सावन के सोमवार: ज्योतिष में मांगलिक योग और ग्रहण योग की तरह कालसर्प योग को भी अशुभ योग की श्रेणी में रखा गया है। कालसर्प योग के बारे में कहा गया है कि जिनकी कुंडली में यह योग होता है उस व्यक्ति को जीवन में बेहद कठिन चुनौतियों का सामना करना पड़ता है।
ज्योतिष के जानकारों के मुताबिक काल सर्प दोष से मुक्ति पाने के लिए सावन का महीना सबसे उत्तम माना माना जाता है। यदि किसी की कुंडली में कालसर्प दोष का प्रभाव होता है तो उसका प्रभाव लंबे समय तक रहता है। तो आइए जानते हैं क्या हैं कालसर्प दोष के लक्षण और किन उपायों से आप इसके प्रभाव को कम कर सकते हैं।
कैसे पहचाने काल सर्प दोष
यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में कालसर्प दोष है तो इसका पता बहुत आसानी से लगाया जा सकता है। काल सर्प दोष होने पर व्यक्ति को शिक्षा में हानि, नौकरी में समस्या, व्यवसाय में कठिन परिश्रम करने के बाद भी हानि होती है। इसके अलावा व्यक्ति गलत कंपनी से जुड़ने लगता है। मन में हमेशा नकारात्मक विचार आते रहते हैं, अपने आप को असफल समझना, आत्महत्या करने के विचार, वैवाहिक जीवन में कलह और तनाव, संतान के जन्म में रुकावट, प्रेम संबंधों में बाधा और परेशानी के अलावा यह कालसर्प दोष के लक्षण हैं।
कैसे बनता है काल सर्प दोष
जब किसी व्यक्ति की कुंडली में राहु और केतु के बीच सभी ग्रह आ जाते हैं तो कालसर्प दोष होता है। कुण्डली में इस योग के होने से जीवन कठिनाइयों से भरा रहता है। ज्योतिष में 12 प्रकार के कालसर्प दोष होते हैं। अनंत, काल सर्प दोष, कुलिक काल सर्प दोष, वासुकी काल सर्प दोष, शंखपाल काल सर्प दोष, पद्म काल सर्प दोष, महापद्म काल सर्प दोष, तक्षक काल सर्प दोष, कर्कोटक काल सर्प दोष, शंखनाद काल सर्प दोष, घातक काल सर्प दोष , विषैला काल सर्प दोष , शेषनाग काल सर्प दोष ।
काल सर्प प्रभाव को कम करने के उपाय
- इस दिन सोमवार के दिन भगवान शिव को नाग नागिन का जोड़ा चढ़ाना चाहिए। चांदी या पंच धातु का सर्प या नाग का जोड़ा चढ़ाएं।
- रुद्राभिषेक सोमवार के दिन करें, हालांकि सावन में आप किसी भी दिन रुद्राभिषेक करवा सकते हैं, ऐसा करने से आपको लाभ मिलेगा।
- मिट्टी से डेढ़ लाख महादेव बनाकर उनकी पूजा करनी चाहिए, साथ ही उनकी 1100 बार महामृत्युंजय मंत्र से पूजा करनी चाहिए।
- अगर आप मिट्टी का महादेव बनाकर पूजा नहीं कर पा रहे हैं तो डेढ़ लाख महामृत्युंजय का जाप भी आपके लिए फायदेमंद रहेगा।
- इसके अलावा 18 जुलाई को नागपंचमी सावन के पहले सोमवार को है। इस दिन नाग देवता की पूजा करने से विशेष लाभ मिलता है। इस दिन नाग देवता को दूध और धान का लावा, जिसे खिल भी कहा जाता है, अर्पित करें, इससे काल सर्प दोष का प्रभाव भी कम होगा। यह कार्य नाग मंत्र का जाप करते समय करना होता है। मंत्र : ॐ नवकुले विद्महे विषदंतै धीमहि तन्नो सर्प: प्रचोदयत
- उपाय के तौर पर सावन के सभी सोमवारों को पंचामृत, दूध दही शहद, घी और गंगाजल मिलाकर भगवान शिव का अभिषेक करें और भगवान शिव को 108 बेलपत्र चढ़ाएं। यह उपाय काल सर्प दोष के प्रभाव को भी कम करेगा।
सावन में राहु और केतु के मंत्रों का नियमित जाप भी लाभकारी रहेगा
राहु का बीज मंत्र – ॐ रां राहे नमः, इस मंत्र का डेढ़ लाख बार जाप करें
केतु का बीज मन्त्र – ॐ श्रं श्रीं सरौं सह केतवे नमः, इस मंत्र का सवा लाख बार जाप करें
आप इनमें से किसी एक मंत्र का जाप कर सकते हैं।