ज्योतिष शास्त्र के अनुसार प्रत्येक ग्रह एक निश्चित समय पर अपनी स्थिति बदलता है। इसका प्रभाव सभी राशियों के लोगों के जीवन में शुभ और अशुभ रूप में देखा जा सकता है। इस साल कई बड़े ग्रहों का गोचर होगा। इनमें गुरु भी शामिल हैं। 22 अप्रैल को गुरु मीन राशि को छोड़कर मेष राशि में प्रवेश करेगा। इस बीच राहु पहले से ही मेष राशि में स्थित है। बृहस्पति और राहु की इस युति के कारण गुरु चांडाल योग बनेगा। जानिए, किस राशि के जातकों के जीवन पर पड़ेगा नकारात्मक प्रभाव।

गुरु और राहु की युति के कारण इस राशि के लोगों को सावधान रहना होगा

कर्क राशि : ज्योतिष शास्त्र के अनुसार बृहस्पति का मेष राशि में प्रवेश और राहु के साथ युति कर्क राशि के जातकों के जीवन में कई परेशानियां पैदा करेगी। इस राशि के जातकों को इस दौरान शत्रुओं से सावधान रहने की जरूरत है। इस दौरान कार्यस्थल पर विवाद की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। गुरु चांडाल योग आपके लिए मुश्किलें पैदा करेगा। ऐसे में बेहतर होगा कि वाणी पर नियंत्रण रखें।

मिथुन राशि : गुरु और राहु की युति से गुरु चांडाल योग बनेगा। इस अवधि में मिथुन राशि वालों को कुछ परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। मिथुन राशि वालों को इस अवधि में निवेश करने से बचना चाहिए। शेयर बाजार और लॉटरी में पैसा लगाने से पहले कई बार सोच लें। धन हानि के संकेत हैं। ऐसे में इन लोगों की आय में कमी हो सकती है। साथ ही व्यक्ति को तनाव का भी सामना करना पड़ सकता है।

मेष राशि : बृहस्पति का मेष राशि में गोचर और मेष राशि में राहु की उपस्थिति इस राशि के लोगों के लिए परेशानी पैदा करेगी। इस दौरान इस राशि के लोगों को धन हानि हो सकती है। आत्मविश्वास में कमी आने की संभावना है। वहीं दूसरी ओर मेष राशि वालों को स्वास्थ्य संबंधी समस्या परेशान कर सकती है। कार्यक्षेत्र में सतर्क रहने की आवश्यकता है। क्योंकि गुरु चांडाल योग के कारण किसी अधिकारी से वाद-विवाद हो सकता है। कहीं भी नया निवेश करने से बचें।

केतु के अशुभ प्रभाव को कम करने के उपाय

केतु ग्रह की शांति के लिए शनिवार के दिन पीपल के पेड़ पर जल चढ़ाएं। इसमें थोड़ी दूर्वा भी डाल दें। इसके साथ ही शाम के समय घी का दीपक जलाएं। केतु के प्रकोप से बचने के लिए रविवार के दिन कन्याओं को खीर और मीठी दही खिलाएं।