Kartik Mass Ke Niyam In Hindi: आज यानी 18 अक्टूबर से कार्तिक महीने की शुरुआत हो चुकी है। धार्मिक मान्यता है कि कार्तिक के पवित्र महीने में भगवान विष्णु की पूजा-अपासना का बड़ा महत्व है। इससे साधक को जीवन के सभी परेशानियों से छुटकारा मिलता है और जीवन में सुख-समृद्धि और खुशहाली आती है। साथ ही सभी मनोकामनाएं पूरी होने की मान्यता है। हालांकि कार्तिक महीने को लेकर कुछ विशेष नियम बनाए गए हैं जिनका पालन करना अनिवार्य माना जाता है। अक्सर लोगों का सवाल होता है कि इस माह में क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए। ऐसे में अगर आप भी कार्तिक महीने के नियम के बारे में जानना चाहते हैं तो बिल्कुल सही जगह पर आए हैं। क्योंकि आज हम आपको यहां बताएंगे कि इस महीने में क्या करना चाहिए और क्या नहीं।

कार्तिक माह में क्या नहीं करना चाहिए? (Kartik Mass Kya Nahi Karna Chahiye)

धार्मिक मान्यता है कि कार्तिक माह में शरीर पर तेल लगाने से बचना चाहिए। लेकिन नरक चतुर्दशी कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी पर तेल लगाना शुभ माना जाता है। इसलिए कोशिश करें कि इस माह में तेल न लगाएं। इस महीने में उड़द, मूंग की दाल, मसूर की दाल, चना दाल, मटर, मांस मदिरा आदि का सेवन नहीं करना चाहिए। इसके अलावा कार्तिक माह में बैंगन और करेला खाना भी वर्जित माना गया है।

कार्तिक माह में क्या करना चाहिए? (Kartik Mass Kya Karna Chahiye)

कार्तिक माह में स्नान-दान का बेहद महत्व होता है। मान्यताओं के अनुसार इस माह में दान करने से चंद्र दोष दूर होता है। कार्तिक माह में तुलसी का भी विशेष महत्व बताया गया है। ज्योतिष के अनुसार, अगर आप नियमित रूप से तुलसी के पौधे के समीप दीपक जलाएंगे तो इससे आपको शुभ फलों की प्राप्ति होगी। इस महीने में जातक को ब्रह्मचर्य नियम का भी पालन करना चाहिए। इसके अलावा कार्तिक माह में दीप दान का भी महत्व होता है। इस महीने दीप-दान, पवित्र नदी मे स्नान करने से जातक को पुण्य मिलता है।

क्या कार्तिक माह में बाल कटवा सकते हैं? (Kartik Mass Me Bal Katwa Sakte Hai)

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, कार्तिक माह में बाल नहीं कटवाना चाहिए। इसके साथ ही इस महीने में पेड़ काटना, नाखुन काटना, मांसाहारी भोजन करना वर्जित माना गया है। ऐसा करने से पूजा का लाभ नहीं मिल पाता है।

डिसक्लेमर- इस लेख में दी गई किसी भी जानकारी की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों जैसे ज्योतिषियों, पंचांग, मान्यताओं या फिर धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है। इसके सही और सिद्ध होने की प्रामाणिकता नहीं दे सकते हैं। इसके किसी भी तरह के उपयोग करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें।