Jivitputrika Vrat 2025 Jitiya Ki Aarti Lyrics In Hindi: इस साल जितिया व्रत 14 सितंबर 2025 को रखा जाएगा। यह व्रत माताएं अपनी संतान की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि के लिए रखती हैं। आपको बता दें कि जितिया व्रत को निर्जला रखा जाता है, जिसमें पूरे दिन जल तक ग्रहण नहीं किया जाता है। धार्मिक मान्यता है कि इस व्रत से भगवान जीवूतवाहन प्रसन्न होकर भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं। धर्म ग्रंथों में उल्लेख है कि इसी व्रत के पुण्य बल से पांडव पुत्र परीक्षित को मृत्यु के पश्चात जीवन मिला था। इस दिन महिलाएं सूर्यास्त के समय पूजा-अर्चना करती हैं और अगले दिन शुभ मुहूर्त में व्रत का पारण करती हैं। साथ ही, इस दिनजीमूतवाहन की आरती करना अनिवार्य माना गया है, क्योंकि इसके बिना व्रत का पूर्ण फल प्राप्त नहीं होता। ऐसे में यहां पढ़ें पूरी आरती…
पितृ पक्ष में नई चीज, प्रापर्टी- वाहन की खरीददारी क्यों है वर्जित? प्रेमानंद महाराज ने बताई वजह
जितिया व्रत की आरती
ओम जय कश्यप नन्दन, प्रभु जय अदिति नन्दन।
त्रिभुवन तिमिर निकंदन, भक्त हृदय चन्दन॥
ओम जय कश्यप..
सप्त अश्वरथ राजित, एक चक्रधारी।
दु:खहारी, सुखकारी, मानस मलहारी॥
ओम जय कश्यप..
सुर मुनि भूसुर वन्दित, विमल विभवशाली।
अघ-दल-दलन दिवाकर, दिव्य किरण माली॥
ओम जय कश्यप..
सकल सुकर्म प्रसविता, सविता शुभकारी।
विश्व विलोचन मोचन, भव-बंधन भारी॥
ओम जय कश्यप..
कमल समूह विकासक, नाशक त्रय तापा।
सेवत सहज हरत अति, मनसिज संतापा॥
ओम जय कश्यप..
नेत्र व्याधि हर सुरवर, भू-पीड़ा हारी।
वृष्टि विमोचन संतत, परहित व्रतधारी॥
ओम जय कश्यप..
यह भी पढ़ें:
धर्म संबंधित अन्य खबरों के लिए क्लिक करें
डिसक्लेमर- इस लेख में दी गई किसी भी जानकारी की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों जैसे ज्योतिषियों, पंचांग, मान्यताओं या फिर धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है। इसके सही और सिद्ध होने की प्रामाणिकता नहीं दे सकते हैं। इसके किसी भी तरह के उपयोग करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें।