Kartik Purnima 2025 (कार्तिक पूर्णिमा 2025 में कब है): हिंदू धर्म में कार्तिक पूर्णिमा का विशेष महत्व है। इस दिन स्नान-दान के साथ-साथ दीपदान करना शुभ माना जाता है, साथ ही इस दिन मां लक्ष्मी की विधिवत पूजा करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। शास्त्रों के अनुसार, कार्तिक पूर्णिमा को देव दिवाली के रूप में भी मनाते हैं। इस दिन श्री हरि विष्णु विधिवत पूजा करने के साथ तुलसी पूजन और घर में दीपक जलाने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। कार्तिक पूर्णिमा के दिन सिखों के गुरु गुरु नानक देव जी का जन्म हुआ था। इसी के कारण इस दिन गुरु नानक जयंती के रूप में भी मनाते हैं। इस साल कार्तिक पूर्णिमा में कई खास योगों का निर्माण हो रहा है, जिससे स्नान-दान करने से कई गुना अधिक फल की प्राप्ति हो सकती है। इस दिन हंस राजयोग, सर्वार्थ सिद्धि योग का निर्माण हो रहा है। आइए जानते हैं कार्तिक पूर्णिमा की सही तिथि, स्नान-दान का मुहूर्त, मंत्र और धार्मिक महत्व…
कार्तिक पूर्णिमा तिथि 2025 (Kartik Purnima 2025 Date And Time)
पंचांग के अनुसार, कार्तिक मास की पूर्णिमा तिथि 04 नवंबर 2025 को प्रात:काल 10 बजकर 36 मिनट से प्रारंभ हो रही है, जो अगले दिन यानी 05 नवंबर 2025 को शाम 06 बजकर 48 मिनट पर समाप्त होगी। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार इस साल कार्तिक पूर्णिमा 05 नवंबर 2025 को मनाई जाएगी।
कार्तिक पूर्णिमा पर दान- स्नान का शुभ मुहूर्त (Kartik Purnima 2025 Shubh Muhurat)
कार्तिक पूर्णिमा के दिन स्नान-दान के लिए सबसे उत्तम मुहूर्त सुबह 04 बजकर 51 मिनट से सुबह 05 बजकर 43 मिनट तक है।
कब है देव दिवाली 2025 (Dev Diwali 2025 Date)
कार्तिक पूर्णिमा के दिन ही देव दिवाली का पर्व मनाया जाएगा। इसलिए इस साल देव दिवाली 5 नवंबर 2025 को ही है।
देव दीपावली पर शुभ मुहूर्त (Dev Deepawali 2025 Shubh Muhurat)
देव दीपावली को प्रदोष काल में पूजा करना अति उत्तम माना जाता है। इस दिन शाम को 05 बजकर 15 मिनट से लेकर शाम 07 बजकर 50 मिनट तक पूजा करना लाभकारी हो सकता है।
कार्तिक पूर्णिमा 2025 महत्व (Kartik Purnima 2025 Significance)
हिंदू धर्म में कार्तिक पूर्णिमा का अत्यंत खास महत्व है। इस दिन पवित्र नदी में स्नान, दान और दीपदान करना अत्यंत शुभ माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन मां लक्ष्मी की विधिवत पूजा करने से धन-समृद्धि और शुभ फलों की प्राप्ति होती है। शास्त्रों में कार्तिक पूर्णिमा को देव दिवाली के रूप में भी वर्णित किया गया है। इस दिन तुलसी पूजन किया जाता है और घर में दीप जलाने का विशेष महत्व होता है।
कार्तिक पूर्णिमा सिख धर्म के लिए भी महत्वपूर्ण दिन है, क्योंकि इसी दिन प्रथम सिख गुरु, गुरु नानक देव जी का जन्म हुआ था। इसलिए इस दिन को गुरु नानक जयंती के रूप में भी श्रद्धापूर्वक मनाया जाता है।
मान्यता है कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन सभी देवता पवित्र नदियों में पृथ्वी पर अवतरित होते हैं। इसी कारण इस दिन तीर्थ स्नान कर दीपोत्सव मनाया जाता है, जिसे देव दिवाली कहा जाता है।
कार्तिक पूर्णिमा के मंत्र (Kartik Purnima 2025 Mantra)
- ॐ सों सोमाय नम:।
- ॐ विष्णवे नमः।
- ॐ कार्तिकेय नमः।
- ॐ वृंदाय नमः।
- ॐ केशवाय नमः।
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