Karwa Chauth 2025 Puja Time, Vidhi, Shubh Muhurat, Samagri, Katha, Aaj Chand Nikalne Ka Samay LIVE Updates: अखंड सौभाग्य और सुखी वैवाहिक जीवन की कामना के लिए करवा चौथ का व्रत रखा जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, यह व्रत हर वर्ष कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है। आज सुहागिन महिलाएं पति की लंबी आयु और सुखी वैवाहिक जीवन के लिए निर्जला व्रत रखती हैं और शाम को सोलह श्रृंगार कर शिव-पार्वती जी की विधिवत पूजा करने के साथ चंद्रमा को अर्घ्य देती है। इसके बाद अपना व्रत पानी पीकर खोलती है। इस वर्ष का करवा चौथ विशेष रूप से शुभ माना जा रहा है, क्योंकि सिद्धि, शिवावास योग, नवपंचम, शुक्रादित्य जैसे मंगलकारी संयोग बन रहे हैं। यह योग व्रत के फल को कई गुना बढ़ाने वाले माने जाते हैं। आइए जानते हैं इस शुभ अवसर पर करवा चौथ का शुभ मुहूर्त, पूजन सामग्री, चंद्रोदय का समय, व्रत कथा, मंत्र सहित अन्य जानकारी…
करवा चौथ की सामग्री। करवा चौथ की पूजा विधि। आज के शहर में कब होंगे चांद के दीदार करवा चौथ राशिफल। करवा चौथ की कथा। करवा चौथ आरती
करवा चौथ पूजा शुभ मुहूर्त (Karwa Chauth 2025 Puja Muhurat)
शाम 05:57 मिनट से शाम 07:11 मिनट तक
करवा चौथ व्रत समय- सुबह 06:19 मिनट से शाम 08: 13 मिनट तक
करवा चौथ व्रत अवधि- 13 घंटे 54 मिनट
करवा चौथ 2025 चंद्रोदय का समय (Karwa Chauth 2025 Moon Rise Time)
दृंक पंचांग के अनुसार, 10 अक्टूबर को शाम 8 बजकर 10 मिनट पर होगा। शहर के अनुसार थोड़ा समय में बदलाव हो सकता है
Karwa Chauth 2025 LIVE: चांद के निकलने पर सबसे पहले क्या करें
करवा चौथ पर चंद्रमा के दर्शन होते ही सबसे पहले उसे प्रणाम करें। फिर चंदन, अक्षत, फूल और रोली चढ़ाएं। उसके बाद मिट्टी या तांबे के करवे में रखे जल से चंद्रमा को अर्ध्य दें और चंद्रदेव का आशीर्वाद प्राप्त करें।
करवा चौथ व्रत कथा (Karwa Chauth Vrat Katha)
बहुत पुरानी बात है कि एक नगर में एक साहूकार रहता था। जिसके साथ बेटे और एक बेटी थी। बेटी का नाम करवा था। अपनी प्यारी बेटी की धूमधाम से शादी करके उसे ससुराल के लिए विदा कर दिया। भाई अपनी बहन से बहुत ही प्यार करते थे। एक बार की बात है कि बहन अपने ससुराल से मायके आई हुई थी। जहां उसने अपनी भाभियों के साथ मिलकर करवा चौथ का व्रत रखा। लेकिन शाम होते-होते वह भूख से व्याकुल हो उठी। सभी भाई को उसकी ये हालत देखी नहीं गई, क्योंकि चंद्रमा निकलने पर अभी काफी समय था। उन्होंने अपनी बहन से पानी पीने के लिए कहा, तो उसने कहा कि चांद निकलने के बाद ही वह खा पी सकती हैं। ऐसे में सभी भाई काफी व्याकुल हो गए। ऐसे में सबसे छोटे भाई को रहा नहीं गया। उसने दूर पीपल के पेड़ पर एक दीपक जलाकर चलनी की ओट में रख दिया। दूर से देखने पर वह चांद जैसा प्रतीत हो रहा था। इसके बाद भाई अपनी बहन को बताता है कि देखो चांद निकल आया है, तुम उसे अर्घ्य देकर भोजन कर सकती हो। बहन ने खुशी से चांद को देखा और उसे अर्घ्य दे दिया।
पूरी करवा चौथ की कथा के लिए यहां क्लिक करें
Karwa Chauth 2025 Puja Muhurat: करवा चौथ की पूजा के लिए मिलेगा 1 घंटा 14 मिनट का समय
करवा चौथ के दिन शाम के समय प्रदोष काल में पूजा करने के साथ कथा कही जाती है। इस साल करवा चौथ की पूजा का शुभ मुहूर्त 1 घंटा 14 मिनट का है, जो शाम 5:57 बजे से आरंभ होगा और शाम 7:11 बजे समाप्त हो जाएगा।
करवा चौथ पर करें इन मंत्रों का जाप
करवा चौथ पर भगवान शिव-पार्वती की पूजा करने के साथ करवा माता की पूजा की जाती है। इसके साथ ही पूजा के समय ॐ शिवायै नमः, ॐ नमः शिवाय, ॐ षण्मुखाय नमः, ॐ गणेशाय नमः, ॐ सोमाय नमः मंत्र का जाप करें। इन मंत्रों का जाप करने से शिव -पार्वती जी के साथ भगवान गणेश और भगवान कार्तिकेय का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
Karwa Chauth Vrat Katha: करवा चौथ व्रत कथा
बहुत पुरानी बात है कि एक नगर में एक साहूकार रहता था। जिसके साथ बेटे और एक बेटी थी। बेटी का नाम करवा था। अपनी प्यारी बेटी की धूमधाम से शादी करके उसे ससुराल के लिए विदा कर दिया। भाई अपनी बहन से बहुत ही प्यार करते थे। एक बार की बात है कि बहन अपने ससुराल से मायके आई हुई थी। जहां उसने अपनी भाभियों के साथ मिलकर करवा चौथ का व्रत रखा। लेकिन शाम होते-होते वह भूख से व्याकुल हो उठी। सभी भाई को उसकी ये हालत देखी नहीं गई, क्योंकि चंद्रमा निकलने पर अभी काफी समय था। उन्होंने अपनी बहन से पानी पीने के लिए कहा, तो उसने कहा कि चांद निकलने के बाद ही वह खा पी सकती हैं। ऐसे में सभी भाई काफी व्याकुल हो गए। ऐसे में सबसे छोटे भाई को रहा नहीं गया। उसने दूर पीपल के पेड़ पर एक दीपक जलाकर चलनी की ओट में रख दिया। दूर से देखने पर वह चांद जैसा प्रतीत हो रहा था। इसके बाद भाई अपनी बहन को बताता है कि देखो चांद निकल आया है, तुम उसे अर्घ्य देकर भोजन कर सकती हो। बहन ने खुशी से चांद को देखा और उसे अर्घ्य दे दिया।
यहां पढ़ें करवा चौथ की पूरी कथा
करवा चौथ पर कांस की सींक और करवा का महत्व
करवा चौथ (Karwa Chauth) पर माता करवा के साथ शिव-पार्वती जी की पूजा करने का विधान है। इस दौरान चंद्रमा को अर्घ्य देने के साथ पीतल या मिट्टी के टोटी वाले करवा के साथ पूजा की जाती है जिसकी टोटी में कांस की सींक लगाई जाती है। बता दें कि सींक को शक्ति का प्रतीक माना जाता है। इसके साथ ही करवा को श्री गणेश से संबंधित है।
