सावन का पवित्र महीना आरंभ हो चुका है। शिवभक्त बड़ी ही श्रद्धा के साथ उनकी आराधना में लगे हुए हैं। ऐसा कहा जाता है कि सावन में शिव जी की पूजा-अर्चना करने पर वे बड़ी जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं। मान्यता है कि जिस भक्त पर शिव जी की कृपा होती है, वह अपने जीवन के सभी दुखों से छुटकारा पा लेता है। इस बीच सावन मास में इस साल कामिका एकादशी भी पड़ रही है। ऐसे में सावन के महीने का महत्व और भी ज्यादा हो गया है। बता दें कि श्रावण मास के कृष्ण पक्ष में आने वाली एकादशी को कामिका एकादशी कहा जाता है। कामिका एकादशी पर भगवान विष्णु की पूजा की जाती है।
बता दें कि साल 2018 की कामिका एकादशी 7 अगस्त(मंगलवार) को है। ऐसे में सभी विष्णु भक्त कामिका एकादशी की पूजा की तैयारियों में लग गए हैं। शास्त्रों के मुताबिक भगवान श्री कृष्ण ने खुद इस दिन व्रत करने के महत्व के बारे में युधिष्ठिर से कहा है। कहते हैं कि सावन के महीने में भगवान विष्णु की पूजा करने से सभी देवता, गन्धर्वों और नागों की पूजा हो जाती है। इसे पूजा को भगवान विष्णु की सबसे बड़ी पूजा भी माना गया है। इसलिए हर किसी को कामिका एकादशी की पूजा करने की सलाह दी जाती है।
कामिका एकादशी पर व्रत रखने का भी प्रावधान है। कहते हैं कि जो लोग इस पूरी श्रद्धाभाव के साथ व्रत रखते हैं और विष्णु जी की पूजा करते हैं। उन लोगों पर भगवान विष्णु की कृपा बरसती है। मान्यता है कि कामिका एकादशी पर विष्णु जी की पूजा करने से व्यक्ति को उसके पाप कर्मों से छुटकारा मिलता है। माना जाता है कि इस पूजा से व्यक्ति अधर्म का रास्ता छोड़कर धर्म के पथ पर चलने लगता है और समाज कल्याण के कार्यों में अपना जीवन समर्पित कर देता है।