Jyeshtha Month 2025 Vrat and Tyohar List: हिंदू पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ माह का शुभारंभ इस वर्ष 13 मई 2025 से हो रहा है। यह मास हिंदू नववर्ष का तीसरा महीना होता है और इस महीने गर्मी अपने चरम पर होती है। इस महीने का धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि से बड़ा महत्व होता है। खासकर सूर्य देव, भगवान विष्णु, भगवान शिव, हनुमान जी और शनि देव की पूजा का विशेष महत्व होता है। मान्यता है कि इस महीने में पूजा-पाठ, व्रत और दान करने से न सिर्फ सारे कष्ट दूर होते हैं, बल्कि जीवन में सुख-समृद्धि भी आती है। व्रत-त्योहार के लिहाज से भी यह महीना बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। इस महीने में नारद जयंती, अपरा एकादशी, वट सावित्री व्रत जैसे अनेक व्रत आते हैं। ऐसे में आइए जानते हैं ज्येष्ठ माह में आने वाले व्रत-त्योहारों की पूरी लिस्ट…
ज्येष्ठ मास व्रत-त्योहार लिस्ट
13 मई 2025 – नारद जयंती
ज्येष्ठ माह की शुरुआत नारद जयंती से होगी। इस दिन देवताओं और मनुष्यों के बीच संवाद सेतु माने जाने वाले नारद मुनि की पूजा की जाती है। धार्मिक मान्यता है कि नारद जी ने ज्ञान, संगीत और भक्ति का प्रचार किया।
15 मई 2025 – वृषभ संक्रांति
इस दिन सूर्य मेष राशि से निकलकर वृषभ राशि में प्रवेश करेंगे। इसे वृषभ संक्रांति कहा जाता है। यह दिन सूर्य देव की उपासना और दान-पुण्य के लिए शुभ माना जाता है। खासतौर पर इस दिन तिल, गुड़ और जल का दान करने से पुण्य फल मिलता है।
16 मई 2025 – संकष्टी चतुर्थी
संकष्टी चतुर्थी भगवान गणेश को समर्पित होती है। इस दिन गणपति बाप्पा की पूजा कर जीवन की बाधाओं को दूर करने की कामना की जाती है। साथ ही, इस दिन उपवास रखने से विशेष फल प्राप्त होता है।
23 मई 2025 – अपरा एकादशी
अपरा एकादशी को पापों से मुक्ति दिलाने वाली एकादशी कहा जाता है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करके व्रत रखा जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन व्रत रखने और पूजा करने से मोक्ष और पुण्य की प्राप्ति होती है।
24 मई 2025 – शनि त्रयोदशी और प्रदोष व्रत
इस दिन शनि त्रयोदशी और प्रदोष व्रत रखा जाएगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, शनि देव और भगवान शिव की आराधना करने से जीवन में आ रही बाधाएं दूर होती हैं और शांति मिलती है।
26 मई 2025 – वट सावित्री व्रत
विवाहित महिलाओं के लिए यह दिन बहुत खास होता है। वे अपने पति की लंबी उम्र और सुखी दांपत्य जीवन के लिए वट वृक्ष की पूजा करती हैं।
27 मई 2025 – ज्येष्ठ अमावस्या और शनि जयंती
ज्येष्ठ अमावस्या का दिन पूर्वजों के लिए श्राद्ध और तर्पण के लिए श्रेष्ठ माना गया है। साथ ही इस दिन शनि जयंती भी है। मान्यता है कि इसी दिन शनि देव का जन्म हुआ था। इस दिन शनि मंदिरों में विशेष पूजा होती है।
5 जून 2025 – गंगा दशहरा
गंगा दशहरा पर मां गंगा के पृथ्वी पर अवतरण की स्मृति में यह पर्व मनाया जाता है। गंगा स्नान और गंगाजल से पूजा करने से सारे पाप नष्ट हो जाते हैं। यह दिन जल दान के लिए भी विशेष माना गया है।
6 जून 2025 – निर्जला एकादशी
यह साल की सबसे कठिन एकादशी मानी जाती है। इस दिन व्रत रखने वाले बिना जल के पूरे दिन उपवास करते हैं। कहा जाता है कि यह एकादशी करने से सभी एकादशियों का फल एक साथ मिल जाता है।
10 जून 2025 – वट पूर्णिमा व्रत
वट सावित्री की तरह ही वट पूर्णिमा पर भी महिलाएं वट वृक्ष की पूजा करती हैं। यह व्रत विशेष रूप से महाराष्ट्र, गुजरात और दक्षिण भारत में लोकप्रिय है।
11 जून 2025 – ज्येष्ठ पूर्णिमा
यह दिन ज्येष्ठ माह का अंतिम दिन होगा। इस दिन गंगा स्नान, दान और जप-तप करने का विशेष महत्व होता है। कहते हैं इस दिन किए गए अच्छे कर्म कई गुना फल देते हैं।
ज्येष्ठ माह में कब-कब है बड़ा मंगल?
पहला बड़ा मंगल 13 मई को है।
दूसरा बड़ा मंगल 20 मई को है।
तीसरा बड़ा मंगल 27 मई को है।
चौथा बड़ा मंगल 2 जून को है।
पांचवां बड़ा मंगल 10 जून को है।
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