Kamika Ekadashi Vrat Vidhi, Katha, Muhurat: सावन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को कामिका एकादशी व्रत रखा जाता है। जो इस बार 16 जुलाई, गुरुवार को पड़ा है। एकादशी व्रत में भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। मान्यता है कि इस व्रत को करने से समस्त पापों से मुक्ति मिल जाती है। इस व्रत की महिमा से बिगड़े काम बनने लगते हैं। इस दिन तीर्थस्थलों में स्नान और दान पुण्य करना काफी फलदायी बताया गया है।
कामिका एकादशी पूजा विधि: इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नानदि कर व्रत का संकल्प लें और श्री विष्णु की पूजा आरंभ करें। पूजा स्थान को गंगाजल से छिड़काव कर शुद्ध करें। चौकी पर पीला कपड़ा बिछाएं फिर उस पर भगवान नारायण की मूर्ति को रख दें। फिर रोली अक्षत से तिलक लगाएं और फूल चढ़ाकर घट स्थापना करें। भगवान विष्णु को तुलसी अर्पित करें। फल-फूल, दूध, तिल, पंचामृत आदि चढ़ाएं। दिन भर निर्जला रहकर भगवान विष्णु की पूजा अर्चना करें। इस दिन ब्राह्मण भोज एवं दान दक्षिणा का विशेष महत्व होता है। विष्णु सहस्त्रनाम का जप अवश्य करें। कामिका एकादशी व्रत की कथा सुनें और आरती उतारें। शाम के समय फिर से विष्णु जी की पूजा कर रात्रि भर जागरण करें। इस व्रत का पारण अगले दिन किया जाता है।
Kamika Ekadashi Katha: आज है कामिका एकादशी व्रत, यहां से पढ़ें इसकी व्रत कथा
कामिका एकादशी 2020 व्रत तिथि व मुहूर्त (KAMIKA EKADASHI 2020)
कामिका एकादशी व्रत तिथि– 16 जुलाई 2020, गुरुवार
पारण समय- 17 जुलाई सुबह 5 बजकर 57 मिनट से 8 बजकर 19 मिनट तक
एकादशी तिथि प्रारंभ- 15 जुलाई को रात 10 बजकर19 मिनट
एकादशी तिथि समाप्त- 16 जुलाई को रात 11 बजकर 44 मिनट
कामिका एकादशी का महत्व: कहा जाता है कि महाभारत काल में स्वयं भगवान कृष्ण ने पांडवों को एकादशी व्रत के महत्व के बारे में बताया था। मान्यता है कि कामिका एकादशी का व्रत रखने और पूजा करने से जीवन से हर प्रकार के कष्ट का नाश होता है और सुख समृद्धि प्राप्त होती है। इस व्रत को करने से पितृ भी प्रसन्न होते हैं।
Vishnu Ji Ki Aarti: विष्णु भगवान की आरती, ॐ जय जगदीश हरे…और प्रभावशाली मंत्र यहां देखें