June Festival 2020 India: सोमवार से जून महीने की शुरुआत होने जा रही है और इस नए माह के पहले दिन गंगा दशहरा पर्व मनाया जायेगा। इसके बाद निर्जला एकादशी, मासिक शिवरात्रि, योगिनी एकादशी, गुप्त नवरात्रि, ज्येष्ठ पूर्णिमा और गायित्री जयंती जैसे प्रमुख व्रत-त्योहार भी इसी माह पड़ेंगे। जानिये जून माह के सभी त्योहारों के बारे में…
गंगा दशहरा (1 जून): ज्येष्ठ माह की शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को गंगा दशहरा मनाने का विधान है। माना जाता है कि इसी दिन मां गंगा स्वर्ग से धरती पर आई थीं। धार्मिक दृष्टि से इस दिन गंगा में स्नान करने और दान करने का अत्याधिक महत्व माना जाता है।
निर्जला एकादशी (2 जून): एक महीने में दो एकादशी पड़ती हैं। ज्येष्ठ शुक्ल एकादशी को निर्जला एकादशी व्रत रखा जाता है। इस एकादशी का विशेष महत्व माना गया है। कहा जाता है कि अगर कोई व्यक्ति 24 एकादशी व्रत नहीं रख पा रहा हो तो वह निर्जला एकादशी व्रत को करके सभी एकादशियों का पुण्य प्राप्त कर सकता है।
कबीर जयंती, वटसावित्री पूर्णिमा (5 जून): वटसावित्री व्रत देश के कुछ हिस्सों में ज्येष्ठ अमावस्या के दिन तो कुछ हिस्सों में इसे पूर्णिमा के दिन किया जाता है। इस व्रत में बरगद के पेड़ की पूजा की जाती है। ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन ही कबीर जयंती भी मनाई जाती है। साल का दूसरा ग्रहण भी इसी तिथि में लगेगा।
योगिनी एकादशी (17 जून): आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली एकादशी को योगिनी एकादशी के नाम से जाना जाता है। मान्यता है कि इस व्रत को करने से पापों से मुक्ति मिल जाती है। यह व्रत इस लोक में भोग और परलोक से मुक्ति देने वाला है।
मासिक शिवरात्रि (19 जून): हर माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को शिवरात्रि व्रत रखा जाता है। इस दिन भगवान शिव की पूजा का विधान है। मान्यता है कि यह व्रत समस्त मनोकामनाएं पूर्ण करता है।
सूर्यग्रहण (21 जून): इस दिन साल का पहला सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है। जो भारत में भी दृश्य होगा। इस ग्रहण के दौरान सूर्य की आकृति कंकण के समान नजर आएगी। ग्रहण के दौरान दान पुण्य करने का विशेष महत्व माना गया है।
गुप्त नवरात्र (22 जून): आषाढ़ मास में गुप्त नवरात्र आते हैं। जिसमें गुप्त रूप देवी दुर्गा की दस महाविद्याओं की साधना की जाती है। यह साधना आमतौर पर तंत्र विद्या में रुचि रखनेवाले साधकों और तांत्रिकों के लिए खास होती है।
जगन्नाथ रथ यात्रा (23 जून): हर साल उड़ीसा राज्य के पुरी में आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया को भगवान जगन्नाथ की भव्य रथ यात्रा निकाली जाती है। इस रथ यात्रा की तैयारी महीनों पहले शुरू हो जाती है जिसमें हिस्सा लेने के लिए देश भर के अलावा विदेश से भी श्रद्धालु आते हैं।