Vipreet Raj Yoga: वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, देवों के गुरु बृहस्पति को काफी महत्वपूर्ण ग्रह माना जाता है, क्योंकि इस ग्रह की स्थिति पर ही हिंदू धर्म के मांगलिक और शुभ कामों के लिए मुहूर्त निकाला जाता है। ऐसे में इस ग्रह की स्थिति में परिवर्तन का असर हर राशि के जातकों के जीवन पर किसी न किसी तरह से पड़ता है। बता दें कि इस समय गुरु ग्रह मेष राशि में विराजमान है। वह 12 सालों बाद अप्रैल माह में मीन राशि से निकलकर इस राशि में प्रवेश किया है। गुरु के मेष राशि में आने से कई तरह के शुभ और अशुभ योगों का निर्माण हुआ है। इन्हीं योगों में से एक ‘विपरीत’ योग का निर्माण हुआ है। जानिए किन राशियों को मिलेगा बंपर लाभ।

वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, गुरु मेष राशि में नौवें और बारहवें भाव के स्वामी हैं और उन्होंने भाग्य भाव में प्रवेश किया है। बता दें कि किसी राशि में विपरीत योग तब बनता है जब 6 वें, 8 वें और 12 वें घर के स्वामी युति संबंध बनाते है। साधारण शब्दों में कहे, तो 6वें घर के स्वामी को 8 वें या फिर 8 वें घर में रखा जाए या फिर 12वें घर के स्वामी को 6 या 8 वें भाव में रखा जाएं, तो विपरीत राजयोग का निर्माण होता है।  

विपरीत योग बनने से इन राशियों को मिल सकता है लाभ

मिथुन राशि

इस राशि में गुरु ने लग्न भाव में गोचर किया है। ऐसे में इस राशि के जातकों के लिए विपरीत योग लाभकारी सिद्ध हो सकता है। ऐसे में लंबे समय से रुका हुआ काम एक बार फिर से शुरू हो जाएगा। कार्यस्थल में आपके काम की वाहवाही होगी। ऐसे में आपको पदोन्नति और इंक्रीमेंट मिल सकता है। बिजनेस में निवेश करना भी लाभकारी सिद्ध हो सकता है। आपको संतान की तरफ से कोई सुखद समाचार मिल सकता है। शिक्षा में सफलता मिलेगी। विवाह के भी योग बन रहे हैं।

कर्क राशि

देव गुरु बृहस्पति इस राशि में नवम भाव और छठे भाव के स्वामी हैं और उन्होंने दशम भाव  गोचर किया है। ऐसे में  इस राशि के जातकों के लिए विपरीत योग नौकरी के कई चांस खोल सकता है। नौकरी की तलाश कर रहे लोगों को सफलता हासिल हो सकती है। लंबे समय से रुका हुआ इंक्रीमेंट हो सकता है। वैवाहिक जीवन में भी खुशियां ही खुशियां आ सकती है। थोड़ी सी स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है, लेकिन समय के साथ सब सही हो जाएगा।