Bhairav Ashtami 2024 Date: हिंदू धर्म में काल भैरव जयंती का विशेष महत्व है। इस साल काल भैरव जयंती 22 नवंबर को मनाई जाएगी। आपको बता दें कि इस दिन भगवान शिव के काल भैरव स्वरूप की मंदिरों में विशेष रूप से पूजा-अर्चना की जाती है। मान्यता है कि भगवान शिव के इस रूप की उपासना से मृत्यु का भय नहीं रहता और जीवन के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। वहीं आपको बता दें कि इस दिन कुछ दिन विशेष योग भी बन रहे हैं, जिससे इस दिन का महत्व और भी बढ़ गया है। आइए जानते हैं तिथि और शुभ मुहूर्त…

काल भैरव जयंती तिथि 2024 (Kaal Bhairav Jayanti 2024 Tithi)

वैदिक पंचांग के मुताबिक इस बार अष्टमी तिथि की शुरुआत 22 नवंबर को शाम 6 बजकर 6 मिनट पर हो रही है और इसका अंत 23 नवंबर दिन शनिवार को सुबह 7 बजकर 57 मिनट पर होगा। ऐसे में 2024 में काल भैरव जयंती 22 नवंबर दिन शुक्रवार को मनाई जाएगी।

भैरव अष्टमी 2024 का शुभ मुहूर्त

भैरव देव की पूजा निशा काल में होती है। इसलिए 22 नवंबर को कालाष्टमी मनाई जाएगी। वहीं इस दिन मासिक कृष्ण जन्माष्टमी भी मनाई जाएगी।

बन रहे हैं ये शुभ योग

भैरव अष्टमी के दिन ब्रह्म योग और इंद्र योग के साथ ही रवि योग बन रहा है। इन योग में भगवान शिव के रौद्र रूप काल भैरव देव की पूजा करने से साधक को सभी प्रकार के शारीरिक और मानसिक कष्टों से मुक्ति मिलती है साथ ही सुख- समृद्धि की प्राप्ति होती है और शत्रुओं पर विजय मिलती है।

इस दिन भूलकर भी ना करें ये काम

–काल भैरव जयंती के दिन व्यक्ति को झूठ बोलने से बचना चाहिए, क्योंकि झूठ बोलने से उसके कष्ट और परेशानियां बढ़ जाती हैं।

-गृहस्थ लोगों को इस दिन तामसिक पूजा करनी चाहिए।

-इस दिन कुत्ते, गाय और अन्य जानवरों के साथ हिंसक व्यवहार करने से भगवान काल भैरव रुष्ठ हो जाते हैं।

-कहा जाता है कि काल भैरव की पूजा किसी का अहित करने के लिए नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से काल भैरव भगवान रुष्ट हो सकते हैं।