Sharad Purnima 2024: हिंदू धर्म में शरद पूर्णिमा का विशेष महत्व है। वैदिक पंचांग अनुसार हर साल शरद पूर्णिमा का व्रत आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी के दिन मनाया जाता है। इस दिन धन की देवी माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु की पूजा- अर्चना करने का विधान है। वहीं ज्योतिष शास्त्र में शरद पूर्णिमा की रात बहुत खास मानी जाती है। क्योंकि इस रात चांद पूरी तरह से चमकता है यानी की चांद 16 कलाओं से पूर्ण रहता है। इस दिन व्रत रखने से व्यक्ति को सुख- समृद्धि की प्राप्ति होती है। साथ ही सभी कष्टों से मुक्ति मिलती है। वहीं इस दिन चंद्र देव की पूजा करने के साथ चांदनी रात में खीर बनाकर रखी जाती है। मान्यता है कि इस रात आकाश से अमृत की बारिश होती है। आइए जानते हैं तिथि और पूजा का शुभ मुहूर्त…
शरद पूर्णिमा 2024 तिथि और शुभ मुहूर्त (Sharad Purnima 2024 Tithi and Auspicious Time)
वैदिक पंचांग के मुताबिक आश्विन माह के पूर्णिमा तिथि का आरंभ 16 अक्टूबर को रात्रि 08 बजकर 41 मिनट पर होगा। साथ ही इस तिथि का अंत अगले दिन यानी 17 अक्टूबर को शाम को 04 बजकर 53 मिनट पर होगा। ऐसे में शरद पूर्णिमा का पर्व 16 अक्टूबर को मनाया जाएगा। इस दिन चन्द्रोदय शाम को 05 बजकर 04 मिनट पर होगा।
शरद पूर्णिमा का धार्मिक महत्व
शास्त्रों में शरद पूर्णिमा का विशेष महत्व बताया है। क्योंकि इस रात चंद्रमा पूरी तरह चमकता है यानी चंद्रमा 16 कलाओं से परिपूर्ण होता है। मान्यता है कि इस रात आकाश से अमृत की बारिश होती है। ऐसे में पूजा पाठ करने के साथ खुले आसमान में खीर रखना शुभ होती है। वहीं इस दिन सत्यनारायण भगवान की पूजा और घर पर कथा करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है। वहीं शरद पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान करना शुभ माना जाता है। ऐसा करने से सुख- समृद्धि की प्राप्ति होती है। वहीं मान्यता है कि शरद पूर्णिमा की रात देवी लक्ष्मी पृथ्वी का भ्रमण करती हैं। इस दौरान देवी सभी से पूछती हैं को जागृति यानी कौन जाग रहा है? रात्रि में देवी लक्ष्मी की पूजा करने वालों पर धन की वर्षा होने की मान्यता है। इसलिए कई लोग इस रात को जगते हैं।