करवा चौथ माता की आरती (Karwa Chauth Mata Ki Aarti)
ओम जय करवा मैया, माता जय करवा मैया।जो व्रत करे तुम्हारा, पार करो नइया।।
ओम जय करवा मैया।
सब जग की हो माता, तुम हो रुद्राणी।
यश तुम्हारा गावत, जग के सब प्राणी।।
ओम जय करवा मैया।
कार्तिक कृष्ण चतुर्थी, जो नारी व्रत करती।
दीर्घायु पति होवे , दुख सारे हरती।।
ओम जय करवा मैया।
ओम जय करवा मैया, माता जय करवा मैया।
जो व्रत करे तुम्हारा, पार करो नइया।।
ओम जय करवा मैया।
होए सुहागिन नारी, सुख संपत्ति पावे।
गणपति जी बड़े दयालु, विघ्न सभी नाशे।।
ओम जय करवा मैया।
ओम जय करवा मैया, माता जय करवा मैया।
जो व्रत करे तुम्हारा, पार करो नइया।।
ओम जय करवा मैया।
करवा मैया की आरती, व्रत कर जो गावे।
व्रत हो जाता पूरन, सब विधि सुख पावे।।
ओम जय करवा मैया।
ओम जय करवा मैया, माता जय करवा मैया।
जो व्रत करे तुम्हारा, पार करो नइया।।
ओम जय करवा मैया।
Karwa Chauth 2025 Puja Vidhi: करवा चौथ की पूजा विधि
पूजा स्थान की तैयारी करेंएक स्वच्छ चौकी या पाट पर लाल वस्त्र बिछाएँ।उस पर भगवान शिव, माता पार्वती और भगवान गणेश की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।साथ ही एक करवा (मिट्टी या पीतल का घड़ा) रखें सफेद चंदन, फूल, माला और भोग अर्पित करें।धूप-दीप जलाएँ और मन ही मन प्रार्थना करें कि परिवार में सुख-शांति बनी रहे।माता पार्वती की आराधना करें। माता को सिंदूर, रोली, कुमकुम, चुनरी और सोलह श्रृंगार की वस्तुएँ अर्पित करें।यह सौभाग्य और दीर्घ दांपत्य जीवन का प्रतीक माना जाता है।व्रत की सफलता और बाधा निवारण के लिए गणेश जी की विधिवत पूजा करें।घी का दीपक जलाएं, धूप अर्पित करें और श्रद्धा से करवा चौथ की कथा सुनें या पढ़ें।एक टोंटीदार करवा (मिट्टी या पीतल का घड़ा) लें।उसमें गेहूं, चावल, मिठाई और एक सिक्का डालें।फिर उसे ढक्कन से ढककर ऊपर गेहूं या चावल रखें।करवा की टोंटी में कांस की सींक (धातु की पतली डंडी) लगाएं।अब इस करवे की पूर्ण श्रद्धा और विधि से पूजा करें — यह सौभाग्य, धन और समृद्धि का प्रतीक है।जब चंद्रमा उदित हो जाए, तो छलनी से चांद का दर्शन करें, फिर उसी छलनी से पति का चेहरा देखें।चंद्रमा को जल से अर्घ्य अर्पित करें और मन में मंगलकामना करें।इसके बाद पति के हाथ से जल या मिठाई ग्रहण कर व्रत का पारण करें।
किस समय निकलेंगा चांद
दृंक पंचांग के अनुसार, 10 अक्टूबर को शाम 8 बजकर 10 मिनट पर होगा। शहर के अनुसार थोड़ा समय में बदलाव हो सकता है
करवा चौथ में चांद को अर्घ्य देते समय बोलें ये मंत्र
करवा चौथ पर चंद्रमा को अर्घ्य देते समय’ॐ श्रां श्रीं श्रौं स: चन्द्रमसे नम:’, ‘ॐ श्रीं श्रीं चन्द्रमसे नम:’, ‘ऊँ दधिशंखतुषाराभं क्षीरोदार्णवसंभवम नमामि शशिनं सोमं शंभोर्मुकुटभूषणम’ मंत्र का जाप करना चाहिए।
दिल्ली एनसीआर में कब होंगे चांद के दीदार
बता दें कि दिल्ली में चांद के दीदार 8 बजे के बाद ही होंगे।
दिल्ली रात 08:13 बजेनोएडा रात 08:12 बजेगाजियाबाद रात 08:12 बजे
Karwa Chauth Upay: करवा चौथ पर धन लाभ के लिए उपाय
करवा चौथ के दिन लाल रंग के कपड़े में 11 हल्दी की गांठ बांधकर भगवान गणेश को अर्पित करें। इसके बाद इन्हें घर के धन रखने वाले स्थान पर रख दें। ऐसा करने से माता लक्ष्मी अत्यंत प्रसन्न होती हैं और धन लाभ होता है।
Karwa Chauth 2025 Moon Rise Time: सबसे पहले यहां दिखेगा करवा चौथ का चांद
बता दें कि करवा चौथ का चांद सबसे पहले अरूणाचल प्रदेश के ईटानगर में निकलेगा। यहां परचांद करीब 7 बजकर 9 मिनट पर निकल आएगा।
Karwa Chauth 2025 Upay: करवा चौथ पर मेष राशि के जातक करें ये उपाय
मेष राशि की महिलाएं आज मंदिर में जाकर गुड़ और खीर चढ़ाएं। ऐसा करने से शुभ फलों की प्राप्त हो सकती है।
करवा चौथ माता की आरती (Karwa Chauth Mata Ki Aarti)
ओम जय करवा मैया, माता जय करवा मैया।
जो व्रत करे तुम्हारा, पार करो नइया।।
ओम जय करवा मैया।
सब जग की हो माता, तुम हो रुद्राणी।
यश तुम्हारा गावत, जग के सब प्राणी।।
ओम जय करवा मैया।
कार्तिक कृष्ण चतुर्थी, जो नारी व्रत करती।
दीर्घायु पति होवे , दुख सारे हरती।।
ओम जय करवा मैया।
ओम जय करवा मैया, माता जय करवा मैया।
जो व्रत करे तुम्हारा, पार करो नइया।।
ओम जय करवा मैया।
होए सुहागिन नारी, सुख संपत्ति पावे।
गणपति जी बड़े दयालु, विघ्न सभी नाशे।।
ओम जय करवा मैया।
ओम जय करवा मैया, माता जय करवा मैया।
जो व्रत करे तुम्हारा, पार करो नइया।।
ओम जय करवा मैया।
करवा मैया की आरती, व्रत कर जो गावे।
व्रत हो जाता पूरन, सब विधि सुख पावे।।
ओम जय करवा मैया।
ओम जय करवा मैया, माता जय करवा मैया।
जो व्रत करे तुम्हारा, पार करो नइया।।
ओम जय करवा मैया।
Karwa Chauth 2025 Moon Time: गाजियाबाद में कब दिखेगा करवा चौथ का चांद
गाजियाबाद में इस साल करवा चौथ का चांद रात 8 बजकर 12 मिनट पर दिखेगा।
करवा चौथ पर करें तुलसी जी की पूजा
करवा चौथ पर तुलसी जी की विधिवत पूजा करने से मां लक्ष्मी अति प्रसन्न होती है। ऐसे में सुबह तुलसी पर जल चढ़ाएं और शाम को दीपक जलाएं। इसके साथ ही “ॐ तुलस्यै नमः” का 11 बार जप करें। ऐसा करने से वैवाहिक जीवन में सौभाग्य बना रहता है।
सुखी वैवाहिक जीवन के लिए करवा चौथ पर करें ये उपाय
करवा चौथ की पूजा के बाद चांद की ओर देखकर पति का नाम मन ही मन 3 बार लें। इसके बाद उनके हाथ से पहला जल ग्रहण करें। ऐसा होने से कुंडली का सप्तम भाव यानी वैवाहिक भाव सक्रिय हो जाता है।
करवा चौथ के अशुभ समय
राहुकाल- सुबह 10:41 बजे से 12:08 बजे तक
गुलिक काल- सुबह 07:46 बजे से सुबह 09:13 बजे तक
यमगण्ड- दोहर 03:02 बजे से 04:30 बजे तक
दुर्मुहूर्त- सुबह 08:38 बजे से 09:25 बजे, दोपहर 12:31 बजे से दोपहर 01:18 बजे तक
करवा चौथ पर न करें ये काम (Dont do these things on Karwa Chauth)
करवा चौथ पर सुहागिन महिलाएं निर्जला व्रत रखती है। इसलिए सूर्योदय के बाद कुछ न खाएं या पीएं।
वाद-विवाद से दूर रहें।
नकारात्मक सोच बिल्कुल भी न आने दें।
किसी से बहस, क्रोध या अपशब्दों से बचें।
करवा चौथ के दिन काले या सफेद वस्त्र रंग के कपड़े पहनना अशुभ माना जाता है। इसके बजाय आप लाल, गुलाबी, पीले या सुनहरे रंग पहन सकती है।
किसी बड़े- बुजुर्ग का अपमान बिल्कुल भी न करें।
करवा चौथ के दिन तेल लगाकर सिर न धोएं
जब तक चांद नहीं दिखे, तब तक जल या अन्न ग्रहण न करें।
Karwa Chauth 2025 Muhurat: करवा चौथ का दिन का चौघड़िया मुहूर्त
चर-सामान्य मुहूर्त: 06:19 ए एम से 07:46 ए एम
लाभ-उन्नति मुहूर्त: 07:46 ए एम से 09:13 ए एम
अमृत-सर्वोत्तम मुहूर्त: 09:13 ए एम से 10:41 ए एम
शुभ-उत्तम मुहूर्त: 12:08 पी एम से 01:35 पी एम
चर-सामान्य मुहूर्त: 04:30 पी एम से 05:57 पी एम
कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को करवा चौथ का व्रत रखा जाता है। आज सुहागिन महिलाएं निर्जला व्रत रखकर चंद्रमा को देखकर अपना व्रत खोलती है। जानें आपके शहर में किस समय होंगे चांद के दीदार
करवा चौथ का व्रत टूट जाएं, तो करें ये काम
अगर किसी कारणवश गलती से आपका करवा चौथ का व्रत टूट जाता है, तो परेशान होने की जरूरत नहीं है। पहले खुद को शांत करें। इसके बाद भगवान शिव, माता पार्वती और चंद्रदेव से माफी मांगें। इसके साथ ही आप कहें कि – हे माता पार्वती, करवा माता यह व्रत मैंने श्रद्धा और प्रेम से रखा था। लेकिन भूलवश इसमें गलती हो गई, जिससे मेरा व्रत टूट गया है। कृपया करके मुझे क्षमा करें और मेरे पति को दीर्घायु और सुख दें। इसके साथ ही मेरे परिवार पर अपना आशीर्वाद बनाए रखें।
सोलह श्रृंगार की सामग्रियां (Solah Shringar Samagri)
करवा चौथ पर सोलह श्रृंगार का विशेष महत्व है। ऐसे में आप पूजा में और पहनावे में इन्हें शामिल कर सकती हैं। अलता यानी महावर, सिंदूर, मेहंदी, बिंदिया, काजल, कंघा, बिछिया, मंगलसूत्र, चूड़ी, गजरा, मांग टीका, कमर बंद, कानों के झुमके, इत्र,बाजूबंद, कमरबंद आदि रख सकती है।
Karwa Chauth Ki Thali Samagri: करवा चौथ की थाली में क्या-क्या रखें
करवा चौथ की पूजा के समय महिलाएं थाली में सभी पूजन सामग्री सजा कर रखती हैं। इस थाली में करवा के साथ-साथ छलनी, मिट्टी या आटे से बना दीपक, सिंदूर, पानी से भरा लोटा, मिट्टी के पांच छोटे डेलिये, कांस की तीलियां और मिठाई रखें।
सालों बाद करवा चौथ पर बना दुर्लभ योग (Karwa Chauth )
इस साल का करवा चौथ (Karwa Chauth) काफी शुभ योगों का निर्माण हो रहा है। बता दें कि आज शिवावास योग के साथ सिद्धि योग बन रहा है। इसके अलावा राहु-गुरु नवपंचम राजयोग, सूर्य-शुक्र शुक्रादित्य राजयोग, शुक्र कन्या राशि में रहकर शुक्र के साथ नीच भंग राजयोग का निर्माण हो रहा है। ऐसे में 12 राशियों के जीवन में किसी न किसी तरह से प्रभाव देखने को मिलने वाला है।
करवा चौथ पर बन रहा शक्तिशाली राजयोग, इन राशियों के लिए होगा सोने पे सुहागा, आकस्मिक धन लाभ के योग
करवा चौथ 2025 सामग्री (Karwa Chauth 2025 Samagri List)
Karwa Chauth Upay:करवा चौथ पर करें तुलसी जी की पूजा
करवा चौथ पर तुलसी जी की विधिवत पूजा करने से मां लक्ष्मी अति प्रसन्न होती है। ऐसे में सुबह तुलसी पर जल चढ़ाएं और शाम को दीपक जलाएं। इसके साथ ही “ॐ तुलस्यै नमः” का 11 बार जप करें। ऐसा करने से वैवाहिक जीवन में सौभाग्य बना रहता है।
करवा चौथ 2025 पूजा विधि (Karwa Chauth 2025 Puja Vidhi)
करवा चौथ के दिन व्रती महिलाओं को ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान आदि से निवृत्त हो जाना चाहिए। इसके बाद सरगी का सेवन करें, जो कि इस व्रत की शुरुआत मानी जाती है। सरगी के बाद देवी-देवताओं का ध्यान करते हुए व्रत का संकल्प लें। करवा चौथ की मुख्य पूजा शाम के समय की जाती है। पूजा के लिए सबसे पहले एक चौकी पर भगवान शिव, माता पार्वती और भगवान गणेश की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें। साथ ही एक करवा का चित्र भी रखें। पूजा की शुरुआत भगवान शिव की आराधना से करें। उन्हें सफेद चंदन, फूल, माला और भोग अर्पित करें। इसके बाद माता पार्वती को सिंदूर, रोली, कुमकुम, चुनरी और सोलह श्रृंगार की वस्तुएं अर्पित करें। गणेश जी की विधिवत पूजा करें। फिर घी का दीपक जलाएं, धूप दें, और करवा चौथ की व्रत कथा सुनें या पढ़ें। इसके बाद एक टोंटीदार करवा (मिट्टी या पीतल का) लें। उसमें गेहूं, चावल, मिठाई और एक सिक्का डालें। करवा को ढक्कन से बंद कर दें और ऊपर गेहूं या चावल रखें। करवा की टोंटी में कांस (धातु) की सींक लगा दें। अब इस करवे की पूरी श्रद्धा और विधि के साथ पूजा करें। पूजा पूर्ण होने के बाद चंद्रमा को अर्घ्य अर्पित कर व्रत का पारण करें।
Karwa Chauth 2025 Upay: अच्छे स्वास्थ्य के लिए करवा चौथ पर करें ये उपाय
करवा चौथ पर सूर्योदय के समय सूर्य को और शाम को चांद को अर्घ्य दें। ऐसा करने से सूर्य के साथ-साथ चंद्रमा की स्थिति कुंडली में अच्छी होगी, जिससे पति-पत्नी के बीच ऊर्जा बनी रहेगी और सेहत भी अच्छी रहेगी।