Kamada Ekadashi 2018: चैत्र शक्ल पक्ष की एकादशी को कामदा एकादशी के नाम से जाना जाता है। कहा जाता है इस एकादशी को व्रत रखने से प्रेत योनि से मुक्ति मिल जाती है। हिंदू पंचांग में ग्यारहवी तिथि को एकादशी कहा जाता है। एक महीने में दो बार एकादशी आती है। एक शुक्ल पक्ष और दूसरी कृष्ण पक्ष में आती है। कामदा एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। माना जाता है इस दिन विधि पूर्वक पूजा करने से सभी पाप खत्म हो जाते हैं। इस साल कामदा एकादशी 27 मार्च को है। कामदा एकादशी को फलदा एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। चैत्र मास की एकादशी को अन्य मास की एकादशी से ज्यादा फलदायी माना जाता है। क्योंकि चैत्र मास में ही भारतीय नव संवत्सर की शुरुआत होती है।
कामदा एकादशी व्रत की पूजा विधि – कामदा एकादशी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि के बाद साफ कपड़े पहनकर व्रत का संकल्प लें। इसके बाद भगवान विष्णु की पूजा करें। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा में फल, फूल, दूध, तिल और पंचामृत आदि सामग्री का प्रयोग करना चाहिए। इस दिन एकादशी व्रत कथा सुनने का विशेष महत्व माना जाता है। एकादशी का व्रत पूरा होने के बाद द्वादशी के दिन ब्राह्मण को भोजन कराना चाहिए। इसके बाद ब्राह्मण दक्षिणा देकर ही विदा करना चाहिए।
कामदा एकादशी शुभ-मुहूर्त
पारण का समय- 06:59 से 08:46 बजे (28 मार्च 2018)
हरि वास का समय समाप्त -06:59 बजे (28 मार्च 2018)
एकादशी तिथि प्रारंभ – 03:43 बजे (27 मार्च 2018)
एकादशी तिथि समाप्त – 01:31 (28 मार्च 2018)


