Kalashtami Vrat April 2025: हिंदू धर्म में कालाष्टमी व्रत का विशेष महत्व होता है। पंचांग के अनुसार, यह व्रत हर माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन काल भैरव की विधिपूर्वक पूजा की जाती है। बता दें कि काल भैरव देवता को भगवान शिव का रौद्र स्वरूप माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि काल भैरव भगवान शिव के पांचवें अवतार भी थे। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन भगवान शिव के इस रूप की पूजा-अर्चना करने से जीवन की सभी परेशानियों से छुटकारा मिलता है। साथ ही, भय खत्म होता है और शत्रुओं से सुरक्षा मिलती है। खासकर तंत्र साधना करने वाले साधक इस दिन विशेष पूजा करते हैं। ऐसे में आइए जानते हैं कि अप्रैल में कालाष्टमी व्रत कब रखा जाएगा। जानिए कालाष्टमी की तिथि, शुभ मुहूर्त, शुभ योग और मंत्र के बारे में।

कब है कालाष्टमी 2025?

साल 2025 में वैशाख माह की कालाष्टमी 21 अप्रैल को मनाई जाएगी। पंचांग के अनुसार, अष्टमी तिथि की शुरुआत 20 अप्रैल को रात 7 बजकर 1 मिनट से हो रही है और यह 21 अप्रैल को शाम 6 बजकर 58 मिनट तक रहेगी। चूंकि अष्टमी का उदयकाल 21 अप्रैल को है, इसलिए इसी दिन कालाष्टमी का व्रत और पूजन किया जाएगा।

कालाष्टमी 2025 व्रत शुभ मुहूर्त

कालाष्टमी के दिन ब्रह्म मुहूर्त सुबह 4:48 से 5:35 बजे तक रहेगा। विजय मुहूर्त दोपहर 2:30 से 3:19 तक, गोधूलि मुहूर्त शाम 6:32 से 6:56 तक और रात्रि में निशिता काल 12:04 से 12:51 बजे तक रहेगा। मान्यता है कि इन मुहूर्तों में काल भैरव की आराधना करने से विशेष फल प्राप्त होता है।

कालाष्टमी 2025 पर बन रहा है शुभ योग

इस बार कालाष्टमी पर वरीयान योग और शिववास का विशेष संयोग बन रहा है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शिववास में की गई पूजा का फल सामान्य पूजा से कई गुना अधिक मिलता है। इस दिन कौलव करण भी रहेगा, जो शुभ कर्मों और धार्मिक कार्यों के लिए बेहद ही शुभ माना जाता है। मान्यता है कि इस शुभ योग में काल भैरव की पूजा करने से भक्त को दोगुना फल मिलता है।

भगवान काल भैरव को प्रसन्न करने के लिए करें ये काम

काल भैरव के मंत्रों का करें जाप

काल भैरव को प्रसन्न करने के लिए इस दिन उनके मंत्रों का 108 बार जाप करें। मंत्र इस प्रकार है – ‘ॐ काल भैरवाय नमः’, ‘ॐ क्रीं क्रीं कालभैरवाय फट’ और ‘ॐ हं षं नं गं कं सं खं महाकाल भैरवाय नमः’। इसके साथ ही काल भैरव अष्टक का पाठ करें। मान्यता है कि यह पाठ भय, बाधाएं और शत्रुओं का नाश करता है।

काले कुत्ते को खिलाएं रोटी

काल भैरव को सरसों के तेल का दीपक अति प्रिय है। इसलिए मंदिर या घर के ईशान कोण में दीपक जलाकर ‘ॐ कालभैरवाय नमः’ मंत्र का जाप करें। इस दिन व्रत रखना भी लाभकारी माना जाता है। साथ ही इस दिन काले कुत्ते को रोटी खिलाना भी बहुत शुभ माना जाता है क्योंकि काल भैरव का वाहन कुत्ता है।

व्यापार या नौकरी के लिए

यदि व्यापार या नौकरी में रुकावटें आ रही हैं तो कालाष्टमी के दिन काल भैरव मंदिर में नींबू और मिर्च चढ़ाएं और फिर उसे अपने दुकान या ऑफिस के दरवाजे पर टांग दें। मान्यता है कि ऐसा करने से बुरी शक्तियों और नकारात्मक ऊर्जा से रक्षा होती है।

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