Jupiter Retrograde 2022, Guru Margi 2022: ज्योतिष शास्त्र में कुल 9 ग्रहों और 12 राशियों के आधार पर गणना की जाती है। ज्योतिष शास्त्र में देवगुरु बृहस्पति का विशेष स्थान है। सभी ग्रहों में बृहस्पति को सबसे शुभ फल देने वाला ग्रह माना जाता है। ज्योतिष शास्त्र में बृहस्पति ग्रह को मान सम्मान, विवाह, भाग्य, अध्यात्म, संतान का कारक माना गया है। इसके साथ ही ग्रह को पुत्र, पत्नी, धन, शिक्षा और वैभव का कारक ग्रह माना जाता है।
गुरु बृहस्पति के मार्गी होने का समय और तिथि
ज्योतिष शास्त्र के गणनाओं के आधार पर 29 जुलाई दिन शुक्रवार को गुरु बृहस्पति मीन राशि में वक्री हुए थे, अब 24 नवंबर को मीन राशि में मार्गी होंगे। 29 जुलाई को देवगुरु के मीन राशि में वक्री होने के बाद से कई राशियों के लोगों के जीवन में बदलाव हुए थे। अभी मार्गी होने में बृहस्पति को 119 दिन लगे यानी 24 नवंबर को शाम 4:29 बजे गुरु मार्गी हो जाएंगे।
इन राशियों के लिए गुरु बृहस्पति होंगे शुभ फलदायी
वैदिक ज्योतिष के अनुसार बृहस्पति को सबसे अधिक लाभकारी ग्रह माना जाता है। गुरु अपनी राशि में स्थित होने पर जातकों को शुभ फल देता है। बृहस्पति मार्गी होने के बाद वृषभ राशि, कर्क राशि, कन्या राशि के साथ वृश्चिक राशि के जातकों के लिए शुभफलदायी साबित होंगे। इस दौरान गुरु बृहस्पति जातकों को करियर में तरक्की के साथ आर्थिक रूप से मजबूत बनाने का कार्य करेंगे। कुछ जातकों को सैलरी में बढ़ोतरी के साथ पदोन्नति का लाभ भी मिल सकता है।
कुंडली में इस भाव में मौजूद बृहस्पति जातक को बनाता है मालामाल!
बृहस्पति को कलपुरुष कुंडली के चौथे भाव यानि कर्क में उच्च का माना जाता है। अगर आपने कुंडली के चौथे भाव में गुरु मौजूद हैं तो आपके लिए बहुत ही शुभ साबित होंगे। वहीं कुंडली में नवम और बारहवें भाव यानि धनु और मीन राशि मौजूद हों तो इन्हें उच्च शिक्षा के लिए सर्वश्रेष्ठ माना जाता है।
तो आपकी कुंडली में अगर आपको यह दशम भाव मकर राशि में विराजमान हों तो आपको सावधान हो जाना चाहिए। जिन लोगों की कुंडली में गुरु मजबूत होता है उन्हें कई तरह से लाभ मिलता है। जीवन में धन, धन, प्रतिष्ठा, प्रतिष्ठा और उच्च पद की प्राप्ति होती है। बृहस्पति ग्रह को किसी एक राशि से दूसरी राशि में जान के लिए लगभग 1 वर्ष का समय लगता है।