Kajari Teej 2022: हरियाली और हरतालिका तीज की तरह ही कजरी तीज का पर्व भी महिलाओं के लिए बहुत खास होता है। अखंड सौभाग्य की प्राप्ति के लिए महिलाएं यह व्रत रखती हैं। सुहागिन महिलाओं के अलावा कुंवारी कन्याएं भी मनचाहा वर पाने के लिए यह व्रत रखती हैं। इस व्रत में शिव जी और माता पार्वती की पूजा का विधान है।

बता दें कि कजरी तीज का यह पर्व प्रत्येक वर्ष भाद्रपद माह में कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। इस साल यह पर्व 14 अगस्त 2022, दिन रविवार को रखा मनाया जाएगा। दिल्ली के न्यूमेरोलॉजिस्ट सिद्धार्थ एस कुमार ने जनसत्ता डॉट कॉम से खास बातचीत में कजरी तीज की पूजा विधि और इसके महत्व के बारे में बताया है। आइए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से…

कजरी तीज 2022 तिथि

भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि की शुरुआत 13 अगस्त की रात 12 बजकर 53 मिनट से हो रही है। यह तिथि 14 अगस्त की रात 10 बजकर 35 मिनट तक रहेगी। ऐसे में उदया तिथि के आधार पर इस बार कजरी तीज का त्योहार 14 अगस्त को मनाया जाएगा।

कजरी तीज की पूजा विधि

कजरी तीज के दिन महिलाएं प्रातः जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण कर व्रत का संकल्प लें। शाम को पुनः स्नान करके पूजन वाली जगह को साफ करें और मिट्टी या गोबर से एक छोटा सा तालाब जैसा घेरा बना लें। घेरे में कच्चा दूध और पानी भरकर उसके किनारे पर देशी घी का दीपक जलाएं। गोबर अथवा मिट्टी से बनाए हुए घेरे के एक किनारे पर नीम की छोटी सी डाली तोड़कर लगा दें और उस पर चुनरी ओढ़ा दें और विधि पूर्वक पूजन करें। इसके बाद महिलाएं चंद्रमा को अर्घ्य देकर व्रत का पारण करें।

इस विधि से दें चंद्रमा को अर्घ्य

करवा चौथ की ही तरह कजरी तीज पर भी रात्रि में पूजा की जाती है और चंद्रमा को अर्घ्य दिया जाता है। चंद्रमा को अर्घ्य देते समय रोली, अक्षत और मौली अर्पित करें। वहीं चांदी की अंगूठी और गेहूं के दानों को हाथ में लेकर चंद्रमा के अर्घ्य देते हुए अपने स्थान पर खड़े होकर परिक्रमा करें।

कजरी तीज व्रत का महत्व

मान्यता है कि कजरी तीज का व्रत करने से महिलाओं को अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है। पति के दीर्घायु होने और उनके सुखमय जीवन के लिए महिलाएं यह व्रत रखती हैं। वहीं कुंवारी कन्याएं भी मनचाहा वर पाने के लिए यह व्रत रखती हैं।