Chaitra Navratri Kanya Pujan Kab Hai 2024 Date,Time: हिंदू धर्म में नवरात्रि का विशेष महत्व है। हर साल कुल 4 बार नवरात्रि पड़ती है जिसमें से शारदीय और चैत्र नवरात्रि का विशेष महत्व है। चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से चैत्र नवरात्रि आरंभ हो गई थी, जो नवमी तिथि के साथ समाप्त होगी। इस दौरान मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की विधिवत पूजा करने का विधान है। इसके साथ ही नवरात्रि के दौरान कन्या पूजन करने से विशेष फलों की प्राप्ति होती है। इसी के कारण नवरात्रि के दौरान अष्टमी और नवमी तिथि के दिन कन्या पूजन करने का विधान है। मान्यताओं के अनुसार माना जाता है कि कन्याओं का पूजा करने के साथ श्रद्धा के साथ भोजन कराने से वह अति प्रसन्न होती हैं और सुख-समृद्धि, धन-संपदा का आशीर्वाद देती है। आइए जानते हैं महाष्टमी और नवमी तिथि को कब करें कन्या पूजन? साथ ही जानें पूजा विधि, सामग्री सहित अन्य जानकारी…
कन्या पूजन 2024 शुभ मुहूर्त (Kanya Pujan 2024 Muhurat)
हिंदू मान्यताओं के अनुसार, साधक अष्टमी या फिर नवमी तिथि के दिन अपनी सुविधा के अनुसार कन्या पूजन कर सकते हैं। बता दें कि अष्टमी तिथि 16 अप्रैल को और नवमी तिथि 17 अप्रैल को पड़ रही है।
महाअष्टमी 2024 पर कन्या पूजन मुहूर्त ( Maha Ashtami Kanya Pujan 2024 Muhurat)
पूजा का शुभ मुहूर्त- 16 अप्रैल को सुबह 07 बजकर 51 मिनट से लेकर 10 बजकर 41 मिनट तक
दोपहर का शुभ मुहूर्त – 01 बजकर 30 मिनट से लेकर 02 बजकर 55 मिनट तक
महानवमी 2024 पर कन्या पूजन मुहूर्त ( Maha Navami Kanya Pujan 2024 Muhurat)
पूजा का शुभ मुहूर्त- 17 अप्रैल को सुबह 06 बजकर 27 मिनट से लेकर 07 बजकर 51 मिनट तक
दोपहर का शुभ मुहूर्त – 01 बजकर 30 मिनट से लेकर 02 बजकर 55 मिनट तक है।
कन्या पूजन 2024 सामग्री (Kanya Pujan 2024 Samagri)
अगर आप भी नवरात्रि के दौरान कन्या पूजन कर रहे हैं, तो यह सामग्री पहले से ही एकत्र कर लें, जिससे बाद में असुविधा का सामना न करना पड़ें। कन्याओं का पैर धोने के लिए साफ जल, थाली और तौलिया या कपड़ा। बैठने के लिए आसन, इसके अलावा कलावा, सिंदूर, अक्षत, महावर, फूल , चुनरी, खीर-पूड़ी या हलवा-चना, घी का दीपक, थाली,मिठाई, उपहार, पैसे आदि एकत्र कर लें।
कन्या पूजन 2024 पूजा विधि (Kanya Pujan 2024 Puja Vidhi)
- कन्या पूजन अगर आप अष्टमी तिथि को कर रहे हैं, तो एक दिन पहले कन्याओं को निमंत्रण दे दें या फिर नवमी वाले दिन कर रहे हैं, तो अष्टमी तिथि के दिन कन्याओं को निमंत्रण दे दें।
- घर में केवल 2 से 10 साल तक की ही कन्याओं को ही आमंत्रित करें। इसके साथ ही एक बालक को भी बुलाएं।
- अष्टमी या नवमी तिथि के दिन कन्याओं को सम्मान के साथ बुलाकर उनके पैर धुलाएं। इसके बाद पोछें।
- अब आसन में सम्मान के साथ बिठाएं और उनके पैरों में महावर और माथे में कुमकुम और अक्षत का टीका लगाएं।
- इसके बाद सभी के कलावा बांध दें। इसके साथ ही चाहे तो उन्हें लाल रंग की चुनरी पहनाएं।
- थाली में घी का दीपक जलाकर आरती उतार लें।
- अब कन्याओं को भोजन श्रद्धा के साथ परोसें।
- भोजन कराने के बाद अपनी यथाशक्ति के हिसाब से उपहार या फिर पैसे दें। इसके बाद पैर छुकर उन्हें विदा करें और उनका आशीर्वाद लें।
कन्या पूजन 2024 मंत्र (Kanya Pujan 2024 Mantra)
या देवी सर्वभूतेषु ‘कन्या ‘ रूपेण संस्थिता ।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः ।।
ॐ श्री दुं दुर्गायै नमः ।।
ॐ श्री कुमार्यै नमः ।।
ॐ श्री त्रिगुणात्मिकायै नमः ।।
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