होती है। वो जहां जाएंगी अपने साथ इसे आराम से ले जा सकती हैं।
फोटो कोलाज- अपनी पत्नी के बचपन से लेकर अब तक के कई हैप्पी मूमेंट्स का फोटो कोलाज बनाकर आप उन्हें गिफ्ट कर सकते हैं। इसकी मदद से वो यादें एक बार फिर से उनके जेहन में ताजा हो जाएंगी। हो सकता है कि इसे देखकर उनकी आंखों में खुशी के आंसू भी आ जाएं।
करवा चौथ पर उपवास का पूरा पुण्य पाने के लिए इस त्योहार को पूरी श्रद्धा से मनाएं। लाल, नारंगी या हरे रंग की साड़ी पहनें। भगवान शिव और पार्वती का ध्यान करना इस दिन उचित माना जाता है। श्रृंगार की चीजें खासतौर पर चूड़ी टूट जाए तो इसे घर में ना रखें बल्कि बहते जल में प्रवाहित कर दें। सफेद या काले रंग के वस्त्र सुहागिन महिलाओं के लिए शुभ नहीं माने जाते हैं। करवाचौथ के दिन पति के साथ विवाद या झगड़ा करना अशुभ माना जाता है।
इस साल रात 7 बजकर 55 मिनट पर चांद के उगने की उम्मीद है। वहीं करवा चौथ पूजन का सही समय शाम 5 बजकर 40 मिनट से शुरू होकर 6 बजकर 47 मिनट तक माना गया है। यहां देखें अपने शहर का समय
हमारे घर में करवा चौथ का व्रत पूरे जोश के साथ होता है। मेरी सासू मां जहां अपने पति के लिए चांद देख कर पूजा करती हैं, वहीं मैं अपने पति अभिषेक की लंबी आयु और स्वस्थ जीवन के लिए व्रत करती हूं। जो-जो सास करती हैं, मैं भी वही सब करती हूं। हर साल मैं और मेरी सास ये व्रत साथ ही रखते हैं। अभिषेक हर साल मुझे तोहफा देते हैं जिसे मैं संभाल कर रखती हूं। मैं पूरी तरह सजती-संवरती हूं। अभिषेक बहुत ही ईमानदार और समझदार पति हैं। मैं उनसे बहुत प्यार करती हूं। खुद को अभिषेक के साथ सुरक्षित महूसस करती हूं। हर जन्म में अभिषेक को ही पाने की कामना करती हूं।
-ऐश्वर्या रॉय बच्चन
सेब ज्यादातर लोगों को पसंद होता ही है और यह पौष्टिक भी होता है। साथ ही इसका स्वाद में भी लाजवाब होता है। सबसे पहले सेब को छील कर और घिस कर एक मीडियम साइज पैन में डाल लें। अब इसमें चीनी डाल कर हल्की आंच पर तब तक पकाएं जब तक कि चीनी अच्छे से घुल न जाए। अब उसमें दूध और क्रीम मिलाएं और उबलने के लिये छोड़ दीजिये। इसे तक तक चलाते रहें जब तक कि यह क्रीमी न हो जाए। आपकी सेब की खीर तैयैर है। इसके बाद इसमें थोड़े ड्राई फ्रूट्स डाल कर सर्व करें।
चेहरे पर फाउंडेशन एकसार लगाएं जिससे कि आपका मेकअप ज्यादा भड़कीला नहीं लगे। इसके बाद कॉम्पैक्ट पाउडर से टचअप करें। लिप्स यानी होंठ हमेशा ही आपके लुक को पूरा बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। मरून और लाल रंग की लिपिस्टिक का इस्तेमाल यहां न करें। किसी दूसरे मुख्य रंगों में से एक को चुनें, जैसे गहरा भूरा, बरगंडी ताकि आप कुछ अलग और आकर्षक लग सकें।
करवाचौथ के खास मौके पर विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी आयु की कामना करती हैं और जीवन भर इस दिन उपवास रखती हैं। इस साल यह त्योहार 28 अक्टूबर को है। इस मंगल दिवस पर हर महिला चाहती है कि वह अपने जीवन-साथी के सामने परफेक्ट दिखे। त्वचा को स्वस्थ रखने और इसमें चमक बनाए रखने के लिए यह बहुत जरूरी है कि आप अधिक से अधिक पानी पीएं। मुल्तानी मिट्टी के साथ शहद वाले घर में बने घरेलू पैक का इस्तेमाल करें। अपने रोजाना की डाइट में फल और हरी सब्जियां लें।
उत्तर प्रदेश में चांद 8 बजकर 35 मिनट पर दिखेगा। मुंबई में चांद 9 बजकर 21 मिनट पर दिखेगा। राजस्थान में चांद 8 बजकर 56 मिनट पर दिखेगा। हिमाचल प्रदेश में चांद 8 बजकर 43 मिनट पर दिखेगा। पंजाब में चांद 8 बजकर 49 मिनट पर दिखेगा। हरियाणा में चांद 8 बजकर 48 मिनट पर निकलेगा। बेंगलुरु की बात करें तो वहां चांद 9 बजकर 9 मिनट पर निकलेगा। कोलकाता में चांद 8 बजकर 11 मिनट पर निकलेगा।
हिंदू पौराणिक कथा के अनुसार करवा चौथ की शुरुआत देवपत्नियों ने की थी। ऐसी मान्यता है कि देवासुर संग्राम में देवताओं की पराजय दिखने लगी और राक्षस जीतने लगे तब ब्रह्माजी ने देवताओं की पत्नियों को व्रत रखने के लिए कहा। ब्रह्माजी की बात मानते हुए देवराज इंद्र की पत्नी इंद्राणी ने व्रत रखा। उनके अलावा समस्त देवताओं की पत्नियों ने भी व्रत रखा। फलस्वरूप देवताओं की विजय हुई। करवा चौथ के व्रत में महिलाएं दिन भर निर्जला उपवास करती हैं। देर शाम को चंद्रमा के निकलने के बाद पहले पति का चेहरा देखती हैं। उसके बाद पति के हाथों से पानी पीकर अपना व्रत तोड़ती हैं।
करवा चौथ का व्रत रखने वाली महिलाएं पति की लंबी उम्र के लिए पूरा दिन बिना कुछ खाए रहती हैं और रात को चांद के सामने पति को छलनी में देखकर अपना व्रत पूरा करती हैं। इस साल रात 7 बजकर 55 मिनट पर चांद के उगने की उम्मीद है। वहीं करवा चौथ पूजन का सही समय शाम 5 बजकर 40 मिनट से शुरू होकर 6 बजकर 47 मिनट तक माना गया है। जानें आपके शहर में कब निकलेगा चांद
चंद्रमा, शिव, पार्वती, स्वामी कार्तिकेय और गौरा की मूर्तियों की पूजा षोडशोपचार विधि से विधिवत करके एक तांबे या मिट्टी के पात्र में चावल, उड़द की दाल, सुहाग की सामग्री, जैसे- सिंदूर, चूडियां, शीशा, कंघी, रिबन और रुपया रखकर उम्र में किसी बड़ी सुहागिन महिला या अपनी सास के पैर छूकर उन्हें भेंट दें।
करवा चौथ पर चांद का खास महत्व होता है क्योंकि इस दिन चांद को जल चढ़ाया जाता है। पहले महिलाएं चांद की आरती करती हैं फिर छलनी से चांद को देखती हैं। इसके बाद अपने पति को देखती हैं। यह रस्म पूरी होने के बाद ही महिलाएं पानी पीती हैं और मीठा खा कर व्रत तोड़ती हैं।
शहनाज हुसैन ने कहा कि करवाचौथ से तीन दिन पहले हाथों तथा पांवों की सुंदरता पर फोकस करने के बाद मेहंदी लगाएं। मेहंदी लगाने के दो घंटे बाद नींबू और चीनी के मिश्रण से इसे हटा दें। उन्होंने कहा कि आप अपनी त्वचा को साफ करके उस पर सनस्क्रीन तथा माइस्चराइजर का प्रयोग कीजिए। तैलीय त्वचा के लिए एस्ट्रीजंट लोशन का प्रयोग करने के बाद पाउडर लगाएं। तैलीय त्वचा के लिए ज्यादा पाउडर का प्रयोग मत करें तथा चेहरे के तैलीय भागों पर ही ध्यान दें। पूरे चेहरे तथा गर्दन पर हल्की गीली स्पंज से पाऊडर का प्रयोग करें। इससे चेहरे का सौंदर्य लंबे समय तक बना रहता है। दो चम्मच गेहूं का चोकर, एक चम्मच बादाम तेल, दही, शहद और गुलाबजल का पेस्ट बनाकर इसे चेहरे पर लगाकर 20 मिनट बाद धोने से चेहरे की सुंदरता निखर जाती है तथा चेहरा खिला खिला रहता है।
करवाचौथ के दिन महिलाओं में सजने-संवरने का बहुत क्रेज होता है। ऐसे में महंगे सौंदर्य प्रसाधनों की बजाय घरेलू हर्बल प्रसाधनों के उपयोग से आप हुस्न की मलिका बन सकती हैं और आप दमकती नजर आएंगी, चाहे मौसम का मिजाज कुछ भी हो। कहा जाता है कि इस दिन व्रत रखने से महिलाओं के सौंदर्य में चांद जैसा निखार उभरता है। सौंदर्य विशेषज्ञ शहनाज हुसैन का कहना है कि हालांकि आजकल महिलाओं में सजने संवरने में ब्यूटी पार्लर और मॉल का प्रचलन शुरू हो गया है, लेकिन अगर आप सचमुच सबसे अलग दिखना चाहती हैं तो इस त्योहार की तैयारियां हफ्ते भर पहले कर लें तथा घरेलू हर्बल प्रसाधनों के उपयोग करें।
पूरे दिन है आज उपवास हमारा
पति आए जल्दी यहीं आस
ना तोड़ना हमारी ये आस
क्योंकि आज है करवा चौथ
कहानियां अनेक है लेकिन सार यहीं है कि पति से प्यार ही करवा चौथ का मर्म हैं। रोमांटिक गानों और संदेश के जरिए भी उनसे प्यार जताना ना भूलें।
पूरी आस्था और श्रद्धा के साथ करवा चौथ का व्रत करें। पति के लिए भूखी रह रही हैं तो प्यार भी जताएं। उन्हें अच्छे-अच्छे बधाई संदेश भेजें।
करवा चौथ के मौके पर घर में सुख-शांति का माहौल बनाकर रखें। पति से झगड़ा बिल्कुल ना करें,अच्छे रोमांटिक गाने सुनें,पति को प्यार भरे मैसेज भेजें ताकि आपका करवा चौथ स्पेशन बन जाए।
आज देशभर में करवा चौथ का पर्व मनाया जा रहा है। आज के दिन सुहागिन महिलाओं को काले-सफेद कपड़े नहीं पहनने चाहिए और ना ही सिलाई-कढ़ाई का कोई काम करना चाहिए। इस दिन अपने पति के साथ बिल्कुल भी झगड़ा नहीं करना चाहिए। प्रेम से रहें और खुशी-खुशी इस दिन को बिताएं